सिर्फ 10 साल में पैसा होगा डबल, सरकारी गारंटी वाली Post Office की ये स्कीम है कमाल

Kisan Vikas Patra features- अधिकतम निवेश की कोई लिमिट नहीं है. पोस्ट ऑफिस स्कीम्स पर सरकारी गारंटी मिलती है, यानी इसमें रिस्क बिल्कुल नहीं है.

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Post Office Saving Scheme: पैसा निवेश के लिए है और उसे डबल करना चाहते हैं तो एक कमाल की स्कीम है. लेकिन, पैसा डबल करने के चक्कर में कई लोग जोखिम में भी फंस सकते हैं. इसलिए जरूरी है कि पैसा बढ़ने के साथ-साथ सुरक्षित भी रहे. अगर आप एक सुरक्षित और जीरो रिस्क वाले निवेश की खोज में हैं तो पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम्स (Post office savings scheme) बढ़िया ऑप्शन है. खासकर लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के लिहाज तो पोस्ट ऑफिस की किसान विकास पत्र (Kisan Vikas Patra) स्कीम एकदम फिट है.

किसान विकास पत्र (Kisan Vikas Patra) भारत सरकार की एक वन टाइम इन्वेस्टमेंट स्कीम है, जहां एक तय अवधि में आपका पैसा दोगुना हो जाता है. किसान विकास पत्र देश के सभी डाकघरों और बड़े बैंकों में मौजूद है. इसका मेच्योरिटी पीरियड अभी 124 महीने है. इसमें न्यूनतम निवेश 1000 रुपए का होता है. अधिकतम निवेश की कोई लिमिट नहीं है. पोस्ट ऑफिस स्कीम्स पर सरकारी गारंटी मिलती है, यानी इसमें रिस्क बिल्कुल नहीं है.

क्या है किसान विकास पत्र? (KVP)
इस स्कीम की अवधि 124 महीने यानी 10 साल 4 महीने है. अगर आपने इस स्कीम में 1 जनवरी 2021 से 31 मार्च 2021 तक निवेश किया है, तो आपकी तरफ से जमा की गई एकमुश्त रकम (lump sum amount) 10 साल और 4 महीने में दोगुनी हो जाएगी. किसान विकास पत्र पर पर आपको 6.9 परसेंट का सालाना कंपाउंड ब्याज मिलता है. किसान विकास पत्र (Kisan Vikas Patra) में सर्टिफिकेट के रूप में निवेश होता है. 1000 रुपए, 5000 रुपए, 10,000 रुपए और 50,000 रुपए तक के सर्टिफिकेट हैं, जिन्हें खरीदा जा सकता है.

जितना चाहें उतना निवेश
आप KVP स्कीम में सर्टिफिकेट को 1,000 रुपए के न्यूनतम निवेश से खरीद सकते हैं, इस स्कीम में निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं है, यानी आप जितना चाहें इस स्कीम पैसा डाल सकते हैं. इस स्कीम की शुरुआत 1988 में हुई थी, तब इसका मकसद था किसानों के निवेश को दोगुना करना, लेकिन अब इसे सभी के लिए खोल दिया गया है. अब ये कह सकते हैं कि किसान विकास पत्र का फिलहाल किसानों से कोई लेना देना नहीं है.

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तीन तरह से खरीद सकते हैं
1. सिंगल होल्डर टाइप सर्टिफिकेट: इस तरह का सर्टिफिकेट खुद के लिए या किसी नाबालिग के लिए खरीदा जाता है
2. ज्वाइंट A अकाउंट सर्टिफिकेट: इसे दो वयस्कों को ज्वाइंट रूप से जारी किया जाता है. दोनों होल्डर्स को भुगतान होता है, या जो जीवित हो
3. ज्वाइंट B अकाउंट सर्टिफिकेट: इसे दो वयस्कों को ज्वाइंट रूप से जारी किया जाता है. दोनों में से किसी एक को भुगतान होता है या जो जीवित हो

किसान विकास पत्र के फीचर्स (Kisan Vikas Patra Features)
1. इस स्कीम पर गारंटीड रिटर्न मिलता है, इसका बाजार के उतार चढ़ाव से कोई लेना देना नहीं है, इसलिए ये निवेश का बेहद सुरक्षित जरिया है. अवधि खत्म होने के बाद आपको पूरी रकम मिल जाती है
2. इसमें इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट नहीं मिलती है. इस पर मिलने वाला रिटर्न पूरी तरह से टैक्सेबल है. मैच्योरिटी के बाद निकासी पर कोई टैक्स नहीं लगता है
3. मैच्योरिटी पर यानी 124 महीने बाद आप रकम निकाल सकते हैं, लेकिन इसका लॉक -इन पीरियड 30 महीनों का होता है. इससे पहले आप स्कीम से पैसा नहीं निकाल सकते, बशर्ते खाताधारक की मृत्यु हो जाए या कोर्ट का आदेश हो
4. इसमें 1000, 5000, 10000, 50000 के मूल्य वर्ग (denominations) में निवेश किया जा सकता है
5. किसान विकास पत्र को कोलैटरल के तौर या सिक्योरिटी के तौर पर रखकर आप लोन भी ले सकते हैं

कैसे खोलें अकाउंट? (How to Open KVP account)
– आप किसी भी Post office में जाकर फॉर्म भरकर अकाउंट खोल सकते हैं. फॉर्म को आनलाइन भी डाउनलोड किया जा सकता है.
– फॉर्म पर पूरा नाम, जन्मतिथि और नामांकित व्यक्ति का पता लिखा होना चाहिए.
– फॉर्म में परचेज अमाउंट की मात्रा स्पष्ट रूप से लिखी होनी चाहिए.
– KVP फॉर्म की राशि का भुगतान चेक या नकद के माध्यम से किया जा सकता है.
– चेक के माध्यम से भुगतान कर रहे हैं, तो फॉर्म पर चेक नंबर की जानकारी लिखें.
– फॉर्म में स्पष्ट करें KVP एकल या ज्वॉइंट ‘ए‘ या ज्वॉइंट ‘बी‘ सदस्यता, किस आधार पर खरीदा जा रहा है.
– ज्वॉइंट रूप से खरीदने पर दोनों लाभार्थियों के नाम लिखें.
– लाभार्थी के नाबालिग होने पर उसकी जन्म तिथि (DOB), माता–पिता का नाम का नाम लिखें.
– फॉर्म जमा करने पर लाभार्थी के नाम, मेच्योरिटी तिथि और मेच्योरिटी राशि के साथ किसान विकास प्रमाणपत्र मिलेगा.

जरूरी है PAN-Aadhaar
निवेश की कोई सीमा नहीं होने से मनी लॉन्ड्रिंग का खतरा भी है, इसलिए सरकार ने 2014 में 50,000 रुपए से ज्यादा के निवेश पर PAN कार्ड अनिवार्य कर दिया था. अगर 10 लाख या इससे ज्यादा निवेश करते हैं तो इनकम प्रूफ भी जमा करना होगा, जैसे ITR, सैलरी स्लिप और बैंक स्टेटमेंट. इसके अलावा पहचान पत्र के तौर पर आधार भी देना होता है.

Published - March 31, 2021, 08:40 IST