संपत्ति पर मालिकाना हक दिलाने के लिए बड़े काम की है ये योजना

Property: यदि आपके पास प्रॉपर्टी के दस्तावेज हो, तो उसके आधार पर बैंक से लोन लेना आसान हो जाता है. स्वामित्व योजना बेहद काम की साबित होती है

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दिल्ली की बात करें तो सर्किल रेट में छूट और मिल रही सब्सिडी से छोटे फ्लैट से आप शुरुआत कर सकते हैं.

दिल्ली की बात करें तो सर्किल रेट में छूट और मिल रही सब्सिडी से छोटे फ्लैट से आप शुरुआत कर सकते हैं.

Property: देश की 60 फीसदी से ज्यादा आबादी गांव और कस्बों में बसती है, लेकिन पुरानी व्यवस्था के तहत ज्यादातर ग्रामीणों के पास अपनी प्रॉपर्टी (Property)  के मालिकाना हक के दस्तावेज नहीं हैं. इस समस्या का समाधान बन सकती है प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना.

लोन लेना आसान

एडवोकेट हिमांशु पटेल बताते हैं “यदि आपके पास प्रॉपर्टी के दस्तावेज हो, तो उसके आधार पर बैंक से लोन लेना आसान हो जाता है. ग्रामीणों को वैसे भी बेटियों की शादी या खेती से संबंधित औजारों के लिए लोन की जरूरत होती है.  दस्तावेज नहीं होने की वजह से वे साहूकारों के चक्‍कर में फंस जाते हैं.”

भेजा जाएगा एसएमएस

स्वामित्व योजना में पंजीकरण होने के बाद मोबाइल फोन पर SMS भेजा जाएगा, जिस पर क्लिक करने से वे प्रॉपर्टी कार्ड डाउनलोड कर सकेंगे. प्रॉपर्टी कार्ड का उपयोग फाइनेंशियल एसेट के रूप में हो सकता है. क्योंकि उसके आधार पर ग्रामीणों को लोन या दूसरे फाइनेंशियल बेनिफिट लेने में मदद मिलेगी.

ऐसे करें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन

योजना का लाभ लेने के लिए आपको प्रॉपर्टी कार्ड के रजिस्ट्रेशन के वक्त आधार कार्ड और आधार कार्ड से लिन्क मोबाइल नंबर की जानकारी देनी जरूरी है.

– सबसे पहले आपको https://www.egramswaraj.gov.in पर जाना होगा.

– इस वेबसाइट के होम पेज पर ‘New User Registration’ बटन पर क्लिक कीजिए.

– अब आपकी स्क्रीन पर रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुल जाएगा.

– एप्लीकेशन फॉर्म में नाम, पता, मोबाइल नंबर और ई-मेइल आईडी जैसी जानकारी भरने के साथ प्रॉपर्टी की जानकारी भर दीजिए.

– इसके बाद एप्लीकेशन फॉर्म ऑनलाइन जमा करवा दें.

– रजिस्ट्रेशन प्रोसेज खत्म होने के बाद आपको एप्लीकेशन नंबर दिया जाएगा.

कौन ले सकता है इस योजना का फायदाः

– जिस व्यक्ति की गांव में प्रॉपर्टी हो.

– जो लोग 25 सितंबर 2018 से या उस तारीख के बाद से आबादी वाली जमीन का उपयोग कर रहे हैं, उन्हें इसके स्वामित्व का रिकॉर्ड मिल सकता है.

– 16 राज्यों के 3 लाख लोगों को प्रॉपर्टी कार्ड मिल चुके हैं और 6.62 लाख गांव को शामिल करने का लक्ष्य है.

स्वामित्व योजना काम कैसे करती हैः

– रहने लायक जमीन का मेजरमेंट ड्रोन से किया जाता है.

– ड्रोन से गांव की सीमा में आने वाली प्रत्येक प्रॉपर्टी का डिजिटल मैप तैयार होता है.

– इसके साथ प्रत्येक रेवन्यू ब्लॉक की सीमा तय की जाती है.

– ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके कौन सा घर कौन से इलाके या ब्लॉक में है उसका सही मेजरमेंट लिया जाता है.

– इस डेटा के आधार पर राज्य सरकार द्वारा गांव के प्रत्येक घर-मालिक को प्रॉपर्टी कार्ड जारी होता है.

गांवो में फाइनेंशियल स्टेबिलिटी आएगीः

ग्राम पंचायतों को जितना संभावित प्रॉपर्टी टैक्स मिलना चाहिए, उसका सिर्फ 19 फीसदी मिलता है. यदि ग्राम पंचायतो के पास जमीनों के रिकॉर्ड रहेंगे और ग्रामीणों के पास प्रॉपर्टी के दस्तावेज होंगे तो ग्राम पंचायत उनसे प्रॉपर्टी टैक्स वसूल सकेगी और उसका उपयोग गांव में विभिन्‍न सुविधाएं मुहैया कराने में हो सकेगा. इससे ग्राम्य क्षेत्रों में फाइनेंशियल स्टेबिलिटी भी आएगी.

Published - June 7, 2021, 09:29 IST