प्रॉपर्टी में महिलाओं को मालिकाना हक हासिल करने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा है. पैतृक प्रॉपर्टी में महिलाओं की हिस्सेदारी को बढ़ावा के लिए कानून के जरिए बदलाव किए गए हैं. ऐसे ही ज्यादा से ज्यादा महिलाएं प्रॉपर्टी खरीदें (Home Buyers) और घर उनके नाम हो इसके लिए भी सरकार ने अपनी नीतियों के जरिए प्रोत्साहन दिया है. इसमें होम लोन (Home Loan) की ज्यादा सीमा, कम ब्याज से लेकर खास स्कीमें शामिल हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भी सरकार ने महिलाओं को मालिकाना हक दिलाने के लिए कई रियायतें दी हैं. प्रॉपर्टी में निवेश से महिलाएं आर्थिक रूप से और सशक्त होंगी इसी मकसद से ऐसे कई रियायतें दी गई हैं. आप ऐसी कई स्कीमों और बैंकों की तरफ से कई मिलने वाले बेनिफिट का फायदा उठाकर अपने लिए फ्लैट और जमीन सस्ते में खरीद सकती हैं.
प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY)
प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) की गाइडलाइंस के तहत परिवार की एक महिला को घर का को-ओनर (Co-Owner) यानि साझा मालिक बनाने का प्रावधान है. आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (इकोनॉमिक वीकर सेक्शन- EWS) और लोअर इनकम ग्रुप (LIG) कैटेगरी के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) का फायदा उठाने के लिए परिवार की किसी महिला को प्रॉपर्टी में साझा मालिक बनाना होगा. ये नियम उन सभी नए घरों के लिए जो अभी खरीदे जाएंगे. प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत घर खरीदारों (Home Buyers) को सब्सिडी दी जाती है. 6 लाख रुपये तक के घर पर 20 साल की अवधि के लिए 6.5 फीसदी की दर से सब्सिडी मिलती है. इस स्कीम के तहत घर खीरदने पर 2.67 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिलती है.
ये स्कीम अविवाहित, सीनियर सिटिजन और विधवा महिलाओं के लिए भी मान्य है.
होम लोन पर ब्याज दर कम, लिमिट ज्यादा
महिलाओं में घर की ओनरशिप बढ़ाने के लिए बैंक भी आम दरों से कम ब्याज दर पर होम लोन देते हैं. सभी निजी और सरकारी बैंकों में महिलाओं को होम लोन (Home Loan) 0.05 फीसदी से 0.15 फीसदी तक कम ब्याज दर पर मिलता है. ये छूट भले कम लगे पर लंबी अवधि के बड़े लोन पर ये रियायत भी बड़ी हो जाती है. घर खरीदने के लिए लिमिट महिला होम बायर्स (Home Buyers) के लिए ज्यादा है. वहीं अगर होम लोन पर अपनी पत्नी को को-ओनर बनाने पर लिमिट बढ़ाई जा सकती है. को-ओनर बनाने से परिवार की कुल आय बढ़ती है जिससे लोन की लिमिट बढ़ेगी.
महिलाओं के लिए स्टैंप ड्यूटी कम
राज्य स्तर पर महिलाओं पर स्टैंप ड्यूटी (Stamp Duty) पुरुषों के मुकाबले कम लगती है. राज्य के मुताबिक इसमें 1-2 फीसदी का फर्क हो सकता है. यानि अगर आप 30 लाख रुपये का लोन ले रहे हैं तो उसपर 30 हजार से 60 हजार तक की कटौती.
टैक्स बचत
अगर पति-पत्नी दोनों कमाते हैं तो को-ओनर बनने से दोनों इनकम टैक्स भरते वक्त 1.5 लाख रुपये तक होम लोन के ब्याज पर छूट पा सकते हैं.