कोविड की दूसरी लहर के वक्त में कर्मचारियों को सपोर्ट करने के लिए EPFO ने अपने मेंबर्स को दूसरा नॉन-रिफंडेबल कोविड-19 एडवांस लेने की इजाजत दी है. लेबर मिनिस्ट्री की सोमवार को जारी रिलीज में इस फैसले का ऐलान किया गया है. इसके जरिए अब वित्तीय मुश्किलों का सामना कर रहे EPFO मेंबर्स कोविड-19 के लिए दूसरा एडवांस भी ले सकते हैं.
पिछले साल लॉन्च हुई थी योजना
कोविड की वजह से मुश्किल झेल रहे कर्मचारियों को PF खाते से पैसे निकालने के लिए विशेष प्रावधान पिछले साल मार्च में लागू किए गए थे. ये स्कीम प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) के तहत लॉन्च की गई थी.
इसके तहत लेबर मिनिस्ट्री ने एंप्लॉयीज प्रॉविडेंट फंड्स स्कीम, 1952 में संशोधन किया था. एक आधिकारिक गजट के जरिए इसके पैरा 68L में एक सब-पैरा (3) जोड़ा गया था.
इतनी रकम निकाल सकते हैं
इस प्रावधान के तहत तीन महीनों की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते या मेंबर के EPF खाते में मौजूद रकम के 75% हिस्से तक, इसमें जो भी कम हो, उसे निकालने की इजाजत दी जाती है. मेंबर खुद भी कम अमाउंट के लिए आवेदन कर सकता है.
कोविड-19 एडवांस महामारी के दौरान EPF मेंबर्स के लिए बेहद मददगार साबित हुआ है. ये खासतौर पर ऐसे कम तनख्वाह वालों के लिए बेहद कारगर साबित हुआ है जिन्हें हर महीने 15,000 रुपये से कम वेतन मिलता है.
18000 करोड़ रुपये से ज्यादा के क्लेम सेटल
अब तक EPFO 76.31 लाख कोविड-19 एडवांस क्लेम सेटल कर चुका है और इस तरह से कुल 18,698.15 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं.
पहले एडवांस ले चुके मेंबर भी ले सकते हैं दूसरा एडवांस
कोविड-19 की दूसरी लहह के दौरान म्यूोरमायकोसिस या ब्लैक फंगस की घटनाओं को भी महामारी घोषित किया गया है. ऐसे मुश्किल वक्त पर EPFO अपने मेंबर्स की मदद कर रहा है. जो लोग पहला कोविड-19 ले चुके हैं वे भी दूसरा एडवांस ले सकते हैं. दूसरे कोविड-19 विद्ड्रॉल के प्रोविजन और प्रक्रिया पहले एडवांस जैसे ही रहेंगे.
तीन दिन में निपटेंगे क्लेम
लेबर मिनिस्ट्री ने कहा है कि कोविड महामारी के वक्त मेंबर्स की वित्तीय मदद की जरूरत को समझते हुए कोविड-19 क्लेम्स को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने का फैसला लिया गया है. मंत्रालय ने कहा है कि EPFO इन क्लेम्स की रिसीट मिलने के तीन दिन में इन्हें निपटाने को लेकर प्रतिबद्ध है.
इसके लिए EPFO ने सिस्टम आधारित ऑटो-क्लेम सेटलमेंट प्रोसेस तैनात की है. ये ऐसे मेंबर्स के लिए मददगार साबित होगा जिनके KYC पूरे हो चुके हैं.
सेटलमेंट में ऑटो-मोड को लागू करने से EPFO के लिए क्लेम सेटलमेंट साइकल को घटाकर तीन दिन पर लाने में सफलता मिली है, जबकि पहले क्लेम्स सेटल करने में 20 दिन का वक्त लगता था.
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