कोविड के दौर में रिटायरमेंट प्लानिंग से जुड़ी ये बातें रखें याद

कोविड की वजह से जिन लोगों ने PF से पैसे निकाले हैं और अब रिटायरमेंट के लिए बचत करना चाहते हैं तो उनके लिए क्या रास्ते हैं

Your retirement life can be a lot of fun if you have already done this planning

रिटायरमेंट प्लानिंग में देरी करना सही नहीं है. कम उम्र में प्लानिंग से ज्यादा फायदा होता है. 25-35 की उम्र से रिटायरमेंट प्लानिंग की शुरुआत करनी चाहिए.

रिटायरमेंट प्लानिंग में देरी करना सही नहीं है. कम उम्र में प्लानिंग से ज्यादा फायदा होता है. 25-35 की उम्र से रिटायरमेंट प्लानिंग की शुरुआत करनी चाहिए.

कच्छ के हरीभाई सोनी निजी कंपनी के कर्मचारी हैंपिछले साल नौकरी से निकाले जाने के बाद आर्थिक तंगी के कारण उन्होंने पीएफ अकाउंट से पैसे निकाल लिए थेलेकिन अब उनके हालात अच्छे हो रहे हैं और वे रिटायरमेंट सेविंग्स करना चाहते हैं.

EPFO के ताजा डेटा के मुताबिक, 6 करोड़ में से 3.5 करोड़ पीएफ खाता धारकों ने कुल 1.25 लाख करोड़ रुपये (अप्रैल 2020 तकनिकाल लिए हैं.

कोरोना की वजह से सामने आई आर्थिक चुुनौतियों से लड़ने के लिए हरीभाई जैसे कई लोगों ने PF अकाउंट से पैसा निकाला है और अब रिटायरमेंट के लिए निवेश करना चाहते हैं तो इसके साथ जुड़े कुछ सवालों के जवाब ढूंढते हैंः

सबसे पहले क्या करें?

हरीभाई को ये तय करना होगा कि वे कितने साल बाद रिटायर होना चाहते हैंरिटायरमेंट के बाद के जीवन के लिए आवश्यक राशि की गणना करने के लिए आसान फॉर्मूला उपलब्ध हैजिसमें रिटायरमेंट की अवधि ‘n’ है.

आज से ‘n’ वर्ष बाद वर्तमान आवश्यकताओं का भावी मूल्य वर्तमान खर्चx(1+महंगाई दर)xn

कौन से खर्च ध्यान में रखें?

हरीभाई को प्लानिंग करने से पहले मौजूदा खर्च के अलावा होने वाले खर्च को आधार बनाना चाहिएजो खर्च आज हो रहे हैं वो रिटायरमेंट के बाद नहीं होंगेजैसे की बच्चों की शिक्षाहोम लोन किस्त वगैरह.

उस वक्त उनके सामने हेल्थ खर्च जैसे अन्य खर्च आ सकते हैसभी खर्च एक अनुपात से नहीं बढ़तेरहने का खर्च महंगाई की आम दर के हिसाब से बढ़ता हैवहीं मेडिकलट्रैवल और लग्जरी खर्च में ज्यादा तेजी से वृद्धि हो रही है.

महंगाई दर को न भूलें

साल दर साल निर्वाह खर्च बढ़ता चला जा रहा हैआज का 50,000 रुपये मासिक घर खर्च 25 साल के बाद फीसदी महंगाई दर के हिसाब से बढ़कर करीब 1.7 लाख रुपये (3.5 गुनाहो जाएगा.

महंगाई का असर रिटायर होने के बाद भी पड़ेगाबल्कि कमाई न होने की वजह से इसका असर ज्यादा पड़ेगा.

रिटायरमेंट सेविंग के लिए कम से कम फीसदी महंगाई दर के आधार पर गिनती करनी चाहिए.

ऊंची दर का अनुमान रखना बेहतर रहेगा. अगर आपके अनुमान से महंगाई दर कम रहती है तो आपके पास ज्यादा पूंजी रहेगी.

फिजूल खर्चों से दूरी रखें

आपको रिटायरमेंट सेविंग्स का टारगेट हासिल करने के लिए फिजूल के खर्चों से और वेल्थ डिस्ट्रॉयर से दूर रहना होगाबचत और निवेश पर फोकस करना होगा.

ऊंची ब्याज दरों पर मिलने वाले पर्सनल लोनक्रेडिट कार्ड लोनइंश्योरेंस कम इनवेस्टमेंट प्लान्स से दूर रहना होगा. 40 साल की उम्र के बाद लोन लेकर दूसरी या तीसरी प्रोपर्टी में निवेश करने की गलती करने से बचना होगा.

बचत का थंब रूल याद रखें

उम्र के हिसाब से बचत और निवेश की योजना बनाएएक थंब रूल है, 20-30 की उम्र तक कम से कम 20%, 30-40 की उम्र तक 30%, 40-50 की उम्र तक 40% और 50 की उम्र के बाद कम से कम 50% हिस्सा बचाना चाहिए.

बढ़ती उम्र के साथ जिम्मेदारियां और खर्च भी बढ़ते हैंइसलिए इस रूल का पालन करेंआपका रिटायरमेंट नजदीक आ रहा है तो अपने लक्ष्य को पाने के लिए आक्रामक रणनीति अपना सकते हैइसके लिए आप इक्विटी से जुड़ी एसेट में निवेश कर सकते हैं.

Published - May 22, 2021, 03:40 IST