घर खरीदारों के लिए अच्छी खबर: कर्नाटक ने घटाई स्टैंप ड्यूटी, मिलेगा कितना फायदा?

Stamp Duty: प्रॉपर्टी कंसल्टेंट ANAROCK के मुताबिक बंगलुरू में अधिकतर डिमांड मिड-सेगमेंट में हैं जिनकी कीमत 50 लाख से 1 करोड़ रुपये के बीच है.

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Picture: PTI

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महराष्ट्र के बाद अब कर्नाटक सरकार ने भी स्टैंप ड्यूटी में कटौती है. राज्य ने बजट के ऐलान में सरकार ने ये ऐलान किया है. कर्नाटक में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 35-45 लाख रुपये के घरों पर स्टैंप ड्यूटी (Stamp Duty) 5 फीसदी से घटाकर 3 फीसदी कर जिया है.

कर्नाटक के मुख्य मंत्री बी एस येदियुरप्पा ने राज्य के बजट भाषण में कहा कि अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा देने के लिए 35 से 45 लाख रुपये तक के अपार्टमेंट के रजिस्ट्रेशन पर लगने वाली स्टैंप ड्यूटी वित्त वर्ष के लिए 5 फीसदी से घटाकर 3 फीसदी की गई है.

हालांकि इस छूट से रियल एस्टेट इंडस्ट्री बहुत खुश नहीं है. प्रॉपर्टी रिसर्च और कंल्टेंसी कंपनी ANAROCK के चेयरमैन अनुज पुरी के मुताबिक इस कदम से सेंटिमेंट में जरूर सुधार होगा लेकिन इससे बंगलुरू में उस तरह हाउसिंग बूस्ट नहीं मिलने की संभावना जैसी मुंबई में स्टैंप ड्यूटी घटने से आई थी. महाराष्ट्र ने सभी कैटेगरी की प्रॉपर्टी पर स्टैंप ड्यूटी (Stamp Duty) घटाई थी – ना सिर्फ एक पर. सच्चाई ये है कि बंगलुरू में अधिकतर डिमांड मिड-सेगमेंट में हैं जिनकी कीमत 50 लाख से 1 करोड़ रुपये के बीच है. ऐसी प्रॉपर्टी के लिए स्टैंप ड्यूटी 5 फीसदी पर बरकरार है.

बंगलुरू में फिलहाल सभी सेगमेंट्स में मिलाकर कुल 59,350 यूनिट की इन्वेंट्री है यानि इतनी प्रॉपर्टी ऐसी है जिनकी बुक्री नहीं हुई. ANAROCK रिसर्च के मुताबिक इसमें से 24 फीसदी ही 45 लाख रुपये से कम की कैटेगरी में आते हैं जबकि 64 फीसदी घर 45 लाख से 1.5 करोड़ रुपये के बजट रेंज में शामिल हैं. अनुज पुरी का मानना है कि स्टैंप ड्यूटी में कटौती का फायदा सिर्फ 35 से 45 लाख रुपये की सीमा के घरों पर देने से कोई बड़ा असर नहीं होगा.

रियल एस्टेट की बिक्री में बड़े असर की भले संभावना ना हो लेकिन अफोर्डोबल कैटेगरी (Rs 35-45 Lk) के फ्लैट खरीदने वाले लोगों के लिए सरकार से ये फायदा मिलेगा.

येदियुरप्पा ने जानकारी दी है कि विभाग ने फरवरी तक स्टैंप (Stamp Duty) और रजिस्ट्रेशन के जरिए सिर्फ 9,014 करोड़ रुपये ही जुटाए हैं जबकि पूरे वित्त वर्ष (2020-21) के लिए 12,655 करोड़ का लक्ष्य था.

वहीं राज्य सरकार ने ये भी जानकारी दी है कि वित्त वर्ष 2021-22 में राज्य का वित्तीय घाटा 15,134 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जो राज्य की कुल GDP का 3.48 फीसदी है.

Published - March 8, 2021, 04:13 IST