7.05 लाख फ्लैट्स हैं खाली, घर खरीदने का क्या यही है सही मौका?

बड़ी तादाद में बिना बिके घर मौजूद हैं. बिल्डर्स डिस्काउंट दे रहे हैं और बैंक सस्ती ब्याज पर कर्ज, ऐसे में क्या आपको घर खरीदने का फैसला लेना चाहिए.

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एनआरआई निवेश के लिए रेडी टू मूव इन प्रॉपर्टी और लग्जरी सेगमेंट में सबसे ज्यादा उम्मीदें तलाश रहे हैं. एनआरआई 70 लाख से लेकर 2 करोड़ रुपए तक और उससे ऊपर की रेडी टू मूव इन प्रॉपर्टी में सबसे ज्यादा सेल देख रहे हैं. रेरा के आने के बाद से प्रॉपर्टी मार्केट में रियल स्टेट में पारदर्शिता की उम्मीद बढ़ गई है, इसके चलते भी एनआरआई का भारतीय रियल स्टेट सेक्टर में निवेश के मकसद से रुझान देखने को मिल रहा है.

एनआरआई निवेश के लिए रेडी टू मूव इन प्रॉपर्टी और लग्जरी सेगमेंट में सबसे ज्यादा उम्मीदें तलाश रहे हैं. एनआरआई 70 लाख से लेकर 2 करोड़ रुपए तक और उससे ऊपर की रेडी टू मूव इन प्रॉपर्टी में सबसे ज्यादा सेल देख रहे हैं. रेरा के आने के बाद से प्रॉपर्टी मार्केट में रियल स्टेट में पारदर्शिता की उम्मीद बढ़ गई है, इसके चलते भी एनआरआई का भारतीय रियल स्टेट सेक्टर में निवेश के मकसद से रुझान देखने को मिल रहा है.

देश के आठ बड़े शहरों में अनसोल्ड यानी बिना बिके घरों की संख्या 7.05 लाख है. जनवरी से मार्च 2021 तिमाही के दौरान इन आठ शहरों में अनसोल्ड घरों की संख्या या इनवेंटरी में महज 2 फीसदी की गिरावट आई है. यानी इस तिमाही के दौरान कम घरों की बिक्री हुई है.

दरअसल, पिछले साल मार्च में कोविड-19 फैलने और इसके चलते लगाए गए लॉकडाउन के दौर में आर्थिक गतिविधियों पर बुरा असर पड़ा है. इसके चलते घरों की बिक्री में भी गिरावट रही है.

मांग बढ़ाने के लिए डिवेलपर्स अपनी तरफ से कई तरह के डिस्काउंट और ऑफर्स दे रहे हैं. साथ ही बैंकों ने भी ब्याज दरों में कटौती की है ताकि रियल एस्टेट सेक्टर में ग्रोथ पैदा की जा सके

ऐसे में अगर आप निकट भविष्य में घर खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो आपके लिए ये एक अच्छा मौका साबित हो सकता है. इस वक्त आपको अच्छी कीमत पर घर मिल सकता है.

बड़ी तादाद में इनवेंटरी

हाउसिंग ब्रोकरेज फर्म प्रॉपटाइगर की ‘रियल इनसाइट’ रिपोर्ट के मुताबिक, कुल बिना बिके घरों की इनवेंटरी में से 18 फीसदी रेडी-टू-मूव कैटेगरी में में हैं.

इससे ग्राहकों को ये फायदा है कि अगर आप घर खरीदने जा रहे हैं तो आपको प्रोजेक्ट के तैयार होने तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा. बड़ी तादाद में तैयार घरों के मौजूद होने से आपके लिए इनमें से चुनाव करने का बढ़िया विकल्प मौजूद है.

डिवेलपर्स दे रहे ऑफर

प्रॉपटाइगर की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल जनवरी से मार्च तिमाही में इससे पिछली तिमाही के मुकाबले बिना बिके घरों की इनवेंटरी में महज 2 फीसदी की गिरावट हुई है और अभी देश के प्रमुख 8 शहरों में कुल 7.05 लाख बिना बिके घर मौजूद हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर इसी रफ्तार से बिक्री होती है तो डिवेलपर्स को इस इनवेंटरी को बेचने में चार साल का वक्त लगेगा. पिछले साल की दिसंबर तिमाही में कुल 7,18,483 बिना बिके घर थे.

ऐसे में डिवेलपर्स अपनी तरफ से हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं कि घरों की इस इनवेंटरी को जल्द से जल्द निकाला जा सके. इसके लिए वे कई तरह के डिस्काउंट भी ऑफर कर रहे हैं.

घर खरीदने की सोच रहे लोगों को इससे ये फायदा हो सकता है कि वे डिवेलपर्स से अच्छी डील हासिल कर सकते हैं और इसके लिए सौदेबाजी कर सकते हैं.

66,000 से ज्यादा घर बिके

रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के आठ प्रमुख शहरों में जनवरी से मार्च के दौरान 66,176 घरों की बिक्री हुई है. जबकि इसी दौरान 53,037 नए घर बिकने के लिए तैयार भी हुए हैं.

प्रॉपटाइगर और हाउसिंग.कॉम की सीओओ मणि रंगराजन के मुताबिक, “सबसे ज्यादा बिने बिके घरों का स्टॉक मुंबई और पुणे में है. इसके बाद एनसीआर का नंबर आता है.”

दिल्ली एनसीआर में जनवरी से मार्च 2021 के दौरान 1,05,279 बिना बिके घर रहे हैं.

सस्ती ब्याज दरें

गौरतलब है कि रियल्टी मार्केट में सुस्ती के चलते बैंक इसमें जान डालने की कोशिश कर रहे हैं. ज्यादातर बैंक बेहद कम ब्याज पर होम लोन उपलब्ध करा रहे हैं. देश के सबसे बड़े बैंक SBI ने होम लोन के लिए अपनी ब्याज दरों को 7 फीसदी के नीचे रखा है. इसके अलावा, कई दूसरे बैंक भी ब्याज दरों को 6.6% से 7 फीसदी के बीच रखे हैं.

बैंक प्रोसेसिंग फीस में  छूट समेत कई दूसरे ऑफर भी ग्राहकों को दे रहे हैं ताकि होम लोन सेगमेंट में तेजी आ सके.

Published - May 3, 2021, 03:17 IST