Mutual Fund: रिटायरमेंट के बाद भी रहेंगे 'ठाठ'! चुनें सॉल्यूशन ऑरिएंटेड फंड्स

लंबी अवधि के निवेश के लिए रिटायरमेंट फंड ही सबसे उपयुक्‍त इंस्‍ट्रूमेंट है. इसमें किया जाने वाला निवेश रिटायरमेंट बाद की जरूरतें पूरी करता है.

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Mutual Fund: अगर आपने अपना पोस्‍ट रिटायरमेंट प्‍लान नहीं किया है तो अब भी देर नहीं हुई है. आप जितना जल्‍दी अपनी रिटायरमेंट की प्‍लानिंग करेंगे, आपको सेवानिवृत्ति के समय उतना ज्‍यादा फायदा होगा. दरअसल, लंबी अवधि के निवेश के लिए रिटायरमेंट फंड ही सबसे उपयुक्‍त इंस्‍ट्रूमेंट है. इसमें किया जाने वाला निवेश रिटायरमेंट बाद की जरूरतें पूरी करता है. यह फंड सॉल्‍यूशन ऑरिएंटेड फंड की कैटगरी का है. आइए जानते हैं कि सॉल्‍यूशन ऑरिएंटेड फंड क्‍या होता है और इसमें कैसे निवेश कर आप अपना रिटायरमेंट जरूरतों का खर्च पूरा कर सकते हैं?

क्‍या होता है सॉल्‍यूशन ऑरिएंटेड फंड?
2018 में बाजार नियामक सेबी ने म्‍यूचुअल फंड (Mutual fund) को रिक्‍लासिफाई किया था. इसमें ही सॉल्‍यूशन ऑरिएंटेड फंड की कैटेगरी जोड़ी गई थी. इस फंड में चिल्‍ड्रेन और रिटायरमेंट फंड को रखा गया. ये दोनों ही फंड विशिष्‍ट जरूरतों से जुड़े हुए हैं. यानि आप अभी से पोस्‍ट रिटायरमेंट प्‍लानिंग शुरू कर सकते हैं ताकि बुढ़ापे में पैसे की चिंता न रहे.

लॉक इन पीरियड
इसमें 5 साल का लॉक इन पीरियड होता है. यानि 5 साल से पहले यह पैसा विड्रा नहीं कर सकते. हां, रिटायरमेंट अगर 5 साल से पहले आ जाता है तो ही पैसा निकालने की इजाजत है.

टैक्‍स छूट
सॉल्‍यूशन ऑरिएंटेड फंड में निवेश पर 80सी का बेनिफिट मिलता है.

फायदेमंद है निवेश
वित्‍तीय लक्ष्‍य तय करते यह जरूर ध्‍यान में रखना चाहिए कि रिटायरमेंट के बाद अच्‍छा रिटायरमेंट कॉर्पस कैसे होगा. इसलिए निवेश करते समय कितना रिटर्न आएगा, इसका अंदाजा लगाना जरूरी है.

रिटायरमेंट में कम टाइम बचा तो क्‍या करें
अगर आपके रिटायरमेंट 5 से 10 साल का वक्‍त है तो आपको इक्विटी में निवेश करना चाहिए. लेकिन अगर रिटायरमेंट की अवधि कम है तो फिर इक्विटी में निवेश जोखिम भरा हो सकता है. इसलिए इक्विटी और डेट फंड में बैलेंस बनाकर चलें. बेहतर होगा कि रिटायमेंट की अवधि जैसे-जैसे नजदीक आने लगे फंड का प्रपोर्शन बैलेंस करते चले. वहां स्विच करना बेहतर होगा.

कितना रिटर्न मिलेगा
अगर आपने निवेश कंजरवेटिव यानि डेट फंड में ज्‍यादा रकम डाली है तो रिटर्न फिक्‍स्‍ड होगा. इसमें 7 से 9 फीसदी तक रिटर्न मिलेगा. वहीं अगर मॉडरेट यानि डेट और इक्विटी दोनों में बराबर निवेश है तो फिर रिटर्न 9 से 11 फीसदी तक मिलेगा. वहीं अगर 5 साल या उससे ज्‍यादा के लिए इक्विटी में निवेश करते हैं तो रिटर्न 18 फीसदी तक हो सकता है.

Published - January 28, 2021, 10:07 IST