Housing Sales: कोरोना संकट के बाद परिवारों ने बड़े घर या अपने घर की जरूरत को महसूस किया और रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी में बिक्री भी दर्ज की गई लेकिन अब दूसरी लहर से परिस्थितियां बदल दी हैं. पहले जारी स्टैंप ड्यूटी में छूट भी अब कई राज्यों में जारी नहीं तो वहीं अर्थव्यवस्था से जुड़ी अनिश्चितता भी बढ़ी है. प्रॉपर्टी कंसल्टेंट एनारॉक की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के 7 बड़े शहरों में अप्रैल से जून 2021 में 24,570 घरों की बिक्री हुई है जो जनवरी से मार्च 2021 के मुकाबले 58 फीसदी कम है.
रिपोर्ट के मुताबिक पहली तिमाही यानी जनवरी से मार्च के बीच 58,290 घरों की बिक्री हुई थी लेकिन अप्रैल के बाद इमसें कमी आई है. गौरतलब है कि मार्च अंत से कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप शुरू हुआ. अप्रैल में नए मामलों की संख्या पहली लहर से कई गुना बढ़ चुकी थी और कोविड-19 की दूसरी लहर के पीक पर 4 लाख से भी ज्यादा लोग एक दिन में संक्रमित पाए गए थे.
साल दर साल अगर तुलना करें तो पाएंगे कि दूसरी लहर के दौरान घरों की बिक्री (Housing Sales) पहली लहर के मुकाबले बेहतर है. पिछले साल अप्रैल से जून के दौरान टॉप 7 शहरों में 12,740 घरों की बिक्री हुई थी. यानी इस बार बिक्री 93 फीसदी बढ़ी है.
अप्रैल से जून 2021 में मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन और पुणे में ही सबले ज्यादा घर बिके हैं, कुल बिक्री का 46 फीसदी हिस्सा इन्हीं दो शहरों से आया है.
एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी का कहना है, “जैसे जैसे पाबंदियों में ढील दी जा रही है और टीकाकरण में तेजी आ रही है, हमें उम्मीद है कि अगली तिमाहियों में ग्रोथ देखने को मिलेगी. हाउसिंग डिमांड में बढ़त जारी है और कई घर खरीदार अपग्रेड कर बड़े घर में शिफ्ट होने की योजना बना रहे हैं. साथ ही घर खरीदने में पहले पीछे रहने वाले मीलिनियल्स भी अब आगे आकर घर खरीदारी कर रहे हैं.”
एनारॉक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर की रोकथाम के लिए लॉकडाउन और अन्य पाबंदियों के बावजूद डेवलेपर्स ने कई नए प्रोजेक्ट लॉन्च किए हैं दिससे टॉप 7 शहरों में कुल 36,260 नए फ्लैट उपलब्ध होंगे.
सभी नए लॉन्च में हैदराबाद ही सबसे आगे रहा है. यहां अप्रैल से जून के बीच कुल 8,850 फ्लैट के प्रोजेक्ट लॉन्च हुए हैं जबकि MMR में 6,880 और बंगलुरू में ये 6,690 युनिट रहे.
हालांकि, इन 7 शहरों में इन्वेंट्री यानी ऐसे फ्लैट जो तैयार हैं लेकिन बिके नहीं है, उनमें पिछली तिमाही के मुकाबले 2 फीसदी की बढ़त आई है. साल 2021 की पहली तिमाही में 6,41,860 फ्लैट की इन्वेंट्री थी जो दूसरी तिमाही में बढ़कर 6,53,540 हो गई है. लेकिन, सालाना आधार पर मुंबई मेट्रोपॉलिटर रीजन और दिल्ली-NCR में इन्वेंट्री में कमी आई है.
कोरोना की दूसरी लहर में रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की कीमतें स्थिर ही रही हैं लेकिन पिछले साल से तुलना करें तो कीमतें बढ़ी हैं. पिछले साल के मुकाबले बंगलुरू और NCR में औसतन 2 फीसदी की बढ़त रही तो वहीं पुणे, हैदराबाद और चेन्नई में कीमतें 1 फीसदी बढ़ी हैं.