EPF खाते के बारे में ये बातें रखें हमेशा याद, रिटायरमेंट के वक्त नहीं होगी दिक्कत

किसी भी सैलरीड शख्स का EPF खाता होना चाहिए क्योंकि ये पैसा रिटायरमेंट के वक्त काम आता है. लेकिन, इससे जुड़ी कई चीजें आपको पता होनी चाहिए.

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EPF खाते के ट्रांसफर से लेकर ब्याज पर लगने वाले टैक्स तक कई चीजें आपको पता होनी चाहिए.

EPF खाते के ट्रांसफर से लेकर ब्याज पर लगने वाले टैक्स तक कई चीजें आपको पता होनी चाहिए.

एंप्लॉयी प्रॉविडेंट फंड (EPF) देश के सबसे भरोसेमंद और गारंटीड सेविंग्स स्कीम्स में माना जाता है. इस पर फिलहाल 8.50% ब्याज मिल रहा है. दूसरी ओर, PPF (पब्लिक प्रॉविडेंट फंड) भी करोड़ों लोगों का पसंदीदा निवेश जरिया है. लेकिन, इस पर आपको केवल 7.1% ब्याज मिलता है.

किसी भी सैलरीड शख्स का EPF खाता होना चाहिए क्योंकि ये रिटायरमेंट के वक्त के लिए सबसे अच्छा निवेश उपाय होता है. लेकिन, अगर आप अपनी नौकरी बदलने के साथ अपना EPF खाता ट्रांसफर नहीं कर पाए तो क्या होगा?

इसके अलावा, ये भी जानना जरूरी है कि किन स्थितियों में आपका EPF खाता निष्क्रिय या इनैक्टिव हो जाता है. यहां हम आपको ऐसी ही कुछ जरूरी चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं.

EPF खाता ट्रांसफर

यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) और PF अकाउंट नंबर न होने और EPF खाते के ट्रांसफर में जरूरी कुछ औपचारिकताओं के चलते ऐसा पाया गया है कि एंप्लॉयीज का एक तबका अपने पिछले EPF खातों को नई कंपनी में ट्रांसफर नहीं करा पाता है.

ऐसे हालात में, पुराने EPF खाते पर ब्याज मिलता रहता है, लेकिन हर महीने इसमें पैसा जमा नहीं होता है. ऐसे में ये ब्याज टैक्सेबल हो जाता है.

इनकम टैक्स एक्सपर्ट अरविंद अग्रवाल कहते हैं, “अगर कोई एंप्लॉयी नौकरी बदलने के साथ अपने EPF खाते को ट्रांसफर नहीं करा पाता है तो उसका PF खाता रुक जाता है. EPFO अपनी EPS स्कीम के तहत ऐसे सब्सक्राइबर्स को पेंशन बेनेफिट देता है, लेकिन इसके लिए EPF खाते में 15 साल लगातार कॉन्ट्रीब्यूशन की जरूरत होती है.”

नौकरी बदलने के साथ आपको अपने EPF खाते को भी ट्रांसफर करा लेना चाहिए. आपको ये काम अपने EPF खाते को नए UAN के साथ लिंक करके करना चाहिए.

इनैक्टिव अकाउंट

कई दफा EPF खाता इनैक्टिव भी हो जाता है.

अगर कोई शख्स स्थाई तौर पर भारत छोड़कर चला जाता है, या 55 साल बाद रिटायर हो जाता है और अपने खाते के पैसों को 3 साल के भीतर निकालता नहीं है तो ये खाता इनैक्टिव या निष्क्रिय हो जाता है.

अगर EPF अकाउंट होल्डर सेटलमेंट के लिए कोई एप्लिकेशन नहीं देता या नौकरी छोड़ने के 36 महीने के भीतर इस पैसे को नहीं निकालता है तो ये अकाउंट खत्म हो जाता है.

EPF पर टैक्स 

मौजूदा कानून के मुताबिक, EPF में किसी एंप्लॉयी का किया जाने वाला कॉन्ट्रीब्यूशन टैक्सेबेल नहीं होता है. हालांकि, 1 अप्रैल 2020 से अगर एक वित्त वर्ष में किसी एंप्लॉयीज का EPF खाते में कॉन्ट्रीब्यूशन 7.5 लाख रुपये से ऊपर हो जाता है तो उस पर टैक्स लग सकता है.

इसके अलावा, दो और ऐसी स्थितियां हैं जबकि EPF पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगता है.

1 अप्रैल 2021 से अगर कोई एंप्लॉयी अपने EPF खाते के साथ ही वॉलेंटरी प्रॉविडेंट फंड (VPF) के जरिए 2.5 लाख रुपये से ज्यादा निवेश करता है तो इस पर मिलने वाला ब्याज टैक्स के दायरे में आता है.

ये चीजें रखें याद

2019-20 के लिए EPFO पर 8.50 फीसदी ब्याज ऑफर किया गया है. 2018-19 में ये ब्याज 8.65% था.

अगर आप नौकरी बदलते हैं तो आपको अपना EPF खाता ट्रांसफर करा लेना चाहिए नहीं तो आपको सभी बेनेफिट्स नहीं मिल पाएंगे.

याद रखिए कि अगर आपके कई EPF खाते चल रहे हैं तो सभी खाते एक ही UAN नंबर से लिंक्ड होने चाहिए.अगर आप EPFO की 58 साल की रिटायरमेंट की उम्र से पहले रिटायर होते हैं तो आपको इसके 36 महीने के भीतर अपनी पूरी रकम निकाल लेनी चाहिए.

Published - May 31, 2021, 02:28 IST