पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) टैक्स बचाने के साथ-साथ निवेश का भी एक पॉपुलर ऑप्शन है. इसकी ब्याज दरें समय-समय पर सरकार तय करती है. हालांकि कुछ जानकार NPS को भी बेहतर रिटायरमेंट प्लान बताते हैं. क्योंकि इसका रिटर्न (ROI) 10 प्रतिशत के आसपास है.
PPF के फायदे
PPF लघु बचत योजना है. जो नौकरीपेशा नहीं हैं उनके लिए रिटायरमेंट फंड बनाने का यह एक अच्छा तरीका है. PPF खाता डाकघर या चुनिंदा बैंकों में खुलवा सकते हैं. खाते में हर साल कम से कम 500 रुपये जमा करवाने होंगे. खाते में जमा रकम पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी में टैक्स छूट मिलती है.
NPS अकाउंट में 80C का फायदा
EPF, GPF और PPF की तरह ही केंद्रीय कर्मचारियों को NPS के Tier-II अकाउंट पर धारा 80C के तहत टैक्स छूट मिल रही है. शर्त है कि Tier-II अकाउंट में रखे पैसे कम से कम 3 साल के लिए लॉक हों. यानि लॉक-इन पीरियड 3 साल है.
कर्मचारियों को फायदा
1 जनवरी 2004 के बाद NPS में शामिल हुए सभी केंद्रीय कर्मचारी के रिटायरमेंट कॉर्पस में बढ़ोतरी होगी. सबसे बड़ी बात है कि कर्मचारी बिना किसी बोझ के ज्यादा पेंशन पाएगा. केंद्रीय कर्मचारी अपनी मर्जी से अपना पेंशन फंड और इन्वेस्टमेंट पैटर्न चुन सकता है.
60% रकम निकासी टैक्स-फ्री
रिटायरमेंट के समय NPS से निकाली जाने वाली 60% रकम टैक्स फ्री है. हालांकि पहले NPS के कॉन्ट्रिब्यूटर को स्कीम में जमा रकम में से रिटायमेंट के समय 60 प्रतिशत रकम की निकासी में से 40 प्रतिशत टैक्स-फ्री थी जबकि बाकी 20 प्रतिशत पर कर लिया जाता है. बहरहाल, अब पूरी 60 प्रतिशत निकासी को टैक्स-फ्री कर दिया गया है.
सरकार ने कॉन्ट्रिब्यूशन बढ़ाया
केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिये नेशनल पेंशन सिसटम (NPS) में सरकार के योगदान को 10 फीसदी से बढ़ाकर 14% कर दिया गया है. साथ ही रिटायरमेंट पर NPS से विदड्राल पूरी तरह टैक्स फ्री कर दिया है.