एनसीएलटी ने रियल एस्टेट कंपनी एटीएस के एक लग्जरी प्रोजेक्ट को लेकर सख्ती दिखाई है. एटीएस के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद अब एटीएस की नाइट्सब्रिज प्रोजेक्ट के खिलाफ कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रिजॉल्युशन प्रोसेस की शुरुआत की है. एनसीएलटी ने इसके लिए 22 अप्रैल 2024 को आदेश जारी कर दिया है. इस आदेश को जस्टिस अशोक कुमार भारद्वाज और जस्टिस सुब्रत कुमार दास की एनसीएलटी बेंच ने पारित किया.
गौरतलब है कि नॉएडा के सेक्टर 124 में एटीएस का नाइट्सब्रिज प्रोजेक्ट चल रहा है. इसके तहत रियल स्टेट कंपनी लग्जरी घर बना रहा है. लेकिन एटीएस बिल्डर की तरफ से समय पर भुगतान नहीं करने के चलते रिजॉल्युशन प्रोफेशनल की नियुक्ति करने का फैसला लिया गया है. गौरव कटियार को अंतरिम रिजॉल्युशन प्रोफेशनल बनाया गया है. एनसीएलटीने एक ऑर्डर जारी कर इसकी जानकारी दी है. इस ऑर्डर में बताया गया है कि एटीएस हाइट्स प्राइवेट लिमिटेड ने इस प्रोजेक्ट के तहत कथित तौर पर कर्जदाताओं को 285 करोड़ रुपये और 47 करोड़ रुपये के भुगतान में डिफॉल्ट किया है.
एटीएस हाइट्स प्राइवेट लिमिटेड नॉएडा में नाइट्सब्रिज प्रोजेक्ट को बना रही है. लेकिन इस डिफ़ॉल्ट के चलते अब ये प्रोजेक्ट रुक गया है. एएसके ट्रस्टीशिप सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, एएसके इंडिया रियल एस्टेट स्पेशल अपॉर्च्यूनिटीज फंड प्राइवेट लिमिटेड और एएसके इन्वेसटमेंट मैनेजर्स लिमिटेड ने अब रियल एस्टेट कंपनी के खिलाफ कॉरपोरेट इन्सॉल्वेंस रिजॉल्युशन प्रोसेस (CIRP) की शुरुआत की है.
एनसीएलटी ने अपने आदेश में कहा है कि किसी भी एक्शन का असर प्रोजेक्ट पर नहीं पड़ेगा. प्रोजेक्ट के काम में कोई रुकावट नहीं हो और घर खरीदारों को नुकसान नहीं उठाना पड़े, इसके लिए रिजॉल्युशन प्रोफेशनल की नियुक्ति की गई है.
इस पूरे मामले पर एटीएस के प्रमोटर गीतांबर अंगद ने सफाई देते हुए कहा कि 285 करोड़ रुपये और 47 करोड़ रुपये के जिस डिफॉल्ट की बात की गई है, वह डिफॉल्ट नहीं है. अंगद का कहना है कि यह डेट नहीं बल्कि इक्विटी के रूप में है. लेकिन एनसीएलटी इस सफाई से सहमत नहीं है.