कौन अपना घर (Home) खरीदना नहीं चाहता है. हालांकि, उस पर होने वाले खर्च अक्सर कदम रोक देते हैं. लेकिन, यहां हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं, जिससे आप अतिरिक्त खर्च को बचा सकते हैं. इसके लिए खुद के नाम से लेने के बजाय घर (Home) को महिला सदस्य के नाम से ले सकते हैं. पिछले कुछ वर्षों में महिलाओं के नाम पर संपत्ति खरीदने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है. ऐसा करने से स्टांप डयूटी समेत विभिन्न खर्च में रियायत मिलती है.
महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए सरकार लगातार उपाय कर रही है. प्रॉपर्टी के स्वामित्व के मामले में भी उन्हें कुछ अधिक अधिकार मिले हुए हैं. अगर आप किसी महिला के नाम से कोई प्रॉपर्टी खरीदते हैं तो इस पर आपको कम पैसे देने होते हैं.
स्टांप ड्यूटी शुल्क में राहत
कई राज्यों में महिलाओं के नाम पर प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराने पर स्टांप ड्यूटी शुल्क में छूट देते हैं. उत्तर भारत के कुछ राज्यों में महिलाओं और महिला-पुरुष के लिए रजिस्ट्री शुल्क की दर पुरुषों के लिए निर्धारित रजिस्ट्री शुल्क की दर के मुकाबले करीब दो से तीन फीसदी कम है. इसके अलावा प्रॉपर्टी टैक्स में भी महिलाओं के छूट के प्रावधान किए गए हैं, लेकिन उसके लिए मालिकाना हक महिला का होना चाहिए.
लोन पर मिलती है छूट
घर खरीदने के लिए अधिकतर लोग लोन लेते हैं. होम लोन लेने के बाद ग्राहक बैंक में जो रकम चुकाते हैं, उसमें ब्याज दर और मूलधन शामिल होता है, जिसे ईक्वल मंथली इंस्टॉलमेंट या EMI कहा जाता है. हाउसिंग फाइनेंस संस्थान पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को ब्याज दर में राहत देते हैं. कुछ हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों ने महिलाओं के उद्देश्य और आय के अनुसार विशेष लोन स्कीम भी बनाई हैं. ज्यादातर लोन में 0.5 फीसदी से पांच फीसदी तक की छूट मिलती है. इसके अलावा होम लोन के लिए आवेदन करना चाह रहे हैं, तो पत्नी को भी को-अप्लीकेंट बना लें. लेकिन आपकी पत्नी भी जॉब करती हों. ऐसा करने पर आपकी आय में उनकी आय भी शामिल हो जाएगी. इससे आपको ज्यादा होम लोन और आसानी और जल्दी मिल जाता है.
टैक्स में छूट
महिला के नाम पर या जॉइंट ओनरशिप में लोन लेने से आय पर अतिरिक्त टैक्स लाभ भी मिलता है. इसमें खास बात यह है कि यदि पत्नी की आय का स्रोत अलग है, तो किस्तें चुकाने पर टैक्स छूट पति-पत्नी, दोनों ले सकते हैं यानी अतिरिक्त निवेश किए बिना दोगुना टैक्स का लाभ.
टैक्स लाइबिलिटी में कमी आएगी
अगर पति के नाम से कई प्रॉपर्टी हैं, तो पत्नी के नाम से प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराने पर पति के वेल्थ टैक्स लाइबिलिटी में कमी आएगी. कारण वेल्थ टैक्स की गणना इस आधार पर होती है कि कोई प्रॉपर्टी किसके नाम पर है. अगर पति के नाम से कई प्रॉपर्टी हैं, तो पत्नी के नाम से प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराने पर पति के वेल्थ टैक्स लाइबिलिटी में कमी आएगी.