पायलट्स के काम के घंटे होंगे कम! DGCA ने दिया प्रस्ताव

DGCA ने कहा है कि पायलट्स और चालक दल के रात के काम के घंटों को कम किया जाए और उनके आराम को बढ़ाया जाए

पायलट्स के काम के घंटे होंगे कम! DGCA ने दिया प्रस्ताव

एविएशन रेग्युलेटर डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन यानी DGCA ने पायलट्स के काम के घंटे को कम करने की सिफारिश की है. DGCA ने कहा है कि पायलट्स और चालक दल के रात के काम के घंटों को कम किया जाए और उनके आराम को बढ़ाया जाए. DGCA ने इसके लिए एक प्रस्ताव जारी किया है जिस पर 4 दिसंबर तक टिप्पणियां आमंत्रित की गई हैं. DGCA का का यह प्रस्ताव पायलट्स की थकान की शिकायतों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जारी किया गया है.

कम होने पायलट्स के काम के घंटे

DGCA के इस प्रस्ताव में उड़ान ड्यूटी की अवधि को 13 घंटे से घटाकर 10 घंटे करने की सलाह दी गई है. साथ ही न्यूनतम साप्ताहिक आराम अवधि को 36 घंटे से बढ़ाकर 48 घंटे करने की बात कही गई है. इसमें लिखा है, ‘एक ऑपरेटर यह सुनिश्चित करेगा कि दो स्थानीय रातों सहित लगातार 48 घंटों का न्यूनतम साप्ताहिक आराम प्रदान किया जाए ताकि एक साप्ताहिक आराम अवधि के अंत और अगले की शुरुआत के बीच कभी भी 168 घंटे से अधिक न हो.’

इस प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि स्टैंडबाय अवधि भी 12 घंटे से अधिक की नहीं होनी चाहिए और हवाई अड्डे पर अधिकतम स्टैंडबाय समय (शयन कक्ष के साथ या उसके बिना) 8 घंटे से अधिक नहीं होना चाहिए. डीजीसीए ने यह भी सिफारिश की है कि उड़ान चालक दल के सदस्यों को 168 घंटे की अवधि के भीतर एक बार को छोड़कर, लगातार दो रातों से अधिक, स्थानीय समयानुसार 00:00 से 06:00 बजे के बीच कोई उड़ान ड्यूटी नहीं सौंपी जानी चाहिए या नहीं ली जानी चाहिए. इससे पायलट्स को आराम मिल सकेगा.

सिटी पेयर स्पेसिफिक का प्रस्ताव

DGCA ने कहा है, ‘DGCA विशिष्ट शहर जोड़े और इन उड़ानों की प्रस्थान खिड़कियों के लिए केस-दर-केस आधार पर अल्ट्रा-लॉन्ग उड़ानों के संचालन के लिए मंजूरी देगा. ऑपरेटरों को अल्ट्रा-लॉन्ग-हॉल परिचालन के लिए ‘सिटी पेयर स्पेसिफिक’ अनुमोदन प्राप्त करने के लिए डीजीसीए को एक विशिष्ट योजना प्रस्तुत करनी होगी.’इसमें यह भी कहा गया है, ‘यदि ऑपरेटर निर्देशात्मक नियमों का पालन करता है तो डीजीसीए चालक दल की सतर्कता के लिए इन उड़ानों को मान्य कर सकता है, लेकिन यह प्राथमिकता दी जाएगी कि चालक दल की सतर्कता की निरंतर निगरानी के लिए ऑपरेटर थकान जोखिम प्रबंधन प्रणाली अपनाए.’

विमानन प्राधिकरण का यह भी कहना है कि इसके अलावा, DGC जरूरत के मुताबिक रिकॉर्ड की प्रतियां और विश्‍लेषण प्रस्तुत करने का अनुरोध कर सकता है. ऑपरेटरों को यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि उड़ान चालक दल के सदस्य अपने दैनिक उड़ान समय, ड्यूटी अवधि, उड़ान ड्यूटी अवधि और आराम अवधि का व्यक्तिगत रिकॉर्ड बनाए रखें. दरअसल, यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए नियामक का कहना है कि पायलट्स या चालक दल के सभी सदस्यों का स्वस्थ और रिलैक्स होना जरुरी है. कई बार लगातार ड्यूटी के कारन पायलट्स को आराम नहीं मिल पाटा है और ऐसे में उड़ान रिस्की हो सकता है.

Published - November 5, 2023, 11:06 IST