VPF पर मिलता है 8.5% रिटर्न, ऐसा उठाएं फायदा

VPF: वॉलेंट्री प्रोविडेंट फंड EPF खाते का ही एक्सटेंशन है. इसमें कोई भी व्यक्ति अपने EPF खाते में अपने मन मुताबिक अतिरिक्त कंट्रीब्यूशन कर सकता है

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सैलरी से निवेश और सेविंग के लिए जितनी भी कटौती होती है उसमें से एंप्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF) ही एक विकल्प है जो 8.5 फीसदी का रिटर्न देता है. ठीक ऐसे ही, वॉलेंट्री प्रोविडेंट फंड (VPF) भी इतनी ही कमाई कराता है.

VPF सिर्फ उन लोगों के लिए जिनके पास पहले से एक्टिव EPF खाता है.

क्या है VPF?

वॉलेंट्री प्रोविडेंट फंड EPF खाते का ही एक्सटेंशन है. इसमें कोई भी व्यक्ति अपने EPF खाते में अपने मन मुताबिक अतिरिक्त कंट्रीब्यूशन कर सकता है जिसे VPF कहा जाता है.

आम तौर पर, EPF में कर्मचारी के 12 फीसदी के निवेश से ज्यादा जमा की गई रकम को VPF माना जाता है. इसमें बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का आधिकतम 100 फीसदी रकम जमा की जा सकती है. इस रकम पर EPF जितना ही ब्याज मिलता है.

हालांकि, VPF में एंप्लॉयर की तरफ से निवेश की अनिवार्यता नहीं है. वहीं EPF में एंप्लॉयर की तरफ से 12 फीसदी का योगदान जाता है.

गौर करने वाली बात है कि एक बार अगर VPF चुन लिया तो अगले 5 साल तक उसे बंद नहीं करा सकते वरना उसपर टैक्स लगेगा.

VPF के फायदे

EPF के जैसे ही VPF पूरी तरह टैक्स-फ्री है. VPF में निवेश रकम, ब्याज की कमाई और प्राप्त पैसों पर कोई टैक्स नहीं लगता. EPF की ही तरह VPF भी सुरक्षित निवेश है और इसे रिस्क-फ्री लंबी अवधि का निवेश माना जाता है.

सरकार की ओर से गारंटी वाले किसी भी अन्य निवेश विकल्प में 8.5 फीसदी का ब्याज नहीं मिल रहा.

इसमें किए निवेश पर भी इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत मिलने वाली सालाना 1.5 लाख रुपये की तक की टैक्स छूट क्लेम की जा सकती है.

ऐसे खोलें खाता

VPF अकाउंट खुलवाने के लिए एंप्लॉई को कंपनी के पास अतिरिक्त निवेश के लिए अर्जी देनी होगी. इसके लिए एक रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरना होगा. आपका मौजूदा EPF खाता ही VPF खाते के तौर पर भी काम करेगा.

पैसे निकालने के नियम

VPF में भी EPF की ही तरह का लॉक-इन पीरियड है. अगर आप 5 साल से पहले पैसे निकालना चाहते हैं तो टैक्स लगेगा.

कर्मचारी के रिटायर होने या रिजाइन करने पर मैच्योरिटी रकम उन्हें दे दी जाती है. खाताधारक की मृत्यु पर नॉमिनी को VPF में जमा पैसा दिया जाता है.

VPF में जमा पैसा रिटायरमेंट के लिए है और इस पैसे को किसी खास स्थिति में ही निकाला जा सकता है जैसे मेडिकल इमरजेंसी, उच्च शिक्षा, बच्चों की शादी और घर बनवाने या खरीदने के लिए.

होगी कितनी कमाई?

एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर आप हर महीने 3,000 रुपये का निवेश करते हैं तो 30 से 35 वर्ष में ये रकम बढ़कर काफी बड़ी हो जाएगी क्योंकि इसपर ब्याज दर ज्यादा है.

टैक्स एक्सपर्ट अरविंद अग्रवाल के मुताबिक, “डेट म्यूचुअल फंड में भी इस तरह के रिटर्न नहीं मिलते, क्योंकि VPF आपके EPF खाते से ही जुड़ा है, इसपर रिटर्न हमेशा ज्यादा होगा. ये सुरक्षित निवेश विकल्प है.”

Published - June 5, 2021, 05:25 IST