दिल्ली की अवैध कॉलोनियां को लेकर सरकार का बड़ा ऐलान, लोकसभा में बिल पास

Delhi- हरदीप सिंह पुरी ने कहा विधेयक का उद्देश्य दिल्ली के नागरिकों को राहत देना है, जो पिछली सरकारों द्वारा मुद्दे पर सालों से उपेक्षित थे.

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दिल्ली की अवैध कॉलोनियों (Delhi unauthorised colony) में रहने वाले लोगों की लिए बड़ी खबर है. दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने से संबंधित एक संशोधित विधेयक को संसद ने मंजूरी दे दी. इसके जरिए संबंधित कानून की समय सीमा को 31 दिसंबर 2023 तक बढ़ाया गया है. राज्यसभा ने इस विधेयक को पहले मंजूरी दी थी और बुधवार को लोकसभा में यह पारित हो गया. यह विधेयक, दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र विधि (विशेष उपबंध) दूसरा (संशोधन) अध्यादेश, 2020 की जगह लाया गया.

अब दिल्ली की इन कालोनियों में रहने वाले अपने मकान, दुकान या प्लॉट की रजिस्ट्री करा सकेंगे. वे अपनी संपत्तियों पर बैंक से लोन ले सकेंगे. आवास और शहरी विकास राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने सदन में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) द्वितीय (संशोधन) विधेयक 2021 पेश किया. थोड़ी देर चर्चा के बाद निचले सदन ने यह विधेयक पारित कर दिया.

हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने कहा कि विधेयक का उद्देश्य दिल्ली के नागरिकों को राहत देना है जो पिछली सरकारों द्वारा इस मुद्दे पर कई सालों से उपेक्षित थे. इससे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली विधि (विशेष प्रावधान) द्वितीय अधिनियम, 2011 में संशोधन को अनुमति मिली थी. 2011 का अधिनियम 31 दिसंबर, 2020 तक वैध था. अध्यादेश को 31 दिसंबर, 2023 तक बढ़ा दिया गया है. 2011 के अधिनियम में 31 मार्च, 2002 तक राष्ट्रीय राजधानी में मौजूद अनधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण के लिए प्रावधान किया गया था.

अध्यादेश में यह संशोधन किया गया है कि अनाधिकृत कॉलोनियों को दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (अनाधिकृत कॉलोनियों में निवासियों के संपत्ति अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2019 और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (अनाधिकृत कॉलोनियों में निवासियों के संपत्ति अधिकारों की मान्यता विनियम, 2019) के अनुसार नियमितीकरण के लिए पहचाना जाएगा. इसलिए 1 जून, 2014 को अस्तित्व में मौजूद और 1 जनवरी, 2015 तक 50 प्रतिशत विकास वाले अनाधिकृत कॉलोनी नियमितीकरण के लिए पात्र होंगे.

Published - March 10, 2021, 07:57 IST