खराब क्रेडिट स्कोर आपके और आपके लोन के बीच में खड़ा वो विलेन है जो आपके लोन लेने के अरमान पर पानी फेर सकता है. अगर आप इस विलेन को मात देना चाहते हैं तो आपको अपने वित्तीय व्यवहार को दुरुस्त रखना होगा. जानिए ऐसी पांच बातें जो आपके क्रेडिट स्कोर को बना और बिगाड़ सकती है–
1) क्रेडिट कार्ड
क्रेडिट कार्ड पेमेंट आप समय पर करते हैं? आपके हर तरह के क्रेडिट का पेमेंट क्रेडिट स्कोर का 30 फीसदी हिस्सा होता है. क्रेडिट कार्ड को प्लास्टिक मनी कहा जाता है लेकिन ये मिनी लोन लेने का अच्छा जरिया है. क्रेडिट कार्ड कंपनियां आपको दिल खोलकर खर्च करने का सुविधा देती हैं साथ ही इसके भुगतान के लिए 45 दिन तक समय भी देती हैं.
बैंक और वित्तीय संस्थानों का यह कारोबार खूब फल फूल रहा है. इसीलिए वह धड़ल्ले से क्रेडिट कार्ड इश्यू करते जाते हैं और लोग बिना समझे इसका इस्तेमाल करते हैं. अगर क्रेडिट कार्ड के बिल के भुगतान में एक दिन की भी देरी होती है तो आपका क्रेडिट स्कोर गिरना शुरू हो जाता है. आप भले ही एक दिन के बाद भुगतान कर दें लेकिन आपका स्कोर तब तक गिर चुका होता है.
लेकिन क्या क्रेडिट कार्ड असली विलेन है? फिनवे एफएससी के फाउंडर एवं सीईओ रचित चावला कहते हैं कि अगर आप क्रेडिट कार्ड को अनुशासन में रहकर इस्तेमाल करें तो ये आपको बढ़िया क्रेडिट स्कोर बनाने में मदद कर सकता है.
इसलिए यह सुनिश्चित करें कि आप जो क्रेडिट कार्ड पर जो उधार लेकर खर्च कर रहें हैं उसका भुगतान समय पर करें. न्यूनतम भुगतान करने की आदत न डालें वररना इस चक्र से निकलना मुशकिल है और बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी मोटा ब्याज आपस कमाती रहेगी.
2) क्रेडिट यूटिलाइजेशन
ये पैरामीटर आपके क्रेडिट स्कोर का 30 फीसदी हिस्सा होता है. क्रेडिट यूटिलाइजेशन का मतलब है कि आप अपने क्रेडिट का इस्तेमाल किस हद तक कर रहें हैं. क्रेडिट कार्ड के मामले में देखा जाता है कि कार्ड की लिमिट क्या है और क्या आप इसका पूरा इस्तेमाल कर लेते हैं ? लोन के मामले में देखा जाता है कि आपका कितना लोन बैलेंस बचा हुआ है. अगर क्रेडिट का 30 फीसद तक ही इस्तेमाल किया जाए तो ये आपके फेवर में रहेगा.
3) क्रेडिट हंगरी
लोन की बार–बार पूछताछ आपके क्रेडिट स्कोर को बिगाड़ देती है. ये आपको क्रेडिट हंगरी कंज्यूमर की श्रेणी में रख देती है. यानी आप लोन लेने के लिए बहुत हाथ पैर मार रहें हैं. आपकी बार–बार पूछताछ की वजह से कर्जदाता आपके क्रेडिट स्कोर की जांच करेंगे. ये क्रेडिट स्कोर कंपनियों के रिकार्ड में भी दर्ज होगा कि आपके स्कोर को बार–बार चेक किया जा रहा है. यानी आप लोन लेना चाह रहे हैं और एक बैंक से दूसरे बैंक जा रहे हैं. फिर भी लोन नहीं मिल रहा. इस तरह के रवैये को क्रेडिट स्कोर में 20 फीसद का भार दिया जाता है.
4) क्रेडिट मिक्स
कितने लोन हैं आपके पास ? इन लोन में कितने ऐसे लोन हैं जिस पर आपकी संपत्ति गिरवी है. जैसे होमलोन और कार लोन सिक्योर्ड लोन होता है. बिना बंधक वाले लोन जैसे कि पर्सनल लोन, कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन या एजुकेशन लोन अनसिक्योर्ड लोन कहे जाते हैं. इन दोनों का अनुपात मेल खाना चाहिए. पता चला एक बड़ा होमलोन का बैलेंस बाकी है. आपने इस पुनर्गठन कराया है क्योंकि उंची ईएमआई नहीं दे पा रहे हैं. ऊपर से कई पर्सनल लोन ले रखें हैं. क्रेडिट स्कोर का 10 फीसद हिस्सा क्रेडिट मिक्स के आधार पर तय होता है.
5) लोन गारंटर
यारी दोस्ती में आप बन गए किसी जानने वाले या किसी दफ्तर के सहकर्मी के लोन के गैरंटर. लेकिन अगर इस दोस्त ने डिफॉल्ट कर दिया तो सारी यारी दोस्ती धरी की धरी रह जाएगी और आपका क्रेडिट स्कोर बिगड़ जाएगा. इस तरह के डिफॉल्ट का असर आपके क्रेडिट स्कोर पर 10 फिसदी तक पड़ा सकता है. तो इन पांच बातों का ख्याल रखें और बढ़िया क्रेडिट स्कोर की तरफ कदम बढ़ाएं.
मनी9 की सलाह
अपने क्रेडिट स्कोर को लेकर सचेत रहें. छोटी सी भूल आपको बड़ी परेशानी में डाल सकती है. अपनी क्षमता के अनुसार लोन लें. यही रूल क्रेडिट कार्ड पर भी लागू करें. क्रेडिट कार्ड को स्वाइप करने से पहले अपने आप से एक सवाल जरूर पूछें कि इस खरीद की आपको कितनी जरूरत है? सवाल पर खर्च किए ये चंद पल आपकी हजारों की बचत करवा देंगे. बेहतर क्रेडिट स्कोर की तरफ कदम उठाने के लिए अपने हर वित्तीय लेनदेन की जांच करते रहें.