हर 100 में से 18 लोग ही खरीद रहे सस्‍ता घर!

नए मकानों की आपूर्ति में सस्ते घरों की हिस्सेदारी घटकर 18 फीसदी पर आई : Anarock

affordable homes

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बिल्डर अब 40 लाख रुपए या इससे कम कीमत के मकानों की पेशकश कम कर रहे हैं. एनारॉक (Anarock) की एक रिपोर्ट के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में देश के सात प्रमुख शहरों में नए घरों की पेशकश में सस्ते या किफायती मकानों का हिस्सा घटकर मात्र 18 फीसदी रह गया है. मतलब अगर बिल्‍डर 100 नए घर पेश कर रहे हैं, तो उनमें सस्‍ते घर केवल 18 हैं. जुलाई-सितंबर 2018 में कुल नए मकानों की पेशकश में सस्ते घरों की हिस्सेदारी 42 फीसदी हुआ करती थी.

एनारॉक ने सात प्रमुख शहरों से जुटाए गए आंकड़ों के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है. इस रिपोर्ट के अनुसार जुलाई-सितंबर 2023 के दौरान नए घरों की कुल आपूर्ति 1,16,220 इकाई रही. इसमें सस्ते या किफायती घरों का हिस्सा 20,920 इकाई या 18 फीसद रहा. जुलाई-सितंबर 2018 में नए घरों की कुल आपूर्ति 52,120 इकाई थी, जिनमें से 21,900 (42 फीसद) किफायती घर थे.

वित्त वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही में नई आपूर्ति में सस्ते घरों की हिस्सेदारी 41 फीसदी थी, जो 2020-21 की तीसरी तिमाही में घटकर 24 फीसदी रह गई. एनारॉक की रिपोर्ट में सात शहरों- दिल्ली-एनसीआर, मुंबई महानगर क्षेत्र, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे के आंकड़ों को शामिल किया गया है.

माना जा रहा है कि बिल्डर अब अधिक मुनाफा कमाने के लिए लक्जरी आवासीय परियोजनाओं पर अधिक ध्‍यान दे रहे हैं. सस्ते मकानों में मुनाफे का मार्जिन भी कम रहता है. इसके अलावा जमीन की ऊंची लागत की वजह से आज किफायती आवासीय परियोजनाएं बिल्डर्स के लिए आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं रह गई हैं.

लक्‍जरी घरों की बढ़ रही मांग

एनारॉक ने कहा कि जहां कुल नई आपूर्ति में किफायती घरों की हिस्सेदारी कम हो रही है, वहीं 1.5 करोड़ रुपए से अधिक कीमत वाले लक्जरी घरों की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ रही है. वास्तव में पिछले पांच साल में यह तीन गुना हो गई है. शीर्ष सात शहरों में जुलाई-सितंबर में पेश की गई 1,16,220 इकाइयों में से 27 फीसदी (31,180 इकाइयां) लक्जरी श्रेणी में थीं. एनारॉक ने कहा कि यह पिछले पांच साल में लक्जरी मकानों की आपूर्ति का सबसे ऊंचा आंकड़ा है.

महामारी के बाद बढ़ी बड़े घरों की डिमांड

वित्त वर्ष 2018 की तीसरी तिमाही में लक्जरी घरों की कुल आपूर्ति में हिस्सेदारी सिर्फ नौ फीसदी थी. उस समय पेश की गई 52,120 इकाइयों में से केवल 4,590 लक्जरी श्रेणी की थीं. एनारॉक समूह के क्षेत्रीय निदेशक और शोध-प्रमुख प्रशांत ठाकुर ने कहा कि महामारी के बाद शानदार प्रदर्शन के कारण डेवलपर्स लक्जरी आवास खंड को लेकर उत्साहित हैं. ठाकुर ने कहा कि महामारी के बाद घर खरीदार बड़ा घर खरीदना चाहते हैं. इसके अलावा वे बेहतर सुविधाएं और अपनी पसंद की जगह पर घर खरीदने को प्राथमिकता दे रहे हैं.

Published - October 9, 2023, 03:33 IST