भारत के छह प्रमुख शहरों में कार्यालय स्थल की मांग इस साल अच्छी रहेगी. फिक्की-कोलियर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार घरेलू और विदेशी कंपनियां अपने व्यवसाय विस्तार के लिए 2024 में 5-5.5 करोड़ वर्ग फुट क्षेत्र पट्टे पर ले सकती हैं. छह प्रमुख शहरों बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, मुंबई और पुणे में कार्यालय स्थल का कुल पट्टा 5.82 करोड़ वर्ग फुट था. उद्योग निकाय फिक्की और रियल एस्टेट सलाहकार कोलियर्स इंडिया ने इस सप्ताह की शुरुआत में अपनी रिपोर्ट जारी की. रिपोर्ट में कार्यालय मांग के लिए तीन परिदृश्य दिए गए हैं – आशावादी, यथार्थवादी और निराशावादी.
मांग 5 करोड़ वर्ग फुट से ज्यादा रहने का अनुमान
रिपोर्ट के अनुसार यथार्थवादी स्थिति में, इन छह शहरों में इस साल श्रेणी-क के कार्यालय स्थल का कुल पट्टा 5-5.5 करोड़ वर्ग फुट होने का अनुमान है. आशावादी स्थिति में यह आंकड़ा 5.5-6 करोड़ वर्ग फुट तक जा सकता है, जबकि निराशावादी परिदृश्य में यह 4.5-5 करोड़ वर्ग फुट तक गिर सकता है. कोलियर्स इंडिया के कार्यालय सेवाओं के प्रमुख अर्पित मेहरोत्रा ने कहा कि भारत में कार्यालय स्थान की मांग 2024 में लगातार तीसरी बार पांच करोड़ वर्ग फुट से अधिक रहने का अनुमान है.
जेएलएल इंडिया ने भी जताया है मांग बढ़ने का अनुमान
दूसरी ओर जेएलएल इंडिया ने दिसंबर में आई रिपोर्ट में बताया था कि साल 2024 में ऑफिस की मांग 450 से 470 लाख वर्ग फुट रहने का अनुमान है. साल 2023 की तुलना में ऑफिस की मांग में 20 से 22 फीसद की बढ़ोतरी होने का अनुमान है. रिपोर्ट में बताया गया था कि हाइब्रिड मॉडल के साथ ऑफिस आकर काम करने को प्राथमिकता दिया जाने लगा है. अर्थशास्त्रियों का कहना है कि साल 2024 में रिसर्च एवं डेवलपमेंट सेंटर खुलने के साथ ही अन्य गतिविधियों में तेजी आने की संभावना है जिससे ऑफिस स्पेस की मांग में बढ़ोतरी हो सकती है.