क्यों फायदे का सौदा है रीसेल की प्रॉपर्टी?

तुरंत अपने घर में शिफ्ट होने की चाहत और डिलिवरी में देरी के अलावा, कम कीमत और अच्छी लोकेशन भी रीसेल प्रॉपर्टी के मार्केट को हवा दे रहे हैं.

क्यों फायदे का सौदा है रीसेल की प्रॉपर्टी?

रियल एस्टेट मार्केट में तेजी के इस दौर में प्रॉपर्टी की कीमतें आसमान छू रही हैं. ऐसे में अगर आप घर खरीद रहे हैं तो नया आशियाना तलाशने में काफी दिक्कत हो सकती है. हो सकता है जहां लोकेशन अच्छी है वहां की प्रॉपर्टी आपके बजट से बाहर हो. जो बजट के अंदर है उसकी लोकेशन सही न हो. सड़क, बिजली-पानी, पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिक्योरिटी जैसी जरूरी चीजें पहुंच से बाहर हों. ऐसे में रीसेल प्रॉपर्टी आपके लिए अच्छा ऑप्शन हो सकती है.

क्या है रीसेल प्रॉपर्टी?

रीसेल प्रॉपर्टी को आसान शब्दों में पुरानी प्रॉपर्टी कह सकते हैं. यानी ऐसा घर या मकान जिसे बिल़्डर से किसी व्यक्ति ने खरीदा था या खुद बनवाया था और अब वह इसे आपको बेच रहा है. कई लोग रीसेल प्रॉपर्टी खरीदना पसंद करते हैं क्योंकि वे तुरंत घर में शिफ्ट होना चाहते हैं ताकि लोन लेने पर EMI और किराए की दोहरी मार न पड़े. अंडर कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट में घर मिलने में आमतौर पर 3 से 4 साल का समय लगता है, वहीं बिल्डर के गड़बड़ी करने पर घर फंसने का जोखिम भी रहता है. ऐसे लाखों मामले हैं, जहां सालों से लोगों का घर फंसा हुआ है. रीसेल का घर आपकी इन चिंताओं को दूर करता है.

क्या कहती है एनारॉक की रिपोर्ट?

प्रॉपर्टी कंसल्टेंट एनारॉक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश के सात प्रमुख शहरों में मई 2022 के अंत तक करीब 4 लाख 80 हजार मकान कंस्ट्रक्शन के अलग-अलग चरणों में फंसे हुए हैं. इन मकानों में काम पूरी तरह ठप पड़ा है या बहुत देरी से चल रहा है. इनकी कीमत 4 लाख 48 हजार करोड़ रुपए है. ये हाउसिंग प्रोजेक्ट साल 2014 या उसके पहले के हैं. इन शहरों में NCR, मुंबई महानगर क्षेत्र, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, पुणे और कोलकाता शामिल हैं.

फंसे घरों की बात करें तो इसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी NCR और मुंबई महानगर क्षेत्र (MMR) का सबसे ज्यादा 77 फीसदी हिस्सा है. NCR में 2 लाख 40 हजार 610, जबकि मुंबई महानगर क्षेत्र (MMR) में 1 लाख 28 हजार 870 मकान फंसे हुए हैं.

PropTiger.com की रिपोर्ट में क्या है?

तुरंत अपने घर में शिफ्ट होने की चाहत और डिलिवरी में देरी के अलावा, कम कीमत और अच्छी लोकेशन भी रीसेल प्रॉपर्टी के मार्केट को हवा दे रहे हैं. PropTiger.com की रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 8 प्रमुख शहरों में साल 2022 में घरों की कीमतों में औसत 7 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है. साल 2021 के मुकाबले साल 2022 में कीमत बढ़कर 6,700-6,900 रुपए प्रति स्क्वायर फुट हो गई है. गुरुग्राम में घर की कीमत में सबसे ज्यादा 13 फीसदी की तेजी आई है. यहां दाम 7,000-7,200 रुपए स्क्वायर फुट पहुंच गए हैं. बिल्डिंग मटेरियल और लेबर जैसे कंस्ट्रक्शन कॉस्ट बढ़ना इसकी एक वजह है.

रीसेल प्रॉपर्टी खरीदने से पहले क्या देखें?

महंगाई के इस दौर में रीसेल प्रॉपर्टी आपको राहत दे सकती है. नए फ्लैट के मुकाबले उसी लोकेशन पर पुराना फ्लैट 15 से 30 फीसदी तक सस्ता पड़ता है. जैसे-जैसे प्रॉपर्टी पुरानी होती जाती है नए के मुकाबले उसकी कीमत घटती जाती है. ऐसे में आप कम पैसे में अच्छी डील हासिल कर सकते हैं लेकिन ऐसी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले कुछ छानबीन करने की जरूरत होती है.

सबसे पहले रीसेल प्रॉपर्टी की एज यानी घर कितना पुराना है ये पता करें. इसके लिए स्ट्रक्चरल इंजीनियर की मदद ले सकते हैं. वो आपका बताएगा कि घर में कितनी मजबूती बची है, वरना आपको रेनोवेशन में भारी खर्च करना पड़ सकता है. घर की रजिस्ट्री या टाइटल डीड चेक करें ताकि उसके मालिक का सही-सही पता चल सके. अगर किसी सोसायटी में फ्लैट खरीद रहे हैं तो मेंटनेंस चार्ज, बिजली बिल या किसी तरह का कोई और बकाया न हो ये चेक करें. प्रॉपर्टी पर किसी तरह का लोन या कानूनी झमेला तो नहीं है. बिना रजिस्ट्री वाले फ्लैट खरीदने से बचें क्योंकि इसे ज्यादातर बैंक और NBFC फाइनेंस नहीं करते हैं और अगर करते भी हैं तो इंटरेस्ट रेट काफी ज्यादा होता है.

Published - July 18, 2023, 05:56 IST