लग्‍जरी घरों की बढ़ी मांग, HNIs और NRIs हैं प्रमुख खरीदार

रियल एस्‍टेट जगत के दिग्‍गज डेवलपर्स 27 से 50 करोड़ रुपए तक के प्रोजेक्‍ट तैयार कर रहे हैं

लग्‍जरी घरों की बढ़ी मांग, HNIs और NRIs हैं प्रमुख खरीदार

इनदिनों मार्केट में लग्‍जरी और आलीशान घरों की खूब डिमांड है. यही वजह है कि रियल एस्‍टेट जगत के दिग्‍गज डेवलपर्स जैसे- डीएलएफ, लोढ़ा, सनटेक और गोदरेज आदि लग्‍जरी सेग्‍मेंट के प्रोजेक्‍ट पर ध्‍यान दे रहे हैं. वे 27 से 50 करोड़ रुपए तक के प्रोजेक्‍ट तैयार कर रहे हैं. हाई नेटवर्क इंडिविजुअल्‍स (HNIs) और अप्रवासी भारतीयों (NRIs) की इसमें दिलचस्‍पी के चलते ऐसे प्रोजेक्‍ट की मांग बढ़ रही है. हालांकि पूरे रियल एस्‍टेट क्षेत्र में लग्‍जरी सेग्‍मेंट का हिस्‍सा काफी छोटा होता है, लेकिन इसमें मार्जिन काफी ज्‍यादा रहता है.

साल की शुरुआत में डीएलएफ ने इस बारे में जानकारी दी कि उसने गुरुग्राम में डीएलएफ कैमिला नाम के प्रोजेक्‍ट की करीब 70 यूनिट बेची हैं. इससे कंपनी को काफी फायदा हुआ है. ये यूनिट 27 से 50 करोड़ रुपए के बीच थे. वहीं मुंबई में सनटेक सिग्‍निया पर्ल प्रोजेक्‍ट के तहत लग्‍जरी घरों की कीमत 22 से 25 करोड़ रुपए है. वहीं मुंबई में ही लोढ़ा मालाबार के प्रोजेक्‍ट की भी कीमत लगभग 25 करोड़ से ज्‍यादा है. डेवलपर्स का कहना है कि इस सेक्‍टर में अच्‍छी मांग देखने को मिल रही है.

क्‍या कहते है रियल एस्‍टेट के दिग्‍गज
लग्‍जरी घरों की बढ़ती मांग को लेकर डीएलएफ के एक अधिका‍री का कहना है कि आलीशन मकानों की मांग पिछले पांच साल में लगभग दोगुनी हो गई है. सुपर लग्‍जरी घरों के खरीदार आमतौर पर बिजनेसमैन, नए उद्यमी, एचएनआई और एनआरआई हैं. इस बारे में लोढ़ा ग्रुप का भी मानना है कि सुपर लग्‍जरी घरों से करीब 12 से 15 फीसद तक सेल्‍स आती है. पिछले दो वर्षों में हाउसिंग सेक्‍टर में काफी तेजी आई है और इसी को देखते हुए ऐसे प्रोजेक्‍टों में काम जारी रहेगा.

HNIs की संख्‍या में होगा इजाफा
रियल एस्टेट एजेंसी नाइट फ्रैंक की ओर से जारी वेल्थ रिपोर्ट 2023 से पता चला है कि 30 मिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति वाले भारत के अल्ट्रा-हाई-नेट-वर्थ व्यक्तियों में अगले पांच वर्षों में आधे से अधिक (58.4%) की वृद्धि होगी. इतना ही नहीं अगले पांच वर्षों में यानी 2027 तक यह संख्या बढ़कर 19,119 व्यक्तियों तक पहुंचने की संभावना है. ऐसे में अरबपतियों की आबादी भी साल 2022 में मौजूदा 161 से बढ़कर 2027 में 195 तक पहुंचने की उम्मीद है.

Published - August 31, 2023, 06:53 IST