किराये के घरों के लिए मोदी सरकार का बड़ा फैसला, जानिए आप पर होगा क्या असर?

Model Tenancy Act: ज्यादा हाउसिंग स्टॉक होने से काम के लिए दूसरे शहर में शिफ्ट हुए लोगों, स्टूडेंट्स और प्रवासी लोगों के लिए घर ढूंढना आसान होगा. 

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image: Pixabayसर्वे के परिणामों के अनुसार सबसे ज्यादा असमानता दिल्ली में सामने आई.

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Model Tenancy Act: देश का रियल्टी सेक्टर पिछले कई वर्षों से सुस्ती के दौर से गुजर रहा है. खासतौर पर प्रॉपर्टी रेंटल का सेगमेंट मुश्किल हालात में बना हुआ है. ऐसे में अब मोदी सरकार ने इसमें जान डालने की कोशिश की है.

इसी संबंध में केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को मॉडल टेनेंसी एक्ट (Model Tenancy Act) को मंजूरी दे दी है जिससे रेंटल हाउसिंग से जुड़ी कानूनी प्रक्रिया और फ्रेमवर्क आसान हो सकेगा. प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इसे हरी झंडी दिखाई गई है.

किरायेदार-मकान मालिक दोनों को फायदा

इस कानून के आने से किराये के उपलब्ध घरों की तादाद बढ़ेगी. खासतौर पर इससे किराये पर ढूंढ रहे और घर किराये पर देने की कोशिश कर रहे दोनों ही तरह के लोगों को फायदा होगा.

कोविड के दौर में बड़ी तादाद में लोग एक जगह से दूसरी जगह पर शिफ्ट हुए हैं और ऐसे में उनके घर किराये के लिए खाली हैं या वे किराये पर घर ढूंढ रहे हैं. इस कानून के आने से ऐसे लोगों को फायदा होने की उम्मीद है.

दूसरी ओर, रेंटल का कामकाज ज्यादा स्ट्रक्चर्ड होने से निजी प्लेयर्स को भी कामकाज करने में आसानी होगी.

राज्यों को कानून बनाने में मदद मिलेगी

सरकार की तरफ से कहा गया है कि इस एक्ट को मंजूरी मिलने से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में किराये के मकानों को लेकर कानूनों में बदलाव या नए नियम लाए जा सकेंगे.

बयान के मुताबिक, इससे कानूनी प्रक्रिया आसान होगी जिससे रेंटल हाउसिंग में ग्रोथ देखने की उम्मीद है.

मॉडल टेनेंसी एक्ट से क्या फायदे?

सरकार ने कहा है कि एक्ट के जरिए किराये के मकानों को फॉर्मल मार्केट से जोड़ा जा सकेगा. इससे ज्यादा घर किराये पर दिए जा सकेंगे. खाली पड़े मकानों को किराये के लिए दिया जा सकेगा.

साथ ही, इससे रेंटल हाउसिंग के बिजनेस मॉडल में भी इससे बदलाव होगा और इसमें प्राइवेट प्लेयर्स की एंट्री मुमकिन हो पाएगी.

प्रॉपर्टी कंसल्टेंट कंपनी एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी का कहना है कि मॉडल टेनेंसी एक्ट (Model Tenancy Act) से किरायेदारों और मकान मालिकों के बीच जो भरोसे की कमी रही है उस गैप को भरने में मदद मिलेगी. देशभर में खाली पड़े मकानों को किराये पर दिया जा सकेगा.

पुरी के मुताबिक, एक्ट में प्रस्ताव है कि शिकायतों के हल के लिए अलग से रेंट कोर्ट और रेंट ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा. हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में इनके गठन से किराये के मकानों को लेकर शिकायतों की सुनवाई हो सकेगी.

ज्यादा हाउसिंग स्टॉक होने से काम के लिए दूसरे शहर में शिफ्ट हुए लोगों, स्टूडेंट्स और प्रवासी लोगों के लिए घर ढूंढना आसान होगा.

पुरी कहते हैं कि अमल में आने के बाद रेंटल मार्केट में बड़े रिफॉर्म होंगे और हाउसिंग सेक्टर के भी अच्छे दिन आएंगे. ये फैसला सही दिशा में लिया गया है लेकिन राज्य इसपर किस तरह अमल करते हैं ये देखना होगा.

नेशनल रियर एस्टेट डेवलप्मेंट काउंसिल के नेशनल प्रेसिडेंट निरंजन हीरानंदानी ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा, “NAREDCO जैसी इंडस्ट्री बॉडी ने काफी समय से मॉडल टेनेंसी एक्ट की मांग की है जिससे ज्यादा किराये के मकानों उपलब्ध हो सकेंगे.”

उनका कहना है कि एक ऐसे नए कानून की जरूरत थी जिससे सभी स्टेकहोल्डर्स जैसे किरायेदार, मकान मालिक और निवेशक – सभी के लिए रेंटल हाउसिंग में डील करना और ट्रांजैक्शंस आसान हो सके.

Published - June 2, 2021, 06:50 IST