एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड (Employee Provident Fund) को रिटायरमेंट के बाद की प्लानिंग के लिए तैयार किया जाता है. खासकर संगठित क्षेत्र (Organized Sector) में काम करने वाले लोगों के लिए यह फंड बढ़िया सेविंग्स प्लान है. लेकिन, कुछ जरूरी खर्च के मौके पर रिटायरमेंट से पहले भी इस फंड का हिस्सा निकाल लिया जाता है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) रिटायरमेंट के पहले होम लोन रिपेमेंट (Home loan repayment), शादी, शिक्षा, मेडिकल इमरजेंसी, घर खरीदने या रिनोवेट कराने के लिए फंड निकालने की छूट देता है. लेकिन, इसके कुछ नियम हैं. इन नियमों का आपको पता होना चाहिए.
होम लोन रिपेमेंट के पैसा निकालने से पहले समझें अगर आप होम लोन रिपेमेंट (Home Loan Repayment) के लिए अपने EPF से कोई रकम निकालना चाहते हैं तो आपको कम से कम 10 साल तक सर्विस में रहना अनिवार्य होगा. इस निकासी के लिए कुछ नियम और शर्तें होंगी. पहला तो यह कि जिस होम लोने की रिपेमेंट (Home Loan Repayment) के लिए आप पैसा निकाल रहे हैं, वो होम लोन आपके या पति/पत्नी या दोनों के नाम पर ज्वाइंट रूप से लिया गया हो. इस निकासी के लिए आपको जरूरी डॉक्युमेंट्स EPFO को सबमिट करने होंगे. आप कम से कम 36 महीने के बेसिक सैलरी व महंगाई भत्ते जितनी रकम निकाल सकते हैं. इसमें कर्मचारी और नियोक्ता (Employer) का योगदान और इस पर मिलने वाला ब्याज भी शामिल होगा.
जमीन खरीदने या घर बनाने के लिए नियम आप घर खरीदने या घर बनाने के लिए जमीन खरीदने के लिए भी एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) का कुछ हिस्सा निकाल सकते हैं. इसके लिए आपको कम से कम 5 साल तक सर्विस में रहना अनिवार्य होगा. खरीदे जाने वाला घर या जमीन आपके नाम या पति/पत्नी या दोनों के नाम ज्वाइंट रूप से रजिस्टर्ड होना चाहिए.
ये भी पढ़ें: बहुत जरूरी हो तब निकालें EPF का पैसा, ₹3 लाख के विड्रॉल से करीब ₹35 लाख का नुकसान होगा
शादी और शिक्षा के लिए क्या है नियम? आप अपने या भाई-बहन या बच्चों की शादी के लिए रिटायरमेंट (Retirement) से पहले EPF का कुछ हिस्सा निकाल सकते हैं. आप अपने बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए होने वाले खर्च को ध्यान में रखते हुए भी इस फंड से निकासी कर सकते हैं. इस फंड से बच्चे के 10वीं पास होने के बाद ही निकाला जा सकता है.
EPFO के नियमों के मुताबिक, अपने कुल योगदान का 50 फीसदी हिस्सा रिटायरमेंट से पहले शादी या उच्च शिक्षा के नाम पर निकाला जा सकता है. इसके लिए आपको ध्यान में रखना होगा कि आप कम से कम 7 साल तक सर्विस में रहे हों. इस बीच अगर आपने अपनी नौकरी बदली है तो भी आपका इस निकासी के लिए योग्य होंगे. कुल मिलाकर आपको कम से कम 7 साल तक नौकरी करने के बाद ही इस फंड से निकासी की अनुमति होगी.
मान लीजिए कि आपके EPF में कुल 4.5 लाख रुपये का योगदान है जोकि ब्याज के साथ ही 5 लाख रुपये होता है. ऐसी स्थिति में आप शादी या उच्च शिक्षा के नाम पर 2.5 लाख रुपये तक की निकासी कर सकते हैं. रिटायरमेंट तक आप कुल 3 बार ही इस निकासी के योग्य होंगे.
कैसे निकालें अपना प्रोविडेंट फंड? प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) निकालने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आप लोकल EPFO ऑफिस (Local EPFO Office) जाकर भी एक फॉर्म के जरिए आवेदन कर सकते हैं. फंड का कुछ हिस्सा निकालने के लिए आपको एक सेल्फ अटेस्टेड फॉर्म भरना होगा. ऑनलाइन फॉर्म भरने के लिए आपको EPF की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा. इस वेबसाइट पर आपका यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) एक्टिवेटेड होना चाहिए. साथ ही इसमें आधार, परमानेंट अकाउंट नंबर (PAN) और बैंक अकाउंट लिंक होना चाहिए.
रिटायरमेंट से पहले निकालना चाहिए PF? हर महीने कर्मचारी और नियोक्ता एक तय रकम इस फंड में जमा करते हैं. जानकारों का मानना है कि इस फंड को मैच्योरिटी से पहले नहीं निकालना चाहिए. क्योंकि, इससे रिटायरमेंट के बाद जोखिम बढ़ सकता है. ऐसे में अगर आप रिटायरमेंट के लिए जमा (Retirement Fund) रकम की मदद से घर खरीदते हैं या किसी दूसरे खर्च में इस्तेमाल करते हैं तो रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी को फाइनेंशियली कमजोर करते हैं. जरूरत के समय बैंक कर्ज देने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. खासकर शिक्षा या घर खरीदने के लिए बैंकों के पास कई तरह के ऑफर होते हैं. लेकिन, कोई भी बैंक आपके रिटायरमेंट के बाद की प्लानिंग के लिए कर्ज नहीं देता. ऐसे में EPF के जरिए अपने रिटायरमेंट के बाद की लाइफ को सुरक्षित कर सकते हैं. EPF एक ऐसी रकम है जिसमें कम्पाउंडिंग का भी लाभ मिलता है.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।