महामारी की वजह से आए व्यवधान के चलते पिछले 12 महीनों में रियल एस्टेट (Real estate) सेक्टर में बड़ा नाटकीय बदलाव आया है. और इससे एक अलग स्थिति में पहुंच गया है. होम लोन (Home loan) की दरों 15 साल के निचले स्तर पर है और बड़ी तादाद में बिना बिकी इनवेंटरी मौजूद है. इसलिए आज घर खरीदारों (Home buyers) के लिए एक बड़ा अवसर है. 2020 में आई सुस्ती के बाद जनवरी 2021 में होम लोन की दर 7.7 फीसदी है.
RBI ने माना 2020 की पहली छमाही में होम लोन के हल्की गिरावट आई. लेकिन, धीरे-धीरे खुलती इकोनॉमिक एक्टिविटी के साथ अक्टूबर 2020 के बाद स्थिति बदली, जब डेवलपर्स और कर्ज देने वालों ने नई खरीदारी पर चार्ज में छूट और डिस्काउंट्स का ऐलान किया.
वहीं, केंद्रीय बैंक ने रिकवरी के लिए रास्ता तय करने के लिए नीतिगत दरों को ऐतिहासिक रूप से नीचे रखा. इस तरह से महामारी और 6 महीने के लिए दिया गया मोराटोरियम (Moratorium) की वजह से होम लोन उधारदाताओं के लिए सबसे सुरक्षित दांव बन गया. इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) का होम लोन (Home loan) पोर्टफोलियो 5 लाख करोड़ रुपए और ICICI बैंक का पोर्टफोलियो 2 लाख करोड़ रुपए रहा.
महामारी के चलते अनिश्चितता, करीब 1 साल वर्क फ्रॉम होम और कई महीने घर में लॉकडाउन (Lockdown) रहने के बाद, अपना घर खरीदने की इच्छा को फिर से प्रज्वलित किया गया है. इस वजह से ग्राहकों ने उपभोक्ताओं को सक्रिय रूप से अपने पहले घर, या बस एक बड़े निवास के लिए स्काउट के लिए प्रेरित किया है.
आकर्षक ब्याज दरें पिछले 12 महीनों में ब्याज दरों (Interest rate) में बड़ा उलट-फेर हुआ है. होम लोन अब सालाना 6.65 फीसदी के ब्याज दर पर मिल रहा है. ज्यादातर लोगों को 7 फीसदी के सालाना ब्याज दर पर होम लोन मिल सकता है. ये ना सिर्फ न्यूनतम इंट्रस्ट रेट है बल्कि महिला घर खरीदारों के लिए इसमें 0.05 फीसदी की अतिरिक्त रियायत है. इसके साथ ही पहली बार घर खरीदने वालों (Home buyers) को CLSS सब्सिडी मिलती है और सेक्शन 80सी और 24 के तहत अतिरिक्त टैक्स बेनिफिट भी मिलती है. कुल मिलाकर ये कि आज होम लोन लेना पहले से कहीं बेहतर है.
प्रॉपर्टी की कीमतों में गिरावट 31 दिसंबर 2020 तक टॉप 8 शहरों में हाउसिंग इन्वेंट्री यानि ऐसे घर जो बिके नहीं उनकी संख्या 7.18 लाख थी. दिसंबर 2020 तक किसी हाउसिंग यूनिट को बिकने में औसत 47 महीनों का समय लग रहा था जो दिसंबर 2019 में यह सिर्फ 27 महीने था. इन नंबरों से समझ सकते हैं कि पिछले कुछ साल में प्रॉपर्टी की कीमतों में लगातार स्थिर बने हुए हैं. आखिरकार कोविड की चुनौतियों से निकलते हुए इंडस्ट्री में प्राइस करेक्शन देखने को मिल रहा है, करीब 5-20 फीसदी का. प्रॉपर्टी की कम कीमत और सबसे कम ब्याज दर के चलते से ग्राहकों में विश्वास लौटा है और लेन-देन में तेजी आई है.
ऑफर्स की भरमार कम ब्याज दर के अलावा, कर्जदार प्रोसेसिंग फीस में छूट, कम मार्जिन और चुनिंदा ग्राहकों के लिए विशेष रियायतें भी दे रहे हैं. वहीं, कैश की कमी से जूझ रहे बिल्डर्स भी अपनी इन्वेंट्री को कम करने के लिए स्पेशल ऑफर्स और दूसरे फायदे दे रहे हैं. तो आपके सपनों का घर इंतजार कर रहा है.
सरकार की तरफ से रिफॉर्म्स घरों की बिक्री बढ़ाने के लिए दिल्ली, महाराष्ट्र और कर्नाटक सरकार ने स्टैंप ड्यूटी में कटौती की है. इससे ग्राहकों की जेब का बोझ काफी कम हुआ है. इसके अलावा TDS की दरों में भी पूरे भारत में कटौती की गई है. सरकार की इन छूट से भी रियल एस्टेट में तेजी लौटने की उम्मीद है. महत्वपूर्ण रूप से, RERA सही दिशा में एक बड़ा कदम है और सबसे अच्छे तरीके से खरीदारों के हितों की रक्षा करता है. कोविड एक अचानक आई महामारी है. लेकिन, इसके पीछे भी उम्मीद की एक किरण है. महामारी का एक अच्छा पहलु ये रहा कि प्रॉपर्टी की कीमतों में गिरावट आई और ब्याद दरें कम हुई हैं.
मेरी राय: अगर आप अपना सपनों का घर खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं तो यह बढ़िया समय है.
Disclaimer: लेखक माय मनी मंत्रा के फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं. कॉलम में व्यक्त किए गए विचार लेखक के हैं. लेख में दिए फैक्ट्स और विचार किसी भी तरह Money9.com के विचारों को नहीं दर्शाते.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।