ज्यादातर लोग कमाई की शुरुआत करने के साथ ही पैसे बचाने के बारे में भी योजना बनाने लगते हैं. देश के ज्यादातर लोगों के लिए बचत का मतलब इसे गारंटीड इनकम वाले साधनों में लगाना होता है. इन साधनों में पोस्ट ऑफिस और पब्लिक सेक्टर बैंकों की स्कीमें आती हैं.
हालांकि, ब्याज दरों में मोटे तौर पर पिछले कुछ वर्षों से गिरावट का दौर जारी है, इसके बावजूद कई लोग अभी भी फिक्स्ड इनकम उत्पादों को छोड़कर अपना पैसा कहीं और नहीं लगाना चाहते हैं.
अगर 5 साल की एफडी जैसी मध्यावधि की स्कीमों पर नजर डाली जाए तो बैंकों की ब्याज दरें 5.4 फीसदी से 5.5 फीसदी के बीच हैं. लेकिन, पोस्ट ऑफिस अभी भी इन पर 6.7 फीसदी ब्याज दे रहा है.
5 साल के लिए 5 लाख रुपये निवेश करने पर कहां मिलेगा ज्यादा पैसा
इसका मतलब है कि आप अगर किसी सरकारी बैंक में 5 साल के लिए 5 लाख रुपये निवेश करते हैं तो आपको इस पर 1.54 लाख रुपये बतौर ब्याज के मिलते हैं. लेकिन, अगर यही पैसा आप पोस्ट ऑफिस में लगाते हैं तो आपको मैच्योरिटी पर 1.97 लाख रुपये मिलते हैं. यह बैंक एफडी के मुकाबले 43,000 रुपये ज्यादा रकम है.
वरिष्ठ नागरिकों को भी पोस्ट ऑफिस में फायदा
अगर आप एक सीनियर सिटीजन हैं तो पोस्ट ऑफिस में आपको 7.4 फीसदी का ब्याज मिलता है. अगर आप 5 साल के लिए 5 लाख रुपये पोस्ट ऑफिस में लगाते हैं तो आपको 2.21 लाख रुपये मिलेंगे. लेकिन, किसी सरकारी बैंक में किसी वरिष्ठ नागरिक के इतनी ही रकम लगाने पर 5.9 से 6.1 फीसदी ब्याज मिलता है. इस लिहाज से पोस्ट ऑफिस की स्कीम पर आपको कम से कम 50,000 रुपये ज्यादा मिलते हैं.
KVP में 124 महीने में दोगुना हो जाता है पैसा
पोस्ट ऑफिस के जरिए बेचे जाने वाले नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) पर 5 साल में 6.8 फीसदी ब्याज मिलता है. इसमें सभी तरह के निवेशकों को 5 लाख रुपये पर करीब 2 लाख रुपये अतिरिक्त मिलते हैं. किसान विकास पत्र (KVP) में आपका पैसा 124 महीनों में दोगुना हो जाता है. इस तरह से इस पर आपको 6.9 फीसदी सालाना ब्याज मिलता है.
दूसरी ओर, 120 महीने की एसबीआई की एफडी पर 5.4 फीसदी ही ब्याज मिलता है. अन्य पीएसयू बैंक आमतौर पर 5.3 फीसदी से 5.6 फीसदी के बीच ब्याज ऑफर करते हैं.
1,000 रुपये से कर सकते हैं शुरुआत
अहम बात ये है कि KVP और NSC में निवेश की जाने लायक न्यूनतम रकम महज 1,000 रुपये है और इनवेस्टर्स 100 रुपये के गुणांक में इससे ऊपर का निवेश कर सकते हैं. इन स्कीमों के लिए रिटर्न डिपॉजिट के वक्त ही फिक्स्ड होता है.
5 साल की एफडी और सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीमों में ब्याज दरें तिमाही आधार पर जुड़ता है, जबकि KVP और NSC में ब्याज दरें सालाना आधार पर जुड़ती हैं.