एक बार रियल एस्टेट का लेनदेन पूरा होने और संपत्ति आपके नाम पर रजिस्टर्ड होने के बाद सरकारी रिकॉर्ड्स में प्रॉपर्टी का म्यूटेशन (property mutation) कराना बहुत जरूरी है. म्यूटेशन का मतलब होता है कॉरपोरेशन के रिकॉर्ड्स में किसी संपत्ति का ट्रांसफर या नाम में बदलाव.
कानूनी भाषा में म्यूटेशन (property mutation) का मतलब रेवेन्यू रिकॉर्ड्स में प्रॉपर्टी के टाइटल के मालिक का नाम बदलने से है. अगर टाइटिल को किसी अन्य व्यक्ति के नाम ट्रांसफर दर्ज कराना हो, तो इसके लिए इलाके के तहसीलदार या सक्षम पदाधिकारी को एक एप्लिकेशन देनी होगी.
इसे एक सादे कागज पर लिखकर नॉन-जुडिशल स्टैंप के साथ जमा कराना होगा. जो लोग जमीन, अपार्टमेंट खरीदते हैं या फिर वसीयत व गिफ्ट डीड से उसे हासिल करते हैं, उन्हें प्रॉपर्टी म्यूटेशन (property mutation) कराना पड़ता है.
आपके इलाके का म्युनिसिपल दफ्तर, जो जमीन से जुड़े रिकॉर्ड्स रखता है, वहां म्यूटेशन की प्रक्रिया पूरी की जाती है. प्रॉपर्टी म्यूटेशन की फीस आमतौर पर 25 रुपये से 100 रुपये के बीच होती है.
म्यूटेशन के लिए इन दस्तावेजों की होगी जरूरत
म्यूटेशन (property mutation) की प्रक्रिया को पूरी करने के लिए जरूरी दस्तावेजों की मांग हर राज्य में अलग-अलग हो सकती है.
-एप्लिकेशन फॉर्म.
-टाइटल/सेल डीड की कॉपी
-स्टैंप पेपर्स पर एफिडेविट
-क्षतिपूर्ति बॉन्ड
-आधार कार्ड की कॉपी
-प्रॉपर्टी टैक्स की रसीद
-वसीयत की कॉपी, उत्तराधिकार प्रमाण पत्र या मालिक का डेथ सर्टिफिकेट (अगर लागू होता है तो)
कैसे होता है प्रॉपर्टी म्यूटेशन?
खरीदार को दस्तावेजों के साथ म्युनिसिपल दफ्तर में हाजिर होना पड़ता है. इन्हें जमा करने के बाद डिपार्टमेंट खुद जाकर प्रॉपर्टी की वेरिफिकेशन करेगा और उसके बाद म्यूटेशन सर्टिफिकेट जारी कर देगा.
अगर प्रॉपर्टी टैक्स चुकाने वाले व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उसके बाद प्रॉपर्टी जिस व्यक्ति के नाम पर हस्तांतरित होती है, उसे मृत्यु के छह महीने के अंदर इसकी सूचना म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन को देनी होगी. तभी म्यूटेशन हो सकेगा.
क्यों जरूरी है?
अगर आप प्रॉपर्टी का म्यूटेशन (property mutation) नहीं कराते हैं तो सिर्फ 25 रुपये की मामूली पेनाल्टी लगेगी और आपको जब सही लगे तब इसे करा सकते हैं.
हालांकि, अगर भविष्य में प्रॉपर्टी बेचते हैं तो खरीदार आपसे म्यूटेशन पेपर्स दिखाने को जरूर कहेगा. इन्हें न दिखाने पर संपत्ति बेचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
कानूनी रूप से यह अनिवार्य नहीं है. प्रॉपर्टी म्यूटेशन मालिकाना हक टैक्स रिकॉर्ड का सबूत है.
प्रॉपर्टी म्यूटेशन वन टाइम ड्यूटी नहीं है. वक्त के साथ इसे अपडेट कराना जरूरी है. रेगुलर अपडेट से आपका प्रॉपर्टी रिकॉर्ड साफ रहता है.