प्रोविडेंट फंड के कई फायदे हैं. अच्छा ब्याज, रिटायरमेंट फंड होने के अलावा, जरूरत पड़ने पर सेविंग बैंक अकाउंट की तरह ही काम करता है. यही नहीं, EPFO अपने सदस्यों को और भी कई तरह के बेनिफिट्स देता है. हर EPF अकाउंट पर 7 लाख रुपए तक का फ्री इंश्योरेंस कवर मिलता है. ऑर्गनाइज्ड सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों को EPF अकाउंट के साथ 7 लाख रुपए तक का लाइफ इंश्योरेंस कवर (Employees Deposit Linked Insurance Scheme) मिलता है. कोविड-19 महामारी भी इसमें कवर (EPF Covid Claim) होती है. अगर किसी कर्मचारी की नौकरी पर रहते हुए कोविड-19 से मृत्यु होती है तो नॉमिनी को EDLI स्कीम का फायदा मिलेगा और वह 7 लाख रुपए के लिए क्लेम कर सकता है.
लाइफ इंश्योरेंस कवर आपके PF अकाउंट के साथ लिंक होता है. नौकरी की अवधि में कोई भी कर्मचारी इसके लिए किसी तरह का कोई कंट्रीब्यूशन नहीं देता. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अपने सभी मेंबर्स को यह सुविधा फ्री देता है. अगर किसी EPFO मेंबर्स की आकास्मिक मृत्यु हो जाती है तो नॉमिनी लाइफ इन्श्योरेंस (Life Insurance) की राशि क्लेम कर सकता है.
EPFO मेंबर्स को इंश्योरेंस कवर की यह सुविधा एम्प्लॉई डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम (EDLI Insurance cover) के तहत मिलती है. इस स्कीम के तहत सदस्य की मौत होने पर नॉमिनी को अधिकतम 7 लाख रुपए का इंश्योरेंस कवर (EPF Covid Claim) के तहत भुगतान किया जा सकता है. पहले इसकी लिमिट 3,60,000 रुपए थी. बाद में कवर की लिमिट को बढ़ाकर 6 लाख रुपए किया गया और पिछले साल सितंबर 2020 में इसकी लिमिट बढ़ाकर 7 लाख रुपए कर दी गई. बोनस की लिमिट को भी 1.5 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए कर दिया गया था.
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किसी कर्मचारी की मौत होने पर नॉमिनी को पिछले 12 महीने की औसत सैलरी की 30 गुना राशि, 20 फीसदी बोनस के साथ मिलती है. इसका मतलब है कि मौजूदा समय में 15,000 रुपए की बेसिक इनकम की सीलिंग के मुताबिक 30x₹15,000= ₹4,50,000 रुपए मिलेगा. इसके अलावा बोनस अमाउंट ₹2,50,000 भी क्लेम करने वाले को दिया जाएगा. कुल मिलाकर यह रकम अधिकतम 7 लाख रुपए तक हो सकती है.
EPFO के रिटायर्ड एन्फोर्समेंट ऑफिसर भानु प्रताप शर्मा के मुताबिक, PF खाताधारक की मृत्यु होने पर अकाउंट का नॉमिनी इंश्योरेंस अमाउंट के लिए क्लेम कर सकता है. इसके लिए इंश्योरेंस कंपनी को डेथ सर्टिफिकेट, सक्सेशन सर्टिफिकेट और बैंक डिटेल्स देने की जरूरत होगी. कोविड-19 (EPF Covid Claim) से होने वाली मृत्यु के मामले में भी इसे लिया जा सकता है. अगर किसी का कोई नॉमिनी नहीं है तो फिर कानूनी उत्तराधिकारी यह अमाउंट क्लेम कर सकता है. PF खाते से पैसा निकालने के लिए एंप्लॉयर के पास जमा होने वाले फॉर्म के साथ इंश्योरेंस कवर का फॉर्म-5 IF भी जमा कर दें. इस फॉर्म को एंप्लॉयर सत्यापित करता है. इसके बाद कवर का पैसा मिलता है.
EPFO के एन्फोर्समेंट ऑफिसर गोपीचंद अरोड़ा के मुताबिक, हर साल इंश्योरेंस कवर के लिए क्लेम मिलते हैं. लेकिन, इनकी संख्या काफी कम है. लेकिन, कोविड-19 के मामले में कितने क्लेम मिले है इसकी अलग से स्क्रूटनी करना बहुत मुश्किल है. EPF अकाउंट पर मिलने वाले इस फायदे की जानकारी का अभाव है. ज्यादातर अकाउंटहोल्डर्स को इसकी जानकारी ही नहीं होती. अगर होती भी है तो उनके नॉमिनी को इसकी जानकारी नहीं होती.
पीएफ अकाउंट पर होने वाले इस इंश्योरेंस का दावा सिर्फ तभी किया जा सकता है, जब पीएफ खाताधारक की मौत नौकरी के दौरान हुई हो, मतलब रिटायरमेंट से पहले. इस दौरान चाहे वह ऑफिस में काम कर रहा हो या छुट्टी पर हो. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. नॉमिनी पैसा क्लेम कर सकता है.