Post Office: डाकघर में आपकी जमा गाढ़ी कमाई के साथ कोई फ्रॉड हुआ है, तो घबराने की जरूरत नहीं है. इसका समाधान हो सकता है. इसी तरह की समस्या से निपटने के लिए डाक विभाग ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) जारी कर दिया है.
इससे पोस्ट ऑफिस (Post Office) की छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वाला व्यक्ति फर्जीवाड़े में हुए नुकसान की रकम क्लेम कर सकता है
पोस्ट ऑफिस की स्कीम्स में निवेश करने वालों के साथ कई तरह के फर्जीवाड़े का मामला सामने आ चुका है. इसको देखते हुए डाक विभाग को यह कदम उठाना पड़ा है.
पोस्ट विभाग ने 27 मई 2021 को ही यह सर्कुलर कर दिया था. अभी तक पोस्ट ऑफिस की किसी भी स्कीम से जुड़े फ्रॉड की सुनवाई या क्लेम को लेकर कोई स्टैंडर्ड प्रोसिजर नहीं था.
लेकिन अब नये सर्कुलर में स्पष्ट कर दिया गया है कि कोई भी व्यक्ति पोस्ट ऑफिस ब्रांच जाकर, स्पीड पोस्ट या ईमेल के जरिए क्लेम फाइल कर सकता है.
छोटी बचत योजनाओं में निवेश को लेकर फर्जीवाड़े का मामला सामने आने के बाद नुकसान की भरपाई मांगी जा सकती है.
पोस्ट ऑफिस के सर्कुलर को लेकर फ्रॉड रिपोर्ट करने के लिए कोई समयसीमा नहीं तय की गई है. साथ ही सर्कुलर में कहा गया है कि किसी भी दावेदर या फ्रॉड को रिपोर्ट करने वाले व्यक्ति को किसी भी स्तर की असुविधा नहीं होनी चाहिए.
उन्हें फॉर्म भरने से लेकर अन्य तरह के सेटलमेंट के प्रत्येक स्टेज पर हर संभव मदद की जाएगी.
डाक विभाग ने एक स्टैंडर्ड फॉर्म जारी किया है. पोस्ट ऑफिस की छोटी बचत योजनाओं से जुड़े फ्रॉड या लेनदेन से जुड़े किसी गड़बड़ी की स्थिति में इस फॉर्म को भरना अनिवार्य है.
इस फॉर्म में क्लेम करने वाले व्यक्ति को यह भी बताना होगा कि वो क्यों और किस तरह का क्लेम कर रहे हैं. फॉर्म के साथ ही क्लेम करने वाले व्यक्ति को अपना फोटो पहचान पत्र और एड्रेस प्रूफ भी देना होगा.
पैन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट या अन्य किसी तरह का वैलिड प्रूफ सबमिट किया जा सकता है. इसके अलावा पासबुक/सर्टिफिकेट/डिपॉजिट रसीद की सेल्फ अटेस्टेड कॉपी भी सबमिट करनी होगी.
क्लेम सबमिट करने के लिए ऑरिजिनल डॉक्यूमेंट भी साथ ले जाना होगा. अगर कोई ईमेल के जरिए रिपोर्ट करता है या फॉर्म भरता है तो सही ईमेल आईडी या मोबाइल नंबर और पता देना होगा. इससे पोस्ट ऑफिस ब्रांच आधिकारिक रूप से संपर्क कर सकेगा.
क्लेम स्वीकार हो जाने के बाद एक सप्ताह के अंदर पोस्ट ऑफिस ब्रांच इसे प्रोसेस कर देगा. अगर ब्रांच को कोई अतिरिक्त जानकारी मिलती है तो वो खुद रिपोर्ट करने वाले व्यक्ति से संपर्क करेगा.
फॉर्म स्वीकार होने के 10 दिन के अंदर डिविजनल ऑफिस में फॉर्म सबमिट कर दिया जाएगा. डिविजनल ऑफिस में फॉर्म स्वीकार होने के बाद यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर जारी किया जाएगा ताकि क्लेम प्रोसेस को मॉनिटर किया जा सके.
क्लेम करने वाले व्यक्ति को इस यूनिक नंबर और रजिस्ट्रेशन की तारीख के बारे में जानकारी दी जाएगी. रजिस्ट्रेशन की तारीख से 25 दिनों के अंदर क्लेम जारी कर दिया जाएगा. हालांकि, यह क्लेम की रकम पर भी निर्भर करेगा.
रजिस्ट्रेशन की तारीख से 30 दिनों के अंदर क्लेम की रकम क्रेडिट या री स्टोर कर दी जाएगी. पेमेंट से पहले क्लेम करने वाले व्यक्ति को पासबुक, सर्टिफिकेट आदि मांगा जा सकता है.
अगर किसी मामले में फॉरेंसिक परीक्षण की जरूरत होगी, ऐसे मामलों में 90 दिन के अंदर ही सेटलमेंट करना होगा.