फ्लैट रजिस्ट्री में देरी : CREDAI के मुताबिक राज्य सरकार से हल निकालने की उम्मीद

नोएडा अथॉरिटी ने 18 हाउसिंग सोसायटी का इंस्पेक्शन किया और पता चला कि कई लोग 4-5 साल से बिना रजिस्ट्री के रह रहे हैं. CREDAI ने इसपर सफाई दी है

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नोएडा अथॉरिटी ने हाल ही में उन बिल्डरों को चेतावनी जारी की है जो सोसायटी की रजिस्ट्री से पहले घर खरीदारों को पजेशन दे रहे हैं.

दरअसल नोएडा अथॉरिटी ने 18 हाउसिंग सोसायटियों का इंस्पेक्शन किया है और इसमें ये पता चला है कि कई लोग 4-5 साल से उनमें बिना रजिस्ट्री के रह रहे हैं. अथॉरिटी का कहना है कि इससे राज्य सरकार को आय में घाटा हो रहा है.

वहीं डेवलेपर्स एसोसिएशन CREDAI का कहना है कि नोएडा अथॉरिटी के एक्शन लेने से असली मसले हल नहीं होंगे. कॉन्फेडेरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलेपर्स एसोसिएसन ऑफ इंडिया (CREDAI – NCR) के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रेसिडेंट प्रशांत तिवारी के मुताबिक, “नोएडा अथॉरिटी को सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर का पालन करना चाहिए जिसके तहत ब्याज दर SBI के MCLR के आधार पर तय होंगे. कितना बकाया बाकी है इसपर सफाई के बिना डेवलेपर्स अपना बकाया कैसे चुका सकते हैं?”

वहीं नोएडा अथॉरिटी ने अपने स्टेटमेंट में बिल्डर्स को मार्च तक सभी कागजी कार्रवाई करने को कहा है. अथॉरिटी ने अपने बयान में कहा है कि इस मसले को लेकर रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) को जरूरी एक्शन के लिए भी सूचना दी गई है.

अथॉरिटी के मुताबिक बिल्डर एक बार में बकाया देने के बजाय फ्लैट की रजिस्ट्री के समय पैसे जमा करा सकते हैं. नोएडा अथॉरिटी के मुताबिक डेवलेपर्स को बकाया चुकाने के लिए 3 महीने का समय दिया जा रहा है जिसके अंदर उन्हें रजिस्ट्री करानी होगी. इसके लिए वे कैंप का आयोजन भी करेंगे ताकि प्रक्रिया आसानी से पूरी हो सके.

वहीं इस दौरान क्या घर खरीदारों को कोई दिक्कतें हो सकती हैं, इसपर प्रशांत तिवारी मानते हैं कि राज्य सरकार की ओर से जल्द ही दोगुने रजिस्ट्री चार्ज का मामला हल करने की उम्मीद है. SC ऑर्डर के मुताबिक ही नोएडा अथॉरिटी भी जल्द ही बकाए का मामला हल कर सकता है जिससे जो घर खरीदार प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन का इंतजार कर रहे हैं उनके लिए राहत की बात होगी.

रजिस्ट्री में देरी क्यों?

CREDAI NCR (पश्चिमी यूपी) के प्रेसिडेंट प्रशांत तिवारी का कहना है कि अथॉरिटी के शर्तों और बकाया होने की वजह से जिला शासन प्रबंधन ने अग्रीमेंट को सबलीज करने की मंजूरी दी थी. इसके तहत घर खरीदार प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्री चार्ज दे सकते थे. वहीं बकाया चुकाने के बाद डेवलेपर फिर इसे सबलीज पर दे सकते थे और घर खरीदारों को फिर रजिस्ट्री चार्ज देना होता था.

फरवरी 2019 में राज्य सरकार ने रजिस्ट्री चार्ज 20 हजार रुपये के बजाय 1 फीसदी बढ़ाया. यानि घर खरीदारों को उसी यूनिट के लिए दो बार रडिस्ट्री चार्ज देना पड़ रहा है और कोविड-19 की स्थिति के बाद यूनिट का 1 फीसदी चार्ज ग्राहकों के लिए काफी ज्यादा है.

बिल्डर एसोसिएशन का कहना है कि उन्हेंने इस मामले पर राज्य के मंत्रियों और प्रशासन से सबलीज पर न्यूनतम चार्ज के लिए बात की है लेकिन उसपर कोई फैसला अभी नहीं हुआ है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक नोएडा अथॉरिटी की बैठक में सुपरटेक, महागुन, एम्स मैक्स, इंपीरियल हाउसिंग, अंतरिक्ष डेवलेपर्स, प्रतीक रियल्टर्स, सिक्का एंड सेठी शामिल हुए थे.

Published - March 6, 2021, 09:14 IST