त्योहार का सीजन शुरू होने से पहले ही घर खरीदारों के लिए खुशहाली दस्तक देने वाली है. दरअसल ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GNIDA) ने 19 परियोजनाओं में लगभग 5,200 फ्लैटों के रजिस्ट्रेशन की अनुमति दे दी है. इतना ही नहीं आने वाले कुछ महीनों में अन्य 20,000 से अधिक फ्लैटों के पंजीकरण की अनुमति दिए जाने की संभावना है. इस सिलसिले में डेवलपर्स और घर खरीदारों सहित संबंधित हितधारकों के साथ बैठके की जा रही हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक घर खरीदारों को परेशानी न हो, इसलिए प्राधिकरण ने पंजीकरण की अनुमति दी है. काफी समय से पंजीकरण के अटके होने के पीछे कई वजह थीं, जिनमें बिल्डरों का बकाया, ओसी जारी न करना और परियोजनाएं पूरी न होना आदि शामिल हैं.
इसके अलावा केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों के आधार पर अटकी परियोजनाओं पर प्राधिकरण एक रिपोर्ट भी तैयार कर रहा है, ताकि बिल्डरों के बकाया से संबंधित मुद्दों को हल किया जा सके. ये रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी जाएगी, जिसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी. कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधियों का कहना है कि अक्टूबर में त्योहारी सीजन शुरू होने से पहले सभी 5,200 यूनिट के पंजीकरण का काम पूरा किया जाएगा.
जीएनआईडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के साथ कई बैठकों का आयोजन किया गया, जहां डेवलपर्स के बकाया भुगतान, यूपीआरईआरए की सिफारिशों के अनुसार अटकी परियोजनाओं के पुनर्निर्माण पर चर्चा की गई. इसमें पता चला कि रजिस्ट्रेशन, व्यवसाय प्रमाणपत्र (ओसी) की कमी, समय-विस्तार शुल्क इत्यादि जैसे छोटे मुद्दों के कारण अटके हुए थे. अब इन मुद्दों को सुलझा लिया गया है. जिन डेवलपर्स ने अपना बकाया चुका दिया है वे अब कब्जा दे सकते हैं. ग्रेटर नोएडा में 25 परियोजनाओं में लगभग 20,000 फ्लैटों के पंजीकरण की भी अगले दो-तीन महीनों में अनुमति मिलने की संभावना है.