उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने रुकी हुई रियल एस्टेट परियोजनाओं की समस्या के निदान के लिए नीति आयोग के पूर्व मुख्य अधिशासी अधिकारी अमिताभ कांत की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा की गई सिफारिशों को मंगलवार को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से रुकी हुई रियल एस्टेट परियोजनाओं के सिलसिले में इसी साल मार्च में नीति आयोग के पूर्व मुख्य अधिशासी अधिकारी अमिताभ कांत की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी. मंत्रिमंडल ने आज उसकी सिफारिशों को मंजूरी दे दी है.
उन्होंने बताया कि समिति की सिफारिशों में दो मुख्य बातें थीं. पहली-जो फ्लैट खरीदार आज की तिथि में निवास कर रहे हैं उनका रजिस्ट्रेशन और सब लीज डीड तत्काल कराया जाना चाहिए. दूसरी- कोरोना महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों में एक अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक ‘जीरो पीरियड’ में किस्त पर ब्याज माफी का लाभ दिया जाना चाहिए. खन्ना ने बताया कि यह व्यवस्था वाणिज्यिक, खेल या मनोरंजन वाली परियोजनाओं पर लागू नहीं होगी. उन्होंने बताया कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा या राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अन्य जिलों में जिन लोगों के मकान आधे बने हुये थे या उन्हें कब्जा नहीं मिला था, उनके लिए केंद्र सरकार ने यह समिति गठित की थी.
खन्ना ने बताया कि ‘इंडियन बैंक एसोसिएशन’ के एक अनुमान के अनुसार, पूरे देश में लगभग चार लाख 12 मकान बिल्डर की खराब वित्तीय हालत की वजह से पूरे नहीं हो पा रहे हैं. इनमें से दो लाख 40 हजार घर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में हैं. समिति की सिफारिश लागू होने पर घर खरीदारों की हितों की रक्षा होगी तथा रुकी हुई परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरी करके खरीदारों को पूर्ण निर्मित फ्लैट समय पर उपलब्ध होंगे.