कई लोग रिटायरमेंट की उम्र से पहले नौकरी छोड़ देते हैं. ऐसे कई जानना चाहते हैं कि उनके EPF (Employee Provident Fund) अकाउंट में जमा रकम का क्या होता है. क्या उस पर टैक्स-फ्री ब्याज मिलता रहता है? यहां बता देना जरूरी है कि आपकी रिटायरमेंट की उम्र के बाद भी EPF अकाउंट पर ब्याज मिलना जारी रहता है. फिर भले इसमें कोई नया कॉन्ट्रिब्यूशन हो या नहीं. यह सही है कि रिटायरमेंट या नौकरी पूरी होने तक EPF में जुटी रकम पर टैक्स नहीं लगता है. लेकिन, इस्तीफा देने, रिटायरमेंट या नौकरी पूरी होने के बाद PF में जमा रकम पर अर्जित ब्याज टैक्स के दायरे में आता है.
58 साल की उम्र से पहले नौकरी से इस्तीफा देने की स्थिति में अगर 36 महीनों के भीतर आप अपना पैसा नहीं निकालते हैं तो आपका Employee Provident Fund अकाउंट निष्क्रिय हो जाता है. एक बार EPF अकाउंट के निष्क्रिय या इनऑपरेटिव होने पर इस पर ब्याज नहीं मिलता है.
इन चार स्थितियों में इनऑपरेटिव होता है अकाउंट
– अगर 55 साल का होने के बाद कर्मचारी नौकरी से रिटायर होता है.
– अगर सब्सक्राइबर विदेश चला जाता है.5
– अगर EPF मेंबर की मौत हो जाती है.
– अगर नौकरी से इस्तीफा देने के बाद वह PF से पैसा निकालने का पात्र हो जाने की तारीख से 36 महीने के भीतर सेटेलमेंट नहीं करता है.
EPF को लेकर क्या है इनकम टैक्स के नियम
इनकम टैक्स के नियमों के मुताबिक, अगर 5 साल की लगातार सर्विस पूरी होने से पहले पैसा निकाला जाता है तो EPF बैलेंस के ब्याज पर टैक्स लगता है. ऐसे मामले में जहां कर्मचारी EPF सब्सक्रिप्शन के शुरुआती 5 वर्षों में एक से ज्यादा संस्थानों में काम करता है तो सर्विस को नियमित माना जाता है. अगर वह पिछले संस्थान का EPF बैलेंस मौजूदा संस्थान में ट्रांसफर कराता है. इस स्थिति में माना जाता है कि कर्मचारी ने टैक्स के उद्देश्यों के लिए 5 साल या इससे ज्यादा की लगातार सर्विस की है.