PF Interest Rate: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के 6 करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइब के लिए अच्छी खबर नहीं है. आने वाले दिनों में आपके प्रोविडेंट फंड के ब्याज पर कैंची चल सकती है. दरअसल, सरकार की तरफ से इस साल ब्याज दरों में कटौती की जा सकती है. बजट में सरकार ने अपना खर्चा बढ़ाया है. इस खर्चे को पूरा करने और रेवेन्यू जेनरेट करने के लिए PF के इंट्रस्ट रेट पर कैंची चलाई जा सकती है. 2 फरवरी को Money9 के साथ खास बातचीत में Taxspanner के CEO और को-फाउंडर सुधीर कौशिक ने आशंका जताई थी कि सरकार आने वाले दिनों में प्रोविडेंट फंड के ब्याज में कटौती कर सकती है. EPFO बोर्ड के सूत्रों के मुताबिक, कोरोना वायरस के चलते पीएफ योगदान में कमी आई है और निकासी ज्यादा हुई है. पिछले साल भी ब्याज दरों में कटौती की गई थी.
कितना कम हो सकता है ब्याज EPF पर मौजूदा ब्याज दर 8.50 फीसदी है, जो सात सालों में सबसे कम है. वित्त वर्ष 2019 में ये दर 8.65 फीसदी थी. पिछले वित्त वर्ष में सभी प्रोविडेंट फंड खाताधारकों को 8.50 फीसदी ब्याज दिया गया. सूत्रों की मानें तो इस बार के ब्याज (PF Interest Rate) में कटौती हो सकती है. मतलब आने वाले दिनों में ब्याज 8.50 फीसदी से भी कम मिलेगा. बता दें, EPFO अपना ज्यादातर हिस्सा सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश करता है.
4 मार्च की मीटिंग में हो सकता है फैसला EPFO के ब्याज दर का फैसला आगामी बोर्ड मीटिंग में होना है. EPFO सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की 228वीं मीटिंग 4 मार्च 2021 को होनी है. फाइनेंस इन्वेस्टमेंट एंड ऑडिट कमेटी (FIAC) इस बात का आकलन कर रही है कि EPFO से ज्यादा निकासी होने और जमा में कमी आने का 2020-21 की कमाई पर कितना असर होगा. सूत्रों की मानें तो CBT की मीटिंग से पहले FIAC की एक मीटिंग हो सकती है, जिसमें ब्याज दर को बदलने की सिफारिश की जा सकती है.
बजट 2021 में बदला था टैक्स का नियम प्रॉविडेंट फंड (PF) बजट 2021 के बाद से ही सबसे ज्यादा चर्चा में है. दरअसल, पीएफ में योगदान पर कैपिंग कर दी गई है. सालाना 2.5 लाख तक का निवेश ही टैक्स फ्री है. इससे ऊपर के निवेश पर अब अपने टैक्स ब्रैकेट के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा. नए नियम में हाई इनकम ब्रैकेट वाले लोगों को PF पर मिलने वाले ब्याज की छूट को कम किया गया है. अगर किसी शख्स का पीएफ (PF) में सालाना योगदान 2.5 लाख रुपये (PF 2.5 Lakhs) से ज्यादा होगा तो 2.5 लाख रुपए से ज्यादा वाली रकम पर उसे जो भी ब्याज मिलेगा, उस पर टैक्स देना (Tax on PF) होगा.
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