NPS होगा और आकर्षक, PFRDA चेयरमैन की सरकार से बातचीत

रेगुलेटर ने सरकार को सुझाव दिया है कि NPS पर मिलने वाला फिलहाल 50,000 रुपये का अतिरिक्त टैक्स बेनिफिट बढ़ाकर दोगुना कर दिया जाए.

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NPS निवेश को लोगों के लिए और आकर्षक बनाने के लिए पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलप्मेंट अथॉरिटी (PFRDA) सरकार से कई बदलावों पर चर्चा कर रही है. नेशन पेंशन सिस्टम में टैक्स फायदा बढ़ाने से लेकर इसमें SWP यानी सिस्टेमैटिक विद्ड्रॉल प्लान की सुविधा जैसे फायदे शामिल हैं.

एक अखबार के साथ इंटरव्यू में PFRDA के चेयरमैन सुप्रतीम बंदोपाध्याय ने कहा है कि NPS में होने वाले बड़े बदलाव में महंगाई के मुताबिक इंडेक्सेशन एन्युटी का भी प्लान है.

उन्होंने कहा, “हमने सुझाव दिया है कि एन्युटी से आने वाली पेंशन को एक सीमा तक टैक्स-फ्री कर देना चाहिए, मसलन, एक साल में 10 लाख रुपये. या तो इसपर टैक्स ना लगे या कम टैक्स की देनदारी हो. आज के दौर में बड़ा लगने वाला 60,000 से 70,000 रुपये 10 से 15 साल बाद शायद जरूरत के लिए भी पर्याप्त ना हो. इसलिए इंडेक्सेशन और टैक्स को अहम भूमिका निभानी होगी.”

निवेशकों को कितना फायदा

रेगुलेटर के मुताबिक जब इंटरेस्ट रेट घट रहे होते हैं तो एन्युटी में 5 से 6 फीसदी का रिटर्न मिलता है. लंबी अवधि के निवेशकों के लिए ये फायदेमंद नहीं. उदाहरण के तौर पर, 2 लाख रुपये का निवेश एन्युटी के जरिए ज्यादा कमाई नहीं करा सकेगा.

रेगुलेटर ने सरकार को सुझाव दिया है कि NPS पर मिलने वाला फिलहाल 50,000 रुपये का अतिरिक्त टैक्स बेनिफिट बढ़ाकर दोगुना कर दिया जाए. साथ ही, उन्होंने ये भी कहा कि निवेशको को 5 लाख रुपये तक का कॉर्पस होने पर पूरी रकम निकालने की सुविधा दी जानी चाहिए.

इसके अलावा, रेगुलेटर ने NPS का डिस्ट्रिब्यूशन बढ़ाने के लिए पॉइंट ऑफ प्रेजेंस के तौर पर इंडिविजुअल रजिस्ट्रेश की अनुमति की भी मांग की है. यानी, थोड़े ऊंचे कमिशन पर इन एजेंट जैसे लोगों से निवेशक NPS में पैसा लगा पाएंगे. फिलहाल नए ग्राहकों को पॉइंट ऑफ प्रेजेंस के तौर पर 200 रुपये चार्ज देना होता है – या निवेश पर 0.2 फीसदी का कमिशन.

चेयरमैन ने कहा है, “हमारी कोशिश रही है कि इस निवेश पर कुल कॉस्ट कम रहे. इससे निवेशकों को फायदा हुआ है लेकिन अब समय आ गया है कि डिस्ट्रिब्यूशन चैनल को सुधारने पर काम हो ताकि कवरेज बढ़ सके. अब लोग की उम्र ज्यादा रहने की संभावना है. हम कोशिश करेंगे कि कैसे इन डिस्ट्रिब्यूशन पार्टनर्स को फायदा पहुंचाया जा सके.

मौजूदा गाइडलाइंस के मुताबिक निवेशक फिलहाल कुल कॉरपस में से  रिटायरमेंट पर सिर्फ 60 फीसदी रकम ही निकाल सकते हैं और बाकी की एन्युटी खरीदनी होती है. रेगुलेटर ने सुझाव दिया है कि निवेशक अपने पूरे कॉरपस से SWP करा सकें. इस सुविधा से निवेशक अपनी जरूरत के हिसाब से मैच्योरिटी पर पैसा निकाल सकेंगे.

Published - June 14, 2021, 04:08 IST