कौन ले रहा इतना महंगा होमलोन?

वर्ष 2022-23 में बैंकों ने 2.52 लाख करोड़ रुपए का होमलोन दिया.

कौन ले रहा इतना महंगा होमलोन?

फोटो साभार: Freepik

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होमलोन की ब्याज दरें रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं. आरबीआई की रेपो दर में ताबड़तोड़ वृद्धि की वजह से पिछले एक साल में होमलोन की ब्याज दरें करीब तीन फीसद बढ़कर दहाई अंक के स्तर पर पहुंच गई हैं लेकिन महंगी ब्याज दरों के बावजूद होमलोन की मांग में तेज उछाल आया है. आरबीआई की रिपोर्ट बताती है कि वित्त वर्ष 2022-23 में बैंकों ने 2.52 लाख करोड़ रुपए का होमलोन बांटा. पिछले साल की तुलना में यह आंकड़ा 15 फीसद ऊंचा है. इस तरह ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बावजूद होम लोन की मांग में कोई कमी नहीं आई. इसके विपरीत कॉरपोरेट लोन की ग्रोथ में नरमी देखी जा रही है. वित्त वर्ष 2022-23 में कॉरपोरेट्स ने बैंकों से 1.8 लाख करोड़ रुपए का लोन लिया जो इससे पिछले 5.7 फीसद ज्यादा है. वर्ष 2021-22 में कारपोरेट लोन में 7.5 फीसद की वृद्धि दर्ज हुई थी. इस तरह कॉरपोरेट की लोन ग्रोथ में नरमी देखी गई है. ऊंची ब्याज दरों के बीच बैंकों के होमलोन के कारोबार में जोरदार विस्तार देखा जा रहा है. ज्यादातर बैंक होम लोन देने में ख़ासी दिलचस्पी दिखा रहे हैं. इसी का नतीजा है कि वित्त वर्ष 2022-23 में रिकॉर्ड होमलोन बांटा जो पिछले 15 सालों में सबसे ज्यादा है.

कितना महंगा कर्ज
महंगाई को काबू करने के लिए आरबीआई मई 2022 के बाद नीतिगत दर रेपो में 2.5 फीसद की वृद्धि कर चुका है. इस वजह से पिछले एक साल में होमलोन की ब्याज दरों में करीब तीन फीसद तक की वृद्धि कर चुका है. इससे होमलोन की औसत ब्याज दरें सात फीसद से बढ़कर 10 फीसद के स्तर पर पहुंच गई हैं. ऑटो और पर्सनल लोन में भी अच्छी खासी वृद्धि दर्ज हुई है. इससे सवाल उठता है कि आखिर आरबीआई की कवायद का क्या फायदा हुआ, आखिर इतना महंगा होमलोन कौन ले रहा है?

कहां से आ रही डिमांड?
प्रॉपर्टी मार्केट के एक्सपर्ट प्रदीप मिश्रा कहते हैं कि कोविड महामारी की मार से कम आय वाले लोग अभी उभर नहीं पाए हैं. प्रॉपर्टी मार्केट में अफॉर्डेबल घरों की मांग में सुस्ती बनी हुई है. इस वजह से बिल्डर लग्जरी अपार्टमेंट्स पर फोकस बढ़ा रहे हैं. संख्या के हिसाब से भले ही कम घर बिक रहे हों लेकिन मूल्य के हिसाब से टिकट साइज बढ़ रहा है. रियल एस्टेट कंसल्टिंग फर्म CBRE के मुताबिक इस साल जनवरी-मार्च तिमाही में लग्‍जरी रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की बिक्री ढाई गुना बढ़कर 4,000 इकाई रही. लग्जरी हाउसिंग की बिक्री साल दर साल आधार पर 151 फीसद बढ़ी. चार करोड़ रुपए से ज्यादा मूल्य की रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी लग्‍जरी श्रेणी में आती है. प्रदीप मिश्रा कहते हैं कि कोविड के प्रभाव के दौरान बैंक लोन बांटने में सतर्कता बरत रहे थे. लेकिन अब वह खुलकर एक्सपोजर ले रहे हैं. इस वजह होमलोन की मांग में तेजी देखी जा रही है.

Published - May 10, 2023, 06:52 IST