Covid-19 की दूसरी लहरः घरों की डिमांड पर क्या होगा असर?

कोविड-19 की दूसरी लहर ने देश में हालात खराब कर दिए हैं, ऐसे में इसका असर अब रियल्टी सेक्टर पर भी पड़ने की आशंका पैदा हो रही है.

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लॉन्ग कमिटमेंट करते समय जितना पॉसिबल हो उतनी फ्लेक्सिबिलिटी देखनी चाहिए. इसलिए लैंडर सिलेक्ट करते समय EMI ऑप्शन को समझदारी से चुनना चाहिए

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देश में कोविड-19 की दूसरी लहर एक बड़ी तबाही के तौर पर आई है. पिछले कुछ दिनों से हर दिन 3 लाख से ज्यादा कोविड संक्रमण के नए मामले आ रहे हैं. इसके साथ ही हर रोज 2,000 से ज्यादा लोगों की मौत हर रोज इस महामारी से हो रही है. हालात बिगड़ने के साथ ही देश के कई हिस्सों में लॉकडाउन, नाइट लॉकडाउन या वीकेंड कर्फ्यू लगा दिए गए हैं. इसके चलते एक बार फिर से आर्थिक गतिविधियों पर भी असर पड़ता दिख रहा है. बड़ी संख्या में लोगों ने एक बार फिर से अपने घरों की ओर वापस लौटना शुरू कर दिया है. कोविड के चलते पैदा हो रहे ऐसे हालात का असर घरों की मांग पर भी पड़ने की आशंका पैदा हो गई है.

कोविड को लेकर रियल्टी मार्केट में चिंता

हाल में ही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्रेडाई के नेशनल प्रेसिडेंट हर्ष वर्धन पटोदिया ने कहा है, “हम कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर को लेकर चिंतित हैं. जब तक लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन सपोर्ट उपलब्ध है और प्रवासी मजदूर साइट्स पर हैं, मुझे नहीं लगता कि कोई दिक्कत होगी. अगर पूरी तरह से लॉकडाउन लगाया जाता है तो सेंटीमेंट पर बुरा असर पड़ सकता है. कोविड-19 शॉर्ट-टर्म के लिए दिक्कत हो सकती है.”

कॉन्फिडेंस में गिरावट

नाइट फ्रैंक-फिक्की-नारेडको रियल एस्टेट विश्वास सूचकांक (Knight Frank-FICCI-NAREDCO) , पहली तिमाही-2021 (जनवरी-मार्च) सर्वे के अनुसार रियल एस्टेट विश्वास सूचकांक 2020 की चौथी तिमाही के 65 अंक से गिर कर 2021 की पहली तिमाही में 57 रह गया.

नाइट फ्रैंक-फिक्की-नारेडको के हालिया सर्वे में कहा गया है कि मार्च 2021 से कोविड के मामलों में आई तेजी से रेजिडेंशियल लॉन्च और बिक्री में 2021 की पहली तिमाही में गिरावट आई है. हालांकि, इसमें कहा है कि अगले छह महीने में रेजिडेंशियल मार्केट अच्छी रफ्तार से बढ़ता रहेगा.

इस रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए पोद्दार हाउसिंग एंड डेवलपमेंट के प्रबंधनिदेशक रोहित पोद्दार ने कहा कि महामारी ने कारोबार में विकल्पों पर निर्णय को प्रभावित किया है. उन्होंने कहा कि सावधानी और हालात सुधारने के लिए उठाए गए सुधारवादी कदमों से रियल एस्टेट क्षेत्र में लगातार तीन तिमहियों में उल्लेखनीय बिक्री हुई. पर पहली अप्रैल से स्टाम्प शुल्क ( मुंबई क्षेत्र में) में बदलाव के बाद रियल एस्ट क्षेत्र की समग्र धारणा और मांग में गिरावट आई है.

कुछ वक्त पहले ही रिकवरी आई थी

गौरतलब है कि कुछ वक्त पहले ही रियल्टी मार्केट में मामूली रिकवरी दिखाई दी थी. रियल एस्‍टेट सेक्‍टर से जुड़ी फर्म 99acres.com पर 14 अप्रैल को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी-मार्च 2021 के दौरान देश में घरों की बिक्री (House Sale) में सालाना आधार पर 20 फीसदी बढ़ोतरी हुई है. हालांकि, कोरोना वायरस की दूसरी लहर के चलते हैदारबाद और बेंगलुरु में धीमी रिकवरी देखने को मिली है. चेन्‍नई और कोलकाता में घरों की मांग प्री-कोविड लेवल से ऊपर चली गई है.

लोगों की कमाई घटने से घट रही डिमांड

लेकिन, एक बार फिर से हाउसिंग सेक्टर में सेल्स और लॉन्चिंग में गिरावट की आशंका पैदा होने लगी है. पिछले साल कोविड-19 संक्रमण की शुरुआत और लॉकडाउन लगने के बाद बड़े पैमाने पर लोगों को नौकरियां गंवानी पड़ीं या फिर सैलरी में कटौती का सामना करना पड़ा है. इसके बाद घरों की सेल्स में गिरावट आना शुरू हो गई. पिछले कुछ वर्षों में रियल्टी सेक्टर के लिए मुश्किल वक्त रहा है. मार्केट में प्राइसेज कम चल रहे हैं और खरीदार भी नदारद रहे हैं.

Published - April 26, 2021, 04:08 IST