Gurgaon Property Rates: अगर आप दिल्ली-NCR में घर खरीदने की तैयारी में हैं तो ध्यान दें, खबर आपके लिए है. गुड़गांव में अब घर खरीदने का मन है तो ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे. जिला प्रशासन ने गुड़गांव में सर्कल रेट में 88 फीसदी बढ़ोतरी की है. वित्त वर्ष 2021-22 के लिए नई सर्कल रेट 8 अप्रैल से लागू हो जाएंगे. ये बढ़ोतरी ऐसे समय पर आई है जब अन्य राज्यों ने कोविड-19 के चलते रियल एस्टेट को राहत देने के लिए या तो सर्कल रेट में कोई बदलाव नहीं किया या फिर घटाया है.
अरालियास, मैगनोलियाज और कैमिलियास जैसे महंगे इलाकों में सर्कल रेट 20 हजार रुपये प्रति स्क्वेयर फीट से बढ़ाकर 25 हजार रुपये प्रति स्क्वेयर फीट कर दिया गया है – यानी 25 फीसदी की बढ़ोतरी. वहीं क्रेस्ट के लिए सर्कल रेट पहले के 8,000 रुपये प्रति स्क्वेयर फीट से 50 फीसदी बढ़ाकर 12,000 रुपये प्रति स्क्वेयर फीट कर दी गई है. कार्ल्टन में इसमें 88 फीसदी तक का इजाफा किया गया है जहां रेट 8,000 स्क्वेयर फीट से बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति स्क्वेयर फीट कर दी गई है. इसके अलावा यूनिटेक वर्ल्ड स्पा, लैबर्नम, पाम स्प्रिंग्स, पार्क प्लेस,सेंट्रल पार्क के लिए भी सर्कल रेट बढ़ाए गए हैं.
Gurgaon: इसके अलावा अधिकृत कॉलोनियों में बिल्डर फ्लोर खरीदने के लिए अब ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे. यहां सर्कल रेट 5,500 रुपये प्रति स्क्वेयर फीट से बढ़ाकर 6,500 रुपये प्रति स्क्वेयर फीट कर दिए गए हैं. मतलब कि अगर आप किसी बड़े प्रोजेक्ट में घर ना लेकर दूसरी किसी लाइसेंस्ड कॉलोनी में घर खरीदते हैं तो यहां भी आपको ज्यादा सर्कल रेट चुकाना होगा.
फरवरी में ही दिल्ली सरकार ने 6 महीने के लिए सर्किल रेट (Circle Rate) में 20 फीसदी की कटौती की थी. ये कटौती रेजिडेंशियल, कमर्शियल और इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी सभी पर लागू है. 30 सितंबर तक आप अगर घर खरीदते हैं तो आपकाे घर पर सर्कल रेट 20 फीसदी सस्ता पड़ेगा.
दिल्ली मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली काउंसिल के मंत्रियों के साथ बैठक के बाद ये फैसला लिया खा. उन्होंने कहा था कि कोरोना संकट के बाद से इकोनॉमी को बूस्ट करने में इस कदम से मदद मिलेगी. उन्होंने ये भी कहा कि आम लोगों की फाइनेंशियल दिक्कतें कम करना सरकार का कर्तव्य है.
सर्किल रेट कैसे तय होता है?
हर इलाके और हर प्रॉपर्टी के लिए सर्किल रेट (Circle Rate) अलग होता है. कमर्शियल प्रॉपर्टी का सर्किल रेट अक्सर रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी से ज्यादा होता है. एक ही इलाके के फ्लैट, प्लॉट या इंडिपेंडेट घर के लिए सर्किल रेट (Circle Rate) अलग होगा यानि प्रॉपर्टी किस तरह की है इस लिहाज से भी सर्किल रेट तय किया जाता है. वहीं प्रॉपर्टी कितनी पुरानी है उसका हिसाब भी जोड़ा जाता है.