अगर आप उत्तर प्रदेश में किसी Tourist Place के आसपास रहते हैं तो योगी सरकार अब लोगों को घर बैठे रोजगार (Home Stay Yojana) देने की रणनीति बना रही है. लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए सरकार वन विभाग (UP Forest department) की होम स्टे योजना का विस्तार करने की तैयारी में जुटी है. वन विभाग ने इसका खाका तैयार कर लिया है. सरकार की योजना पर्यटन की बढ़ती रफ्तार को रोजगार से जोड़ कर विकास को गति देने की है.
लखीमपुर और बहराइच के बहुत छोटे दायरे में सीमित होम स्टे योजना का प्रदेश के कई जिलों में विस्तार किया जाएगा. योजना के तहत वन विभाग पर्यटकों को राज्य के अलग-अलग स्थानों पर ठहरने और खाने पीने की सुविधा उपलब्ध करायेगा.
किराए से होगी आमदनी
योजना के तहत वन विभाग ऐसे लोगों को जोड़ेगा जो पर्यटकों को ठहरने और खान पान की सुविधा उपलब्ध करा सकें. इसके बदले स्थानीय लोगों को पर्यटकों से किराये के रूप में एक निश्चित रकम के साथ खानपान की कीमत भी मिलेगी. योजना के विस्तार के लिए वन विभाग ने अलग-अलग इलाकों में एजेंसी के जरिये सर्वे का काम शुरू कर दिया है. होम स्टे योजना से सबसे ज्यादा रोजगार जंगल से सटे इलाकों को होगा.
Tourist ठहरेंगे
योजना पर काम कर रहे अधिकारियों के मुताबिक Home Stay Yojana के विस्तार के तहत अलग-अलग इलाकों में स्थानीय लोगों से आवेदन मांगे जाएंगे. आवेदन करने वालों के व्यवहार, शिक्षा, सुरक्षा और स्वच्छता की पूरी पड़ताल के बाद योजना से जोड़ा जाएगा. रजिस्टर्ड लोगों के घर देशी और विदेशी पर्यटक ठहर सकेंगे. पंजीकृत लोगों का वन विभाग अलग-अलग संस्थाओं से पर्यटकों की सुविधा और सुरक्षा से संबंधित मुफ्त प्रशिक्षण भी देगा.
ऐसे करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन
Home Stay Yojana में पंजीकृत लोग पर्यटकों को आसपास घुमाने में गाइड की भूमिका भी निभा सकेंगे. इसके लिए वे पर्यटकों के साथ आपसी सहमति से कमाई कर सकते हैं. इसके अन्तर्गत मकान स्वामी के साथ ही केयर टेकर, बावर्ची, सफाईकर्मी और सिक्योरिटी की नौकरी लोगों को मिल सकेगी. दुधवा वन क्षेत्र से लगे लखीमपुर, बहराइच, पीलीभीत, महराजगंज, बरेली के साथ ही बुंदेलखंड और पूर्वांचल के इलाकों में योजना के विस्तार की सबसे ज्यादा संभावना जताई जा रही है.
Home Stay Yojana
वन निगम होम स्टे योजना को विस्तार दे रहा है. इसके लिए हर स्तर पर काम हो रहा है. हमारा लक्ष्य यूपी आने वाले पर्यटकों को ठहरने और खाने-पीने की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ना भी है. बुंदेलखंड, पूर्वांचल समेत प्रदेश के कई इलाकों में होम स्टे योजना के विस्तार की काफी संभावनाएं दिख रही हैं.