ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बोर्ड ने मंगलवार को रियल एस्टेट परियोजनाओं के संबंध में अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों पर उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश को लागू करने का फैसला किया है. इस कदम का मकसद खरीदारों को जल्द घर दिलाने और बिल्डरों की अटकी परियोजनाओं को पूरा करने में मदद करना है. अधिकारियों के मुताबिक इस फैसले से 117 ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं और करीब 75,000 घर खरीदारों को लाभ मिलेगा.
इसके साथ ही, बिल्डर्स को अपने अटके पड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए जीरो पीरियड का लाभ भी मिलेगा. इसके अलावा बिल्डर्स को बकाया राशि जमा करने के लिए अधिक समय दिया जाएगा, प्रोजेक्ट को गिरवी रखने की अनुमति दी जाएगी, प्रचिलत एफएआर को खरीदने की अनुमति होगी, प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए और अधिक समय दिया जाएगा. वहीं दूसरी ओर घर खरीदारों को तीन महीने में रजिस्ट्रेशन की सुविधा के साथ अन्य कई लाभ दिए जाएंगे.
यह सभी फैसले ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GNIDA) की 133वीं बोर्ड बैठक में लिए गए. बयान में कहा गया कि शर्तों का उल्लंघन करने पर बिल्डर्स को लाभ नहीं मिल पाएगा. GNIDA ने कहा कि समिति की सिफारिशें ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट्स पर लागू होंगी और यदि ग्रुप हाउसिंग में कमर्शियल हिस्सा भी शामिल है, तो उस पर भी सिफारिशें शामिल होंगी. अगर ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट्स एनसीएलटी या अदालत में विचाराधीन हैं, तो उसे इस पैकेज का लाभ तभी मिल सकता है, जब मुकदमा वापस ले लिया जाएगा.
GNIDA ने यह साफ किया है कि अमिताभ कांत समिति की सिफारिशें कमर्शियल, इंस्टीट्यूशनल और इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट्स पर लागू नहीं होंगी. हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने अटके पड़े रियल एस्टेट प्रोजेक्ट पर नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत की अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिशों को लागू करने का फैसला लिया है.
इन सिफारिशों को लागू करने के लिए, एक प्रस्ताव मंगलवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में रखा गया. प्राधिकरण के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह ने कहा कि सरकार की इस पहल से घर खरीदारों को बड़ी राहत मिलेगी, और निर्माणाधीन सभी फ्लैट के लिए ऑक्यूपाइड सर्टिफिकेट (ओसी) और कम्प्लीशन सर्टिफिकेट (सीसी) जल्द जारी किए जाएंगे. प्राधिकरण ने कहा कि अपने घरों में बिना रजिस्ट्री के रह रहे लोगों को जल्द ही उनके नाम पर रजिस्ट्री मिलेगी और उन्हें अपनी संपत्ति का मालिकाना हक मिलेगा.
GNIDA केमुताबिक अधूरे पड़े प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए कई राहतों की घोषणा की गई है. बिल्डर्स को 1 अप्रैल, 2020 से 31 मार्च, 2022 तक के लिए जीरो पीरियड का लाभ दिया जाएगा. जीरो पीरियड का लाभ लेने के बाद, बिल्डर्स को अपनी कुल बकाया राशि का 25 परसेंट हिस्सा 60 दिनों के भीतर जमा करना होगा. शेष 75 परसेंट बकाया पैसा साधारण ब्याज के साथ अगले तीन साल में जमा करना होगा.
इसके अलावा को-डेवलपर भी प्रोजेक्ट को पूरा करने की अनुमति ले सकेगा. डेवलपर और को-डेवलपर दोनों ही प्राधिकरण की बकाया राशि का भुगतान करने के लिए जिम्मेदार होंगे. प्रोजेक्ट की अप्रयुक्त भूमि के आंशिक हिस्से को वापस लौटाने की भी अनुमति दी जाएगी. प्राधिकरण ने कहा है कि सरेंडर की गई जमीन के लिए पहले से भुगतान की गई राशि को बिल्डर के बकाए के साथ समायोजित किया जाएगा.