कोविड 19 के बाद से प्रॉपर्टी की कीमतें लगातार बढ़ रही है. खासकर की लग्जरी हाउस की कीमतें और मांग दोनों बढ़ रही है. प्रॉपर्टी कंसल्टेंट फर्म एनारॉक की रिपोर्ट के मुताबिक देश के शीर्ष सात शहरों में पिछले पांच साल में 1.5 करोड़ रुपए से अधिक के आलीशान मकानों की औसत कीमत 24 फीसद बढ़ी है. पिछले पांच सालों में महंगे आलीशान मकानों की औसत कीमत में सबसे ज्यादा 24 फीसद की बढ़ोतरी हुई है. वहीं 40 लाख रुपए से कम कीमत वाले किफायती मकानों की औसत कीमत 15 फीसद बढ़ी है.
मध्य और प्रीमियम आवास खंड (कीमत 40 लाख रुपए से 1.5 करोड़ रुपए के बीच) में पिछले पांच वर्षों में औसत कीमत 18 फीसद बढ़ी है. एनारॉक ने मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा कि 2018 में शीर्ष सात शहरों में ‘लग्जरी’ मकानों की औसत कीमत 12,400 रुपए प्रति वर्ग फुट थी, जो अब बढ़कर 15,350 रुपए प्रति वर्ग फुट हो गई हैं. एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि बेहद मजबूत बिक्री और अच्छी आपूर्ति के चलते लक्जरी मकानों की कीमतों में सबसे महत्वपूर्ण वृद्धि हुई.
बड़े घरों की बढ़ रही मांग
देश के प्रमुख सात शहरों में फ्लैटों के औसत आकार में सालाना पांच फीसद की बढ़ोतरी देखी गई है. एनरॉक की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल जनवरी-मार्च में सात प्रमुख शहरों में फ्लैटों का औसत आकार बढ़कर 1,225 वर्ग फुट हो गया, जो एक साल पहले 1,170 वर्ग फुट था. शीर्ष सात शहरों में दिल्ली-एनसीआर में पिछले पांच वर्षों में औसत फ्लैट आकार में सबसे ज्यादा वृद्धि देखी गई है. साल 2018 में पहले जहां ये 1,250 वर्ग फुट था जो अब बढ़कर 1,700 वर्ग फुट हो गया है. रिपोर्ट के मुताबिक रियल एस्टेट डेवलपर उपभोक्ताओं की मांग को पूरा करने के लिए बड़े अपार्टमेंट का निर्माण कर रहे हैं.
कम बिक रहे सस्ते घर
साल 2023 की पहली छमाही के दौरान कुल घरों की बिक्री में अफोर्डेबल हाउस, जिनकी कीमत 40 लाख रुपए तक है, की हिस्सेदारी करीब 20 फीसद घटी है. किफायती घरों की बिक्री में इस गिरावट का प्रमुख कारण ईएमआई का बढ़ना है. एनारॉक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि किफायती घर खरीदारों की ईएमआई में पिछले दो सालों में करीब 20 फीसदी का इजाफा हुआ है. 30 लाख रुपए तक के होम लोन पर फ्लोटिंग ब्याज दर मई, 2021 में 6.7 फीसदी थी, जो अब बढ़कर 9.15 फीसदी तक पहुंच चुकी है.