NPS- शेयरों में भी निवेश का है विकल्प, समझें पेंशन फंड्स की बारीकियां

NPS में किया गए निवेश को PFRDA के तहत पंजीकृत पेंशन फंड मैनेजर्स संभालते हैं. एक्टिव चॉइस में क्लास E विकल्प पर 50% निवेश शेयरों में होता है.

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Picture: Pixabay, अटल पेंशन योजना, सीनियर सिटीजन सेविंग स्‍कीम और प्रधानमंत्री वय वंदना योजना में निवेश कर चिंता मुक्‍त हो सकते हैं.

Picture: Pixabay, अटल पेंशन योजना, सीनियर सिटीजन सेविंग स्‍कीम और प्रधानमंत्री वय वंदना योजना में निवेश कर चिंता मुक्‍त हो सकते हैं.

Pension Funds: टैक्स बचत निवेश के लिए NPS यानि नेशनल पेंशन स्कीम सैलरीड क्लास में काफी लोकप्रिय है. NPS कई पैमानों पर खरा उतरने की वजह से निवेशकों की पसंद बना है – सेक्शन 80C के अतिरिक्त टैक्स छूट, इक्विटी में निवेश का विकल्प होने से अच्छे रिटर्न, उम्र के हिसाब से एलोकेशन में बदलाव का विकल्प और रिटायरमेंट के लिए कॉरपस जमा करने में मदद करता इन्वेस्टमेंट विकल्प. लेकिन शुरुआती निवेशकों को NPS की प्रक्रिया कई बार उलझान में डाल देती हैं – जैसे NPS में पेंशन फंड क्या है, पेंशन फंड कैसे चुनें, इनमें रिटर्न और रिस्क कितना है?

ये सब समझने से पहले ये समझ लें कि NPS कैसे काम करते हैं. नेशनल पेंशन स्कीम रिटायरमेंट के लिए निवेश करने का तरीका है. रिटायरमेंट पर आप इसमें से कुछ रकम निकाल पाएंगे बाकी रकम से आपको एन्युटी प्लान खरीदना होता है. इस एन्युटी प्लान के जरिए ही रिटायरमेंट के बाद आपको नियमित रकम मिलती है.

पहले समझें NPS निवेश

18 की उम्र से लेकर 60 साल तक की उम्र तक के लोग NPS खाता खुलवा सकते हैं. NPS में निवेश के लिए KYC (Know Your Customer) जानकारी भरनी होगी. अधिकतर बैंकों में ये सुविधा उपलब्ध है. खाता खुलवाने पर 12 डिजिट का पर्मानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (PRAN) जारी होता है. NPS में टियर 1 और टियर 2 खाते होते हैं. टियर 1 खाता अनिवार्य है जबकि टियर 2 खाता वॉलेंट्री है यानि टियर 1 खाता होने पर ही आप टियर 2 खाता खुलवा सकते हैं. दोनों में फर्क इतना है कि टियर 1 खाते से रकम निकालने की पाबंदियां हैं जबकि टियर 2 खाते से रकम निकाली जा सकती है. NPS में एक वित्त वर्ष में कम से कम 6,000 रुपये निवेश करना होता है.

यहां तक जानने के बाद अब आपके लिए ये समझना आसान होगा कि इन सब में पेंशन फंड की भूमिका कहां से शुरू होती है.

अब जानें NPS में पेंशन फंड क्या हैं?

NPS में किया गए निवेश को PFRDA (पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी) के तहत पंजीकृत पेंशन फंड मैनेजर्स ही संभालते हैं. फिलहाल ये पेंशन फंड मैनेजर्स हैं जो NPS निवेश मैनेज करते हैं –

– आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल (ICICI Pru) पेंशन फंड

– एलआईसी (LIC) पेंशन फंड

– कोटक महिंद्रा पेंशन फंड

– रिलायंस कैपिटल पेंशन फंड

– SBI पेंशन फंड

– UTI रिटायरमेंट सॉल्यूशंस

– HDFC पेंशन मैनेजमेंट कंपनी

– DSP ब्लैकरॉक पेंशन फंड मैनेजर्स

– आदित्य बिड़ला सनलाइफ पेंशन फंड मैनेजर्स

आप इन पेंशन फंड मैनेजर्स में से किसी को भी चुन सकते हैं और आपके पास भविष्य में प्रदर्शन से नाखुश होने पर इसे बदलने का भी विकल्प है.

इसी के साथ ही NPS में एक्टिव चॉइस चुनने पर आपके खुद तय कर पाएंगे कि किस एसेट क्लास में कितना निवेश हो. जबकि ऑटो चॉइस में आपकी उम्र के हिसाब से अपने आप क्लास तय होगी और निवेश होगा. एक्टिव चॉइस में क्लास E विकल्प चुनने पर 50 फीसदी निवेश शेयरों में होता है और क्लास C चुनने पर फिक्स्ड इनकम वाले विकल्पों में निवेश होता है और क्लास G चुनने पर सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश किया जाता है.

इन स्कीमों के इक्विटी प्लान के 5 साल के रिटर्न यहां देखें –

इनमें आदित्य बिड़ला सनलाइफ पेंशन स्कीम की इक्विटी कैटेगरी ने पिछले 3 साल में 12.30 फीसदी के रिटर्न दिए हैं. इस पेंशन फंड मैनेजर को अभी 3 साल ही हुए हैं.

Published - March 30, 2021, 05:45 IST