कमजोर 2020 के बाद अब रियल एस्टेट इंडस्ट्री के लिए साल 2021 उम्मीदों वाला साल साबित हो सकता है. एरिया के लिहाज से NCR सबसे बड़ा रियल एस्टेट मार्केट है और इसमें भी गुड़गांव में अफोर्डेबल हाउसिंग (Affordable Housing) के लिए कई मौके खुल रहे हैं.
इंडस्ट्री कंसल्टेंट्स और एक्सपर्ट्स मानते हैं कि राज्य सरकारों के स्टांप घटाने, अच्छे डिस्काउंट और डील्स और होम लोन दरें सस्ती होने की वजह से अभी घर खरीदारी का माहौल बना है.
रियल एस्टेट कंल्टेंट एनारॉक (ANAROCK) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि IT-ITeS की बड़ी मौजूदगी की वजह से NCR में डिमांड अच्छी है. वहीं पिछले साल नए लॉन्च के मोर्चे पर NCR ही आगे था जिसमें से 60 फीसदी लॉन्च गुड़गांव में ही थे. बिक्री की बात करें तो NCR की कुल बिक्री का 31 फीसदी था. साल 2020 में नए लॉन्च भले ही कम रहे हों लेकिन अफोर्डेबल सेगमेंट (Affordable Housing) का हिस्सा इसमें ज्यादा था. हालांकि गुड़गांव अपने कमर्शियल ऑफिस और इंडस्ट्रियल एरिया के लिए जाना जाता है, क्या अब वो अफोर्डेबल हाउसिंग में भी अपनी पकड़ बना पाएगा?
एनारॉक ने एक और रिपोर्ट में बताया है कि डिमांड का 40 फीसदी अफोर्डेबल सेगमेंट में है और इसका 38 फीसदी दिल्ली-NCR से है. इस हिस्से में से 32 फीसदी डिमांड गुड़गांव से ही है जबकि ग्रेटर नोएडा में ये 24 फीसदी है. गुड़गांव में लॉन्च हुए 11,180 नए यूनिट्स में से 6,590 अफोर्डोबल सेगमेंट के ही थे.
हरियाणा सरकार ने दी राहत
हरियाणा सरकार ने अफोर्डेबल हाउसिंग पॉलिसी 2013 (Affordable Housing Policy, 2013) में संशोधन किया है जिससे अब अफोर्डेबल सेगमेंट के घरों में मिनिमम एरिया लिमिट, पार्किंग स्पेस को लेकर राहत दी गई है.
स्क्वेयर यार्ड्स (Square Yards) के नेशनल सेल्स हेड राहुल पुरोहित के मुताबिक, “हरियाणा सरकार के अफोर्डेबल हाउसिंग पॉलिसी में संशोधन के नोटिफिकेशन से ज्यादा ग्रेड-A डेवलेपर्स के अब इस सेगमेंट में एंट्री लेने की उम्मीद है. पार्किंग स्पेस की कमी डेवलेपर्स और घर खरीदारों दोनों के लिए ऐसे प्रोजेक्ट्स को कम आकर्षक बनाती थी. संशोधन से अब उसी स्क्वेयर फीट के भाव पर कार पार्किंग सुविधा और ज्यादा एरिया स्पेस भी होगा.”
राहुल पुरोहित का कहना है कि गुड़गांव का रेजिडेंशियल मार्केट साल 2020 की दूसरी छमाही के बाद धीरे धीरे पटरी पर लौट रहा है. ऐसे में हरियाणा सरकार के इस कदम से घर खरीदारों में कॉन्फिडेंस बढ़ेगा. उनके मुताबिक लॉकडाउन के बाद रियल एस्टेट में रिकवरी के पीछे अफोर्डेबल सेगमेंट (Affordable Housing) की ओर से योगदान रहा है. उन्होंने कहा कि स्क्वेयर यार्ड्स पर तकरीबन 50 फीसदी सेल्स अफोर्डेबल और मिड-सेगमेंट कैटेगरी में ही आई है और ये रुझान आगे भी जारी रहने का अनुमान है.
अफोर्डेबल सेगमेंट में इन्वेंट्री 38 फीसदी है यानि ऐसी प्रॉपर्टी जो बिके नहीं हैं. इन्वेंट्री में गुड़गांव में बिना बिकी प्रॉपर्टी सबसे ज्यादा है. रियल एस्टेट मार्केट को बढ़ावा देने के लिए राज्यों के अलग-अलग कदम से अफोर्डोबल हाउसिंग (Affordable Housing) की डिमांड बढ़ने की ही उम्मीद है.