विरासत में मिली प्रॉपर्टी बेचने पर क्या देना होगा टैक्स, यहां है पूरी जानकारी

कुछ लोग मानते हैं कि विरासत की प्रॉपर्टी रखने और उसे बेचने पर कोई टैक्स नहीं लगता है, वहीं कुछ लोगों का मानना है कि इस पर टैक्स लगता है.

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आपके पास वर्षों पुरानी संपत्ति है और आप उसे बेचना चाहते हैं तो ये जानना जरूरी है कि उस पर कितना टैक्स लग सकता है. विरासत में मिली संपत्ति को बेचने पर कितना टैक्स लगता है उसे लेकर काफी कन्फ्यूजन है. कुछ लोग मानते हैं कि विरासत की प्रॉपर्टी रखने और उसे बेचने पर कोई टैक्स नहीं लगता है, वहीं कुछ लोगों का मानना है कि इस पर टैक्स लगता है. यहां हम आपको विरासत में मिलने वाली प्रॉपर्टी से जुड़े कुछ पहलुओं को समझाने की कोशिश कर रहे हैं.

पैतृक संपत्ति किसे कहते हैं

अगर आपको तत्काल पैतृक पूर्वजों (पिता, दादा या परदादा) से विरासत में संपत्ति मिलती है तो उसे पैतृक संपत्ति कहा जाता है. इनके अलावा अन्य किसी भी व्यक्ति से मिलने वाली संपत्ति को पैतृक संपत्ति नहीं कहा जाता, यहां तक की माता के पूर्वजों से मिली (Maternal) संपत्ति भी पैतृक संपत्ति के दायरे में नहीं आती है. 2005 से पुरुष के साथ महिलाओं को भी पैतृक संपत्ति में समान अधिकार दिया गया है.

कब लगता है टैक्स

विरासत में मिली संपत्ति पर कोई टैक्स नहीं लगता है, लेकिन ऐसी संपत्ति को बेचने पर होने वाले कैपिटल गेन्स पर टैक्स लगता है.

शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स

आपके पास कितने समय से प्रॉपर्टी है उसके आधार पर ये टैक्स लगता है. आपके पास 24 महीने से ज्यादा समय तक प्रॉपर्टी है तो लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) टैक्स चुकाना होगा, जो 20.8% (सेस के साथ) है. अगर आपके पास 24 महीने से कम समय तक प्रॉपर्टी है तो शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) टैक्स चुकाना होगा, जो आपके टैक्स स्लैब पर निर्भर करता है.

24 महीने की अवधि में सिर्फ यही देखा नहीं जाएगा कि संपत्ति आपके पास कितने वक्त तक थी, बल्कि पुराने मालिक के पास भी यह कितने वक्त तक थी, यह भी देखा जाएगा.

यदि संयुक्त होल्डिंग अवधि 24 महीने से ज्यादा है तो आपको अधिग्रहण और सुधार की लागत में कटौती करने का अधिकार मिलता है, जिसे कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स (CII) मल्टिप्लायर द्वारा गिना जाता है. अधिग्रहण ही लागत वह राशि है जो घर की खरीद के लिए पिछले मालिकों ने चुकाई होगी.

उदाहरण

मान लीजिए कि आपको अपने पिता से संपत्ति मिली है और उन्हें अपने पिता से. आपके दादाजी ने 2004 में 75,00,000 रुपये में घर खरीदा था और आप इस प्रॉपर्टी को 2 करोड़ 80 लाख रुपये में बेच रहे हैं तो पूंजीगत लाभ के लिए अधिग्रहण की आपकी लागत 75,00,000 रुपये होगी. यहां प्रॉपर्टी होल्डिंग पीरियड 24 महीने से ज्यादा है इसलिए लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगेगा.

केपिटल गेन = 75,00,000 रुपये x CII (2021) / CII (2004) = 75,00,000 रुपये x 317 / 113 = 2.10 करोड़ रुपये

अर्थात, आपका गेन है 2.80 करोड़ रुपये – 2.10 करोड़ रुपये = 70 लाख रुपये

टैक्स बचाने का विकल्प

विरासत में मिली प्रॉपर्टी को बेचने से कैपिटल गेन हो रहा है और इस गेन का उपयोग दो वर्षों के भीतर एक घर को खरीदने में निवेश करते हैं या 3 वर्षों के भीतर एक घर का निर्माण करवाते हैं तो टैक्स में लाभ मिलता है. इसके अलावा, धारा 54EC के तहत आप 6 महीने में 50 लाख रुपये तक के कैपिटल गेन्स को NHAI या REC के बॉन्ड्स में निवेश कर सकते हैं.

Published - June 21, 2021, 04:10 IST