Rent Agreement: आज के समय में किराया आमदनी का एक अच्छा और बेहतर साधन है. अगर आपके पास कोई प्रॉपर्टी है तो उसे किराए पर दे दें. इससे आपको हर महीने एक निश्चित आय होती रहेगी. वहीं दूसरी तरफ देखें तो किराए के मकान उन लोगों के लिए वरदान समान हैं, जो पैसे न होने की वजह से अपना आशियाना नहीं बना पाते हैं, लेकिन किसी भी प्रॉपर्टी को किराए पर देने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. जिससे आपको आगे चलकर किसी तरह की कोई समस्या न हो.
प्रॉपर्टी लेने या किराए पर देने से पहले उसका रेंट एग्रीमेंट (Rent Agreement) या किरायानामा बनवाना जरूरी होता है. इसका फायदा दोनों पक्षों को होता है. रेंट एग्रीमेंट में प्रॉपर्टी का मालिक अपनी शर्तों को बता सकता है और प्रॉपर्टी को किराए पर लेने वाले व्यक्ति को वो शर्ते माननी होती है. इससे दोनों के बीच आपसी सहमति हो जाती है.
इससे आगे चलकर विवाद की स्थिति उत्पन्न नहीं होती है और अगर होती भी है तो उसका निदान हो जाता है.
Rent Agreement बनवाने के लिए आपको अपने किराएदार और दो गवाहों के साथ वकील के पास जाना होगा. वकील आपसे कुछ जरूरी दस्तावेज़ों की मांग करेगा. वहीं Rent Agreement के लिए कुछ फीस चार्ज करेगा. रेंट एग्रीमेंट बनने के बाद आप इसे पक्का करने के लिए लिखित किरायानामा लेकर अपने क्षेत्र के रजिस्ट्रार ऑफिस जाकर इसे जमा कर दें.
वहां पर आपको गवाहों की जरूरत पड़ेगी. इन गवाहों की उम्र 18 वर्ष से ज्यादा होनी चाहिए. अगर आप इसे नोटरी करवा रहे हैं तो 11 महीने का रेंट एग्रीमेंट बनवाना चाहिए.
– रेंट एग्रीमेंट किस दिन और किस तारीख को बनाया जा रहा है इसका जिक्र होना चाहिए.
– रैंट एग्रीमेंट हमेशा स्टैंप पेपर पर ही बनाया जाता है. इस पर मकानमालिक और किराएदार दोनों के दस्तखत होने जरूरी होते हैं.
– कई लोग रेंट एग्रीमेंट के लिए 50 रुपये के स्टांप पेपर का उपयोग करते हैं, लेकिन आपको इसके लिए 100 रुपये के स्टांप पेपर का प्रयोग करना चाहिए.
– प्रॉपर्टी कितने समय के लिए किराए पर दी जा रही है इसका जिक्र भी किराएनामे में होना चाहिए.
– रेंट एग्रीमेंट में किराए की ठीक जानकारी आवश्यक होती है, साथ ही किराया देने की समय अवधि की तारीख भी होनी चाहिए और किस दिन से विलंब शुल्क लगाया जाएगा, यह भी साफ-साफ लिखा होना चाहिए.
– किराएनामे में किराएदार द्वारा दी जा रही सिक्योरिटी मनी का जिक्र भी होना चाहिए.
– रेंट एग्रीमेंट में मकान मालिक किराएदार को किस तरह की सुविधाए दे रहा है तथा किस तरह की चीजें मना करने के लिए कहना चाहता है उसका जिक्र होना चाहिए.
– मकान मालिक हर साल कितना किराया बढ़ाना चाहता है इसका जिक्र भी Rent Agreement में होना चाहिए.
– किराएदार को घर छोड़ने या मकानमालिक द्वारा घर छुड़वाने से एक महीने पहले नोटिस देना जरूरी होता है.
– रेंट एग्रीमेंट 11 महीने तक वैध होता है और नए एग्रीमैंट में पहले कानूनन किराए में 10% की वृद्धि का प्रावधान है. यदि मकान मालिक इस से ज्यादा किराया बढ़ाने का दबाव बनाता है, तो किराएदार को आपत्ति जताने का अधिकार है.