वैश्विक नागरिक बनने के लिए अमीर भारतीय इन दिनों तेजी से विदेशी प्रॉपर्टीज में निवेश कर रहे हैं. वे दुबई, लंदन और न्यूयॉर्क जैसे शहरों के अलावा ऑस्ट्रिया, मिस्र और जॉर्डन जैसे देशों में प्रॉपर्टी खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं. वे इन निवेश कार्यक्रमों के जरिए वहां की नागरिकता हासिल करते हैं.
इंडिया सोथबीज इंटरनेशनल रियल्टी के इंटरनेशनल बिजनेस के निदेशक आकाश पुरी का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय रियल एस्टेट में नई तेजी ऊर्जा आई है. अमीर लोग दुबई, लंदन और न्यूयॉर्क जैसे शहरों में संपत्ति लेने में अपनी दिलचस्पी दिखा रहे हैं. एंटीगुआ और बारबुडा, डोमिनिका, ग्रेनेडा, माल्टा, सेंट किट्स एंड नेविस और सेंट लूसिया भी हाई इनकम वाले व्यक्तियों के बीच लोकप्रिय विकल्प हैं. इन सबके बीच दुबई और पुर्तगाल अमीर भारतीय परिवारों के लिए पसंदीदा स्थान बने हुए हैं.
कंपनी के लक्जरी आउटलुक सर्वे 2023 के अनुसार, भारत की 11% समृद्ध आबादी सक्रिय रूप से विदेशी जगहों में रियल एस्टेट के अवसर तलाश रही है. पुरी कहते हैं कि दुबई, जिसकी 30% से अधिक प्रवासी आबादी भारतीयों की है. विदेशों में संपत्ति खरीदना उस देश का गोल्डन वीजा हासिल करने का एक सीधा रास्ता है. यही वजह है कि लोग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निवेश करना चाहते हैं. एक्सपर्ट का मानना है दुबई में टैक्स में रियायत मिलने की वजह से रियल एस्टेट निवेश में लोगों की रुचि को बढ़ा दिया है.
यूरोप में, 2022 में नागरिकता निवेश डेटा के अनुसार पुर्तगाल सबसे अधिक मांग वाला देश (60%) था, जहां हाई इनकम भारतीयों ने रियल एस्टेट में निवेश किया था. भारतीय नागरिकों के कुल रियल एस्टेट निवेश आवेदनों में से 55% पुर्तगाल से आए. पुर्तगाल के अलावा, डोमिनिका, ग्रेनाडा, सेंट किट्स एंड नेविस और एंटीगुआ और बारबुडा के रियल एस्टेट में भी भारतीयों ने दिलचस्पी दिखाई है.