घर खरीदारों की सहूलियत के लिए लाया गया रियल एस्टेट रेगुलेटरी एक्ट को 4 साल को हो गए हैं और इन चार सालों में RERA के तहत साढ़े 65 हजार से ज्यादा शिकायतों का निवारण किया गया है तो वहीं साढ़े 63 हजार से ज्यादा प्रोजेक्ट्स रजिस्टर हुए हैं. अब तक 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में RERA लागू हो चुका है और 27 राज्यों में प्राधिकरण की अपनी वेबसाइट भी एक्टिव है. जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, मेघालय और सिक्किम ने भी RERA को नोटिफाई कर दिया है.
RERA रियल एस्टेट और हाउसिंग मार्केट में बतौर नियामक काम करता है और उन्हीं प्रोजेक्ट्स को रजिस्ट्रेशन देता है जिनमें सभी मानदंड़ो का पालन किया गया है. इस तरह ये घर खरीदारों के लिए ना सिर्फ बड़ी पूंजी खर्च करने से पहले प्रोजेक्ट की जानकारी का जरिया बना है बल्कि बिल्डर और डेवलपर्स की ओर से हुई धोखाधड़ी या देरी की शिकायतों पर भी एक्शन लेता है.
RERA इतना कारगर हुआ है कि अन्य राज्यों कों अलग से कानून बनाने की जरूरत नहीं रही. मगंलवार को सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के अपने रियल एस्टेट कानून को रद्द कर दिया है. पश्चिम बंगाल के हाउसिंग इंडस्ट्री रेगुलेशन एक्ट 2017 (WB-HIRA) को रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये पहले से लागू केंद्रीय कानून रियल एस्टेट (रेगुलेशन एंड डेवलेपमेंट) एक्ट 2016 के समानांतर कानून लाने की कोशिश है और इसलिए असंवैधानिक है.
कोर्ट ने कहा कि WB-HIRA हूबहू RERA जैसा ही है इसलिए संविधान की कॉनकरेंट लिस्ट के तहत संसद के कानून बनाने की अथॉरिटी का उल्लंघन है.
RERA के तहत पिछले 4 साल में 63,583 प्रोजेक्ट्स रजिस्टर हुए हैं तो वहीं इस दौरान 65,539 शिकायतों का हल निकाला गया है, प्रॉपर्टी कंसल्टेंट संस्था एनारॉक ने अपनी रिपोर्ट में जानकारी दी है. ये डाटा 24 अप्रैल 2021 तक का है.
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 2 साल में RERA के तहत प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन में 58 फीसदी का उछाल आया है.
कुल हल हुई शिकायतों में से 40 फीसदी शिकायतें सिर्फ उत्तर प्रदेश से ही हैं. 4 साल में उत्तर प्रदेश से 26,510 मामलों का निवारण किया गया है जबकि हरियाणा में 13,269 शिकायतों पर एक्शन लिया गया और महाराष्ट्र में 9,265 मामलों पर. ये तीन राज्य मिलकर ही कुल शिकायतों का 74 फीसदी हिस्सा रखती हैं.
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शिकायतों के समाधान में उत्तर प्रदेश RERA आगे रहा तो वहीं रजिस्ट्रेशन के मसले में 45 फीसदी रजिस्ट्रेशन महाराष्ट्र से आया है. रजिस्टर हुए 63,583 प्रोजेक्ट्स में से गुजरात में 13 फीसदी, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में 6 फीसदी और उत्तर प्रदेश में 5 फीसदी प्रोजेक्टस शामिल हैं.
एनारॉक प्रॉपर्टी कंसंल्टेंट्स के चेयरमैन अनुज पुरी का कहना है, “उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा शिकायतों पर एक्शन लिया गया है जो इस लिए भी खास है क्योंकि नोएडा और ग्रेटर नोएडा धोखाधड़ी और अवैध डील से सबसे ज्यादा ग्रस्त रहा है.”
वहीं पिछले 2 साल में RERA के अंतर्गत पंजीकृत रियल एस्टेट एजेंट्स की संख्या भी 72 फीसदी बढ़कर 50,256 हो गई है.