कोरोना की दूसरी लहर ने देशभर को लपेटे में लिया है और वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) अगले कई महीनों तक जारी रहने के आसार हैं. इससे कमर्शियल ऑफिस को लीज यानी किराए पर देने के कारोबार में दबाव देखने को मिला है. ये दबाव आगे भी जारी रहने की आशंका है. लेकिन इस बीच देश की दिग्गज IT कंपनियों की तरफ से हायरिंग बढ़ना ये उम्मीद दिलाता है कि साल 2022 में ऑफिस स्पेस (Office Space) सेक्टर के लिए स्थिति बेहतर हो सकती है, एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स ने अपनी रिपोर्ट में ये जानकारी दी है.
कोरोना के दौर में सभी कंपनियां डिजिटल फ्रेमवर्क पर शिफ्ट हुई हैं. इससे IT कंपनियों को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है. शेयर बाजार में भी सबसे ज्यादा रौनक IT शेयरों में ही रही. एनारॉक की रिपोर्ट के मुताबिक देश की 4 दिग्गज IT कंपनियों – TCS, इन्फोसिस, HCL और विप्रो – ने वित्त वर्ष 2021 के पहले 9 महीनों में 42,000 नए कर्मचारियों को नौकरी दी है. वहीं कॉग्निजेंट और कैपजेमिनाई ने साल 2020 में 39,500 लोगों को नौकरी पर रखा है. ये कंपनियां इस साल भी तकरीबन 23,000 से 30,000 कर्मचारियों को अपने साथ जोड़ने की तैयारी में हैं.
साल 2021 में दबाव जारी रहने का अनुमान है. कोरोना की दूसरी लहर चिंता बनकर उभरी है और इससे कमर्शियल मार्केट पर छोटी अवधि के लिए खराब असर पड़ेगा. अंतरराष्ट्रीय कारोबार भी सामान्य तौर पर पटरी पर नहीं लौटा. कुछ राज्यों में आंशिक लॉकडाउन का भी इसपर असर देखने को मिलेगा.
रिपोर्ट में जारी आंकड़ों के मुताबिक फिलहाल लीजिंग (Office Space Leasing) में साल 2021 की पहली तिमाही में 30-35 फीसदी की गिरावट आई है. लेकिन 2022 और 2032 में ऑफिस डिमांड बढ़ने का अनुमान है. IT और ITeS सेक्टर इस डिमांड के पीछे मुख्य वजह होंगे. इन कंपनियों की ओर से की गई हायरिंग से पता लगता है कि जब ऑफिस खुलेंगे तो इनके लिए वर्कस्पेस की जरूरत पड़ेगी और इस डिमांड की पूर्ति से कमर्शियल सेगमेंट में सुधार आएगा.
एनारॉक की रिपोर्ट के मुताबिक WFH आगे बढ़ने के बावजूद साल 2022 में कई ऑफिस फिर से खुलने का अनुमान है. वर्कफ्रॉस जब वापस लौटेगा तब सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए ऑफिस में ज्यादा स्पेस (Office Space) की जरूरत होगी. अनुमान के मुताबिक फिलहाल एक कर्मचारी के लिए 80 स्क्वेयर फीट की जरूरत होती है तो वहीं कोरोना के दौर के बाद ये बढ़कर 120 से 130 स्क्वेयर फीट होने की संभावना है.
ऑफिस में लौटने की मुख्य वजहें ये हो सकती हैं कि डाटा सिक्योरिटी रहेगी, वर्क फ्रॉम होम में कर्मचारियों को तय समय से ज्यादा काम करने के दबाव से राहत मिलेगी और एक साथ टीम में काम करने पर प्रोडक्टिविटी बढ़ने की भी उम्मीद है.