New wage code: 1 अप्रैल से न्यू वेज कोड लागू नहीं होगा. मतलब आपका सैलरी स्ट्रक्चर फिलहाल नहीं बदलेगा. पिछले कुछ समय से लगातार चर्चा थी कि नया वेज कोड 1 अप्रैल से लागू कर दिया जाएगा. जिसके बाद आपका पूरा सैलरी स्ट्रक्चर रिवाइज होगा. केंद्र सरकार ने नया वेज कोड को लागू नहीं करने का फैसला किया है. भारत में वेतन पर काम करने वाले अधिकतर लोगों के सैलरी स्ट्रक्चर में इस वजह से बड़ा बदलाव आ सकता था, जो अब नहीं होगा.
EPFO बोर्ड मेंबर और भारतीय मजदूर संघ के जनरल सेक्रेटरी विरजेश उपाध्याय ने Money9 को बताया कि जब तक सरकार की तरफ से कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं होता है तब तक नया फैसला लागू नहीं होता. 1 अप्रैल से इसका लागू होना मुश्किल है. क्योंकि, सरकार ने फिलहाल इसे लेकर किसी भी तरह कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है. उपाध्याय के मुताबिक, टलने का मतलब यह नहीं है कि सरकार इसे लागू नहीं करेगी. कुछ महीने बाद इसे लागू किया जा सकता है.
Taxspanner.com, Founder & CEO, सुधीर कौशिक का मानना है कि न्यू वेज कोड (New wage code) को टालने का फैसला सही है. क्योंकि, इसके लिए अभी कोई तैयार नहीं था. कई तरह के बदलाव सिस्टम में होने है. कंपनियों को अपने सॉफ्टवेयर में भी इसके लिए बदलाव करना होगा. इसलिए इतनी तेजी से डिजिटली चेंज कर पाना संभव नहीं है. कंपनी ऑफिशियल्स से लेकर सरकारी विभाग भी इसके लिए पूरी तरह तैयार नहीं हैं. ये जो प्रेशर सभी पर है, इसको देखते हुए ही इसे फिलहाल लागू नहीं किया गया है.
टैक्स एक्सपर्ट गौरी चड्ढा के मुताबिक, अभी महामारी का दौर है, ऐसे में लोगों को हाथ में ज्यादा पैसा चाहिए. न्यू वेज कोड लागू होने से लोगों की टेक होम सैलरी कम हो जाएगी और PF या दूसरे रिटायरमेंट कंट्रीब्यूशन बढ़ जाएंगे. ऐसे में सरकार का वेज कोड टालने का फैसला अच्छा कदम है.
क्या है नया वेज कोड? सरकार ने 29 केंद्रीय लेबर कानूनों को मिलाकर 4 नए कोड (New wage Code) बनाए हैं. इनमें इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड, कोड ऑन ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड (OSH), सोशल सिक्योरिटी कोड और कोड ऑन वेजेज शामिल हैं. लेबर कोड्स में कुछ नए कॉन्सेप्ट लाए गए हैं. लेकिन, सबसे बड़ा बदलाव ‘वेज’ की परिभाषा के विस्तार का है. नए लेबर कोड का मकसद कंसोलिडेशन पर है. सैलरी का 50 फीसदी सीधे तौर पर वेजेज में शामिल होगा. बता दें, संसद से श्रम सुधारों से जुड़े नए कानून पास हो चुके हैं. अब इन्हें लागू करना है.
नए वेज कोड में क्या ? वेज कोड एक्ट के मुताबिक, किसी कर्मचारी का मूल वेतन (Basic Salary) कंपनी की लागत (CTC) का 50 परसेंट से कम नहीं हो सकता है. अभी कई कंपनियां बेसिक सैलरी को काफी कम करके ऊपर से भत्ते ज्यादा देती हैं ताकि कंपनी पर बोझ कम पड़े.
टेक होम सैलरी घटेगी, रिटायरमेंट सुधरेगा सुधीर कौशिक ने बताया कि मूल वेतन (Basic Pay) बढ़ने से कर्मचारियों (Employees) का पीएफ (PF) ज्यादा कटेगा, तो उनकी टेक-होम सैलरी भले ही कम होगी, लेकिन उनका भविष्य ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा. इससे उनकी सेवानिवृत्ति (Retirement) पर ज्यादा लाभ मिलेगा, क्योंकि भविष्य निधि (PF) और मासिक ग्रैच्युटी (Monthly Gratuity) में उनका योगदान बढ़ जाएगा.
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