देश में कोविड ने जिस पैमाने पर तबाही मचाई है उसका बड़े पैमाने पर आर्थिक असर हुआ है. कोविड महामारी के चलते आम लोगों की आर्थिक हालत बुरी तरह से चरमरा गई है और आंकड़ों में इसका पता चल रहा है.
प्रमुख अंग्रेजी दैनिक द इकनॉमिक टाइम्स (ET) की खबर के मुताबिक, 1 अप्रैल 2020 से अब तक करीब 3.5 करोड़ लोगों ने अपने रिटायरमेंट फंड या प्रॉविडेंट फंड (PF) खातों से पैसा निकाला है.
ये ऐसे लोगों का आंकड़ा है जो कि औपचारिक सेक्टर या फॉर्मल सेक्टर में काम कर रहे हैं और जिनका हर महीने सैलरी से प्रॉविडेंट फंड में योगदान जमा होता है.
1.25 लाख करोड़ रुपये की निकासी
ET की खबर के मुताबिक, पिछले साल अप्रैल से अब तक 3.5 करोड़ लोगों ने अपने PF खातों से करीब 1.25 लाख करोड़ रुपये की निकासी की है. इससे सैलरीड क्लास पर इस महामारी के व्यापक असर का पता चल रहा है.
इकनॉमिक टाइम्स ने अपनी खबर में एंप्लॉयीज प्रॉविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (EPFO) के आंकड़ों का जिक्र किया है.
गौरतलब है कि जिन लोगों ने पिछले एक साल में PF खातों से पैसा निकाला है उनकी संख्या कुल PF खाताधारकों के 50 फीसदी से भी ज्यादा है. देश में PF खाताधारकों की संख्या करीब 6 करोड़ है.
इस रकम में प्रॉविडेंट फंड, पेंशन, डेथ इंश्योरेंस और यहां तक कि ट्रांसफर भी शामिल हैं. वित्त वर्ष 2018-19 में EPFO ने कुल 81,200 करोड़ रुपये के क्लेम सेटल किए थे.
कोविड एडवांस के तौर पर 18,000 करोड़ निकाले
पिछले साल 1 अप्रैल से लेकर इस साल 12 मई 2021 तक इन 3.5 करोड़ PF सब्सक्राइबर्स में से कुल 72 लाख लोगों ने नॉन-रिफंडेबल कोविड-19 एडवांस लिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, ये रकम करीब 18,500 करोड़ रुपये की है.
गौरतलब है कि मार्च 2020 में केंद्र ने कोविड महामारी को देखते हुए PF विद्ड्रॉल के नियमों को उदार करते हुए इसमें कोविड एडवांस को शामिल किया था.
इसके तहत PF सब्सक्राइबर्स अपने बैलेंस का 75 फीसदी या तीन महीने की तनख्वाह, इसमें से जो भी कम हो, उसे कोविड के इलाज के लिए नॉन-रिफंडेबल एडवांस के तौर पर निकाल सकते हैं.