राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में घरों के किराए में तेज उछाल आया है. साल 2022 के दौरान यहां हाउसिंग रेंटल में 25 से 40 फीसद तक का उछाल आया है. नए मकानों की सप्लाई में कमी के बीच स्कूल-ऑफिस फिर से खुलने से किराये वाले घरों की मांग बहुत ज्यादा बढ़ी है. इस वजह से किराया भी बहुत ज्यादा बढ़ गया है. NCR के अलावा बेंगलुरु, मुंबई, पुणे, चेन्नई जैसे बड़े शहरों में भी कमोबेश यही हाल है.
बड़े शहरों में कितना बढ़ा किराया?
रियल एस्टेट पोर्टल ‘मैजिकब्रिक्स’ के हाउसिंग रेंटल इंडेक्स के मुताबिक, साल 2022 के पहले 9 महीनों में देश के 13 प्रमुख शहरों में तिमाही दर तिमाही किराया बढ़ा है. पहली यानी जनवरी-मार्च तिमाही में किराए में औसतन 4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई. दूसरी तिमाही में किराए में 8.4 फीसदी की वृद्धि हुई. वहीं, तीसरी यानी जुलाई-सितंबर अवधि में रेंट में 5.2 फीसदी की तेजी आई है. इन शहरों में अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, नवीं मुंबई, नोएडा, पुणे और ठाणे शामिल हैं. किराया बढ़ने के इस गणित को उदाहरण से समझते हैं.
अवधि वृद्धि
जनवरी-मार्च – 4 फीसदी
अप्रैल-जून – 8.4 फीसदी
जुलाई-सितंबर – 5.2 फीसदी
(नोट- वृद्धि तिमाही दर तिमाही; सोर्स- मैजिकब्रिक्स)
मान लीजिए दिसंबर 2021 में किसी घर का किराया 20,000 रुपए था. जनवरी-मार्च तिमाही में किराए में 4 फीसदी की वृद्धि हुई तो रेंट बढ़कर 20,800 रुपए हो गया. अप्रैल-जून तिमाही में यह 8.4 फीसदी और बढ़कर 22,547 रुपए हो गया है. जुलाई-सितंबर में यही किराया 5.2 फीसदी बढ़ा, जिसके बाद किराया 23,719 रुपए हो गया. यानी सिर्फ 9 महीने में किराया 3700 रुपए यानी करीब 17 फीसदी बढ़ गया.
किराया बढ़ने की क्या है वजह?
जानते हैं कि आखिर क्या वजह है जो किराया इतना बढ़ गया है. कोविड का कहर छंटने के बाद ऑफिस फिर से खुल गए हैं… इसके चलते लोगों ने वापस शहर का रुख किया और डिमांड में तेजी आई है… हालांकि, डिमांड में तेजी के हिसाब से सप्लाई नहीं बढ़ी क्योंकि महामारी के दौरान हाउसिंग प्रोजेक्ट को पूरा करने में काफी रुकावटें आईं… डिमांड और सप्लाई के मिसमैच ने किराएदारों का बजट बिगाड़ दिया… दूसरी तरफ, महामारी का समय मकान मालिकों के लिए सूखा रहा… वे किराया नहीं बढ़ा सके… इस नुकसान की भरपाई के लिए हालत सुधरने के बाद तेजी से किराया बढ़ाया गया..